कोरबा ।राज्य में दो तिहाई से अधिक कोरोना पॉजिटिव मरीज अकेले कोरबा जिले के कटघोरा में मिले हैं। इस वजह से कटघोरा में रहने वाले सभी लोगों की कोरोना जांच के लिए सैंपल लिया जाना है। पिछले पांच दिन में 752 सैंपल लिए गए हैं, जिसमें 335 की नेगेटिव रिपोर्ट आ चुकी है। 417 लोगों की रिपोर्ट अभी आनी शेष है। इसमें 123 सैंपल अभी भी हाई रिस्क वाले हैं। जांच की रफ्तार बेहद सुस्त है। यही गति रही तो 90 दिन से अधिक का समय जांच में लगेगा।कटघोरा की आबादी 26 हजार है और मुख्यमंत्री भूपेश बघेल ने यहां रहने वाले सभी की जांच करने अफसरों को कहा है। पहले दिन नौ अप्रैल को 200 लोगों का सैंपल लिया गया। 10 अप्रैल को 200, 11 अप्रैल को 118, 12 अप्रैल को 234 सैंपल लिए गए और 13 अप्रैल को देर शाम तक निरंक रहा। इस तरह अब तक कुल 752 लोगों का सैंपल लिया जा चुका है। कलेक्टर किरण कौशल का कहना है कि सात लैब टेक्नीशियन समेत स्वास्थ्य विभाग का अमला पूरी क्षमता से सैंपल लेने के काम में लगा है। एम्स रायपुर में एक दिन में 350 लोगों की ही जांच रिपोर्ट आ सकती है, इसलिए संसाधनों की उपलब्धता के अनुसार प्रतिदिन 300 लोगों के सैंपल लिए जाने का टारगेट रखा गया है। अब तक जिले में एक हजार से ज्यादा सैंपल लिए जा चुके हैं। इस स्थिति में काफी दिन लगने के सवाल पर उनका कहना था कि हालात को देखते हुए शासन से दिशा-निर्देश के अनुरूप सैंपलिंग पर निर्णय लिया जाएगा।
शहर में भी सख्ती
कटघोरा के कोरोना संक्रमित लोगों का कोरबा शहर से जुड़ने पर कोरबा में भी अतिरिक्त सतर्कता बरतते हुए शहर को अलग-अलग छह सेक्टर में प्रशासन ने बांटकर बैरिकेडिंग कर दिया है। इंटर सेक्टर आने-जाने में भी रोक लगा दी गई है। जरूरी होने पर इसके लिए प्रशासन से अनुमति लेनी होगी। सेक्टर इस ढंग से बांटे गए हैं कि उसके अंदर ही आवश्यक सामग्री की दुकानें समाहित हो। पहले आवश्यक सामग्री की खरीदी के लिए सुबह 10 से शाम चार बजे तक समय निर्धारित किया गया था। इसमें भी तीन घंटे की कटौती कर सुबह 10 से दोपहर एक बजे कर दिया गया है।