दो साल पहले कांग्रेस भवन में घुसकर पुलिस ने लाठियां बरसाई थी, अटल समेत कई घायल हुए थे
बिलासपुर। 2 साल पहले पूर्व मंत्री अमर अग्रवाल के घर में कचरा फेंकने के मामले में कांग्रेसियों पर पुलिस द्वारा लाठी चार्ज करने के मामले में अब कांग्रेसजनों के बयानों का प्रति परीक्षण किया जाएगा। लॉकडाउन के बाद दंडाधिकारी जांच फिर से शुरू हो रही है। लाठीचार्ज के मामले में अभी तक दंडाधिकारी जांच पूरी नहीं हो पाई है। कई कांग्रेसी कार्यकर्ताओं का के बयान का प्रति परीक्षण अतिरिक्त जिलाधीश के सामने किया जाना है। 17 जुलाई को लाठीचार्ज के मामले में कांग्रेस जनों के बयान का पति परीक्षण किया जाएगा। इस मामले में कांग्रेसी नेताओं तथा कार्यकर्ताओं को नोटिस जारी किया गया है। लाठीचार्ज के बयान पर जांच बिंदु में परीक्षण किया जाएगा। लॉकडाउन के पूर्व कांग्रेस नेता अटल श्रीवास्तव, विजय केशरवानी, अभय नारायण राय, जावेद मेमन, सीमा पांडे, अनीता लव्हात्रे के अलावा 35 से अधिक कांग्रेस जनों को बयान का प्रति परीक्षण किया जाना है। कुछ पदाधिकारियों कार्यकर्ताओं का प्रति परीक्षण नहीं हुआ है। इस मामले में अतिरिक्त जिलाधीश दंडाधिकारी जांच कर रहे हैं। अब फिर से इस मामले में जांच शुरू हो गई है। 18 सितंबर 2018 को कांग्रेस भवन में पुलिस ने घुसकर प्रदेश कांग्रेस के उपाध्यक्ष अटल श्रीवास्तव, विजय केशरवानी, सीमा पांडेय, जावेद मेमन, अभय नारायण समेत कांग्रेस जनों पर लाठी चलाई। विपक्ष में रहते हुए कांग्रेस ने लाठीचार्ज के मुद्दे को लेकर धरना आंदोलन किया था। सिविल लाइन थाने का घेराव किया था। तत्कालीन एएसपी चंद्राकर का तबादला कर दिया गया था। कोनी थाना में भी अभय नारायण एवं कांग्रेस जनों के साथ पुलिस ने मारपीट की थी। कांग्रेस ने थाने का घेराव किया था। के दिग्गज नेता भूपेश बघेल, पीएल पुनिया समेत अनेक नेताओं ने इस मामले को लेकर आंदोलन किया था। विधानसभा में मुद्दे उठा था। तत्कालीन सरकार ने दंडाधिकारी जांच के आदेश दिए थे। अब कांग्रेस शासनकाल में यह जांच फिर से शुरू हुई है।