झाबुआ। आदिवासियों का सांस्कृतिक पर्व भगोरिया आज से ढोल, मांदल और बांसुरी की आवाज से गूंजेगा। साथ ही फाग की मस्ती में डूबे आदिवासी युवाओं की गगनभेदी कुर्राटियां भी मस्ती का अहसास कराएंगी। झाबुआ और आलीराजपुर जिलों में 9 मार्च तक चलने भगोरिया हाटों में परंपरानुसार आदिवासियों के वैवाहिक रिश्ते भी तय होंगे। उल्लेखनीय है कि भगोरिया हाट देखने के लिए देश ही नहीं विदेशों से भी बड़ी संख्या में पर्यटक झाबुआ और अलीराजपुर जिले में आते हैं। भगोरिया मेले में आदिवासी आधुनिक मेलों का आयोजन 3 मार्च से होली के पहले आने वाले रविवार तक प्रतिदिन होगा। 3 मार्च को आलीराजपुर के बखतगढ़, आम्बुआ और झाबुआ के अंधारवाड़, पिटोल, खरड़ू, थांदला, तारखेड़ी तथा बरवेट में भगोरिया हाट लगेंगे। आलीराजपुर जिले का प्रसिद्ध भगोरिया हाट चांदपुर में 4 मार्च को, आलीराजपुर के वालपुर में 6 मार्च और 7 मार्च को झाबुआ जिले के रानापुर, 8 मार्च को आलीराजपुर जिले के छकतला में भगोरिया हाट का आयोजन होगा। 9 मार्च को आलीराजपुर में अंतिम भगोरिया हाट भरेगा।