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रामकथा दार्शनिक व आध्यात्मिक विरासत है : मंदाकिनी

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राजीव गांधी ऑडिटोरियम टीपी नगर में श्रीराम कथा का शुभारंभ 14 से
कोरबा।
श्री रामकथा आयोजन समिति द्वारा 14 से 20 मार्च तक श्रीराम कथा का आयोजन किया गया है। कथा व्यास युग तुलसी राम किंकर महाराज की उत्तराधिकारी दीदी मां मंदाकिनी श्रीरामकिंकर होंगी। इंदिरा स्टेडियम के पास स्थित राजीव गांधी ऑडिटोरियम टीपी नगर में शाम 5 से 6 बजे तक भक्ति संगीत एवं शाम 6 से 8 बजे तक श्रीराम कथा का आयोजन होगा।
उक्ताशय की बातें प्रेसवार्ता के दौरान मां मंदाकिनी ने कही। उन्होंने कहा कि रामकथा दार्शनिक व आध्यात्मिक विरासत है जो सद् गुरुदेव से प्राप्त हुई है। इस पावन परंपरा का निर्वहन उसी गरिमा और शालीनता से की जा रही है। सन् 1942 में बुद्धि को चमत्कृत करने वाली मानस दर्शन की यह नवीनतम विधा जब से युग तुलसी महाराज रामकिंकर के गोमुख से प्रक्रट हुई तब से महाराज ने हर स्थान पर प्रतिवर्ष कथा कहकर राम कथा के श्रोताओं का निर्माण किया। संत और भगवंत की कृपा से प्रतिवर्ष की परंपरा गत 74 वर्षों से अनुष्ठित होती हुई आज भी आबाद रूप से प्रवाहमान है। उन्होंने कहा कि इस विरासत को उन्होंने न केवल अक्षुण्य रखा है बल्कि इसका विस्तार महानगरों से लेकर सुदुर वनवासी एवं ग्रामीण अंचलों तक पहुंचाया है। अस्मिता जागरण नारी सशक्तिकरण एवं संस्कृति संरक्षण के उद्देश्य से मां मंदाकिनी द्वारा जननी जागृति दर्शन का गठन किया गया है। इसके अंतर्गत परिवार, समाज एवं राष्ट्र निर्माण के लिए समर्पित महिलाओं को सम्मानित किया जाता है।