टोंक
दो सगी बहनों ने एक लड़के से शादी कर ली दोनों परिवार इस शादी से काफी खुश है बल्कि यह शादी किसी दबाव में आकर नहीं कि सभी के फैसले से की है बताया जा रहा है छोटी बहन जिसके साथ शादी की है वह अभी तक आठवीं तक की पढ़ाई की है. पहले रामप्रसाद मीणा ने अपने बेटे का रिश्ता सिंदडा निवासी बाबूलाल मीणा की बड़ी बेटी कांता के लिए भेजा, लेकिन कांता ने एक शर्त रख दी.
झोपडिय़ा गांव निवासी रामप्रसाद मीणा अपने पुत्र हरिओम मीणा के विवाह के लिए निवाई के सोन्दडा खादया की ढाणी में बाबूलाल मीणा के घर रिश्ता भेजा. जहां बाबूलाल ने रिश्ता तो कबूल कर लिया. लेकिन उन्होंने बेटी कांता की ऐसी शर्त रखी, जिस पर रामप्रसाद सोचने पर मजबूर हो गए. कांता के पिता बाबूलाल ने रामप्रसाद मीणा के सामने अपनी दोनों बेटियों की एक साथ उनके बेटे हरिओम के साथ विवाह करने की शर्त रखी. इसमें दुल्हन कांता के पिता ने उन्हें बताया कि उनकी छोटी बेटी सुमन मानसिक रूप से कमजोर है. इस कारण वे दोनों बेटियों का एक साथ विवाह करेंगे. अगर शर्त मंजूर हो तो रिश्ते को आगे बढ़ाएं. इस पर दूल्हे के पिता और दुल्हा इस बात को लेकर सहमत हो गए.
बांटे गए विवाह निमंत्रण पत्र
बीती 5 मई को संपन्न हुए इस अनूठे विवाह समारोह को हरिओम के परिवार ने पूरे धूमधाम से आयोजित किया. बाकायदा कार्ड छपवाकर बंटवाए गए. वधू के रूप में दोनों बहनों ने विवाह मंडप में हरिओम के साथ अग्नि को साक्षी मान एक साथ सप्तपदी पूरी की. हरिओम की पत्नी बनीं दोनों नवविवाहिताओं का ससुराल आने पर पूरी परंपराओं के साथ गृह प्रवेश करवाया गया और अन्य रस्में पूरी की गईं.
बड़ी बहन कांता है उर्दू से B.Ed जबकि सुमन है 8वीं पास
दूल्हे हरिओम ने बताया, वह स्वयं प्रतियोगी परीक्षाओं की तैयारी कर रहा है. जबकि उसकी पत्नी कांता उर्दू से बीएड है. कांता की छोटी बहन यानी हरिओम की दूसरी पत्नी सुमन मानसिक रूप से कमजोर होने चलते सिर्फ 8वीं तक ही पढ़ पाई थी.
कांता की छोटी बहन सुमन मानसिक रूप से कुछ कमजोर है.इस कारण उसे अपनी छोटी बहन की हर समय चिंता रहती है. मानसिक रूप से कमजोर होने के कारण कांता ही अपनी छोटी बहन सुमन का हर समय ख्याल रखती है. इसको लेकर दुल्हन कांता ने अपना मन बना रखा था, कि वह जब ही शादी करेगी.जब दूल्हा उसके साथ उसकी छोटी बहन के साथ भी फेरे लेगा.इसको लेकर कांता ने दूल्हे के परिवार के समक्ष यह शर्त रखी थी. दुल्हन कांता का कहना हैं कि शादी होने के बाद वह अपनी बहन को साथ में रखकर जीवन भर उसका ध्यान रख सकेगी. कांता के इस त्याग और अनूठी पहल को लेकर लोगों में काफी चर्चा हो रही है.
दूल्हा हरिओम ने स्नातक तक पढ़ाई की है और वह वर्तमान में प्रतियोगी परीक्षाओं की तैयारी कर रहा है. वह दुल्हन कांता के इस फैसले को लेकर खुश है. उसे इससे कोई आपत्ति नहीं हैं.उसने अपनी पत्नी की इस पहल की प्रशंसा की. उसने कहा कि वह दोनों सगी बहनों से शादी करके खुश है और उन्हें हमेशा खुश रखने का प्रयास करेगा.
उसने यह कदम ससुराल पक्ष की इस पीड़ा को देखकर उठाया है. वहीं दुल्हन कांता ने उर्दू में स्नातकोत्तर किया है और उसकी छोटी बहन सुमन आठवीं तक पढ़ी-लिखी है. इस दौरान यह विवाह समारोह कोई चोरी छुपे तरीके से आयोजित नहीं हुआ. बल्कि इस विवाह समारोह को बड़े भव्य तरीके से आयोजित किया गया. जिसके कई लोग साक्षी बने.
हरिओम की पहल को लोग मान रहे एक मिसाल
हरिओम ने बताया कि जब दोस्तों से इस विवाह को लेकर चर्चा की गई थी तो किसी ने उसे सोच समझकर फैसला लेने की सलाह दी. वहीं, कइयों ने उनका मज़ाक भी उड़ाया. लेकिन अब सभी हरिओम और उनके परिवार के कदम की तारीफ कर रहे हैं.
नवविवाहित दूल्हे का कहना है कि वह भी पत्नियों को इस तरह रखेगा कि उन्हें कभी किसी तरह का दुख न पहुंचे और दोनों का आपसी स्नेहभाव यूं ही बना रहे.