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DMF फंड से कराये जा रहे कार्यो में जमकर किया जा रहा भ्रष्टाचार…अफसर हुए लापरवाह…भ्रष्टाचार में आकंठ डूबा मुंगेली जिला…भाजपा-कांग्रेस भी मौन…जनता और स्टूडेंट्स हुये परेशान…

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रायपुर-मुंगेली/ भ्रष्टाचार, अनियमितता, गबन, घोटाले ये सारे शब्द मुंगेली में कराये जा रहे निर्माण कार्यो, मरम्मत कार्यो और जीर्णोद्धार कार्यो के पर्याय बन चुके हैं। कारण यह हैं कि मुंगेली में अधिकारियों की मनमानी उनकी भ्रष्टचार करने की सोच ने मुंगेली के विकास में अवरोध उत्पन्न किया हैं। मुंगेली में हुए भ्रष्टाचार पर अपराध भी पंजीबद्ध हो चुके हैं और भ्रष्ट जनप्रतिधि सहित भ्रष्ट अधिकारियों को जेल भी जाना पड़ा हैं।
मिली जानकारी के अनुसार मुंगेली में डीएमएफ मद से हुए निर्माण, जीर्णोद्धार कार्य में जमकर भ्रष्टाचार किया जा रहा हैं। डीएमएफ फंड की राशि से हुए निर्माण कार्यो में काफी अनियमितताएं बरती जा रही हैं, डीएमएफ मद से कराए जा रहे कार्यो में अधिकांश कार्य कुछ महीनों में ही भ्रष्टाचार की भेंट चढ़ चुका हैं और जिम्मेदार अधिकारियों ने भी मामले में लीपापोती करने में लगे हैं।
मिली जानकारी के अनुसार मुंगेली नगर पालिका क्षेत्र में स्थित एसएनजी कालेज में मुंगेली जिला खनिज संस्थान न्यास के मद से ग्राम पंचायत लिलवाकापा द्वारा लभगभ 14 लाख 85 हजार का जीर्णोद्धार कार्य कराया गया था जो मार्च 2023 में शुरू हुआ और जुलाई 2023 में पूर्ण होना बताया गया, कार्य पूर्ण होते ही संबंधित और जिम्मेदार अधिकारियों ने उपयोगिता/कार्य पूर्णता प्रमाण पत्र और गुणवत्ता प्रमाण पत्र जारी भी कर दिया, जिसमें अनुविभागीय अधिकारी ग्रामीण यांत्रिकी सेवा, उपयंत्री जनपद पंचायत सहित सरपंच, सचिव लिलवाकापा के हस्ताक्षर हैं।
प्राप्त जानकारी के डीएमएफ फंड से एसएनजी कॉलेज में कराये गए इस जीर्णोद्धार कार्य में जमकर अनियमितता बरती गई हैं, बताया जाता हैं कि एसएनजी कालेज के सामने परिसर ग्राउंड में कार्य हुआ है उसमें जमकर भ्रष्टाचार किया गया हैं क्योंकि जीर्णोद्धार कार्य के कुछ महीनों में ही बैठने के लिए बनाए गए चबूतरे की टाइल्स उखड़ने लग गई थी, और जीर्णोद्धार के अंतर्गत बनाये गए सभी चबूतरे जर्जर हो गए हैं, जो आज भी जर्जर स्थिति में हैं ऐसे में प्रश्न यह उठता हैं कि जिम्मेदार अधिकारियों ने निरीक्षण के दौरान इन कमियों को क्यों नहीं देखा ? उपयोगिता/ कार्यपूर्णता और गुणवत्ता प्रमाण पत्र जारी कैसे कर दिया ? फिलहाल इस एसएनजी कॉलेज में पढ़े छात्रों का कहना हैं कि इस मामले में भ्रष्टाचार करने वाले दोषियों पर कार्यवाही की जानी चाहिए, तथा उनसे ही रिकवरी कर उसी राशि से पुनः गुणवत्तापूर्ण कार्य किया जाना चाहिए। बताया जाता हैं कि इस विषय में ज्ञापन व आंदोलन की रणनीति बनाई जा रही हैं। वहीं शहर की जनता व छात्रों में भाजपा और कांग्रेस नेताओं के लिए भी आक्रोश हैं कि अधिकारियों की मनमानी और भ्रष्टाचार पर वे चुप क्यों हैं ? वही एक और डीएमएफ फंड से अवैध कालोनी में हुए सड़क निर्माण के भ्रष्टाचार में भी जांच अधिकारी नियुक्त होने के बाद जांच का अतापता नहीं हैं, देखना हैं कि इस मामले में क्या कार्यवाही की जाती हैं।

लिखित शिकायत कर कार्यवाही की मांग…

इस पूरे मामले में अधिवक्ता स्वतंत्र तिवारी ने मुख्यमंत्री और कलेक्टर से शिकायत कर कार्यवाही करने की मांग की हैं, शिकायत में बताया गया हैं कि जनपद पंचायत मुंगेली से सूचना के अधिकार के तहत मिली जानकारी के अनुसार शा.एस. एन.जी. कालेज में जीर्णोद्धार का कार्य डीएमएफ मद से लिलवाकापा ग्राम पंचायत द्वारा कराया गया है जिसकी स्वीकृति की लागत लगभग 14.90 लाख रूप्ये हैं, एसएनजी कालेज में उक्त जीर्णोद्धार कार्य का गुणवक्ता प्रमाण पत्र तथा उपयोगिता / कार्य पूर्णता प्रमाण पत्र अधिकारियों द्वारा जारी किया गया जिसमें मुख्य कार्यपालन अधिकारी जनपद पंचायत मुंगेली, अनुविभागीय अधिकारी ग्रामीण यांत्रिकी सेवा, उपयंत्री जनपद पंचायत मुंगेली, ग्राम पंचायत लिलवाकापा के सरपंच व सचिव के हस्ताक्षर हैं, इसमें यह तथ्य स्पष्ट नहीं हो पा रहा है कि एसएनजी कालेज में डीएमएफ से जो जीर्णोद्धार कार्य हुआ हैं वह कालेज के अंदर हुआ हैं या कालेज परिसर में बने चबूतरे, चेकर टाईल्स/ब्लाक लगाने का कार्य भी इसी जीर्णोद्धार कार्य के तहत हुआ हैं या इसका अलग से मद, योजना से निर्माण/जीर्णोद्धार कार्य हुआ हैं ? और इस कार्य का अलग से सूचना पटल बोर्ड भी नहीं लगाया गया हैं। महाविद्यालय प्रबंधन से मिली जानकारी के अनुसार पहले एसएनजी कालेज के बाहर के परिसर में चूबतरे, चेकर टाईल्स निर्माण का कार्य हुआ था, उसके बाद कालेज के अंदर कार्य हुआ है दोनों कार्य डीएमएफ मद का बताया जा रहा हैं। एसएनजी कालेज में डीएमएफ से हुये समस्त कार्यों की गुणवक्ता की सूक्ष्मता से जांच करने तथा कालेज परिसर में चबूतरा, टाईल्स ब्लाक निर्माण में जो अनियमिततायें, भ्रष्टाचार बरती गई हैं उसमें संबंधित दोषी अधिकारियों के खिलाफ कड़ी कार्यवाही करने तथा उनसे राशि वसूली कर उसी राशि से पुनः गुणवक्तापूर्ण निर्माण, मरम्मत व जीर्णोद्धार कार्य कराये जाने की मांग की गई हैं।