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विधानसभा : धान खरीदी हेतु पंजीकृत किसानों का रकबा में कटौती करने के मुद्दे पर घिरे राजस्व मंत्री

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विधानसभा अध्यक्ष ने मंत्री को मामले में पुन: परीक्षण कराने के दिए निर्देश
रायपुर।
विधानसभा में आज विपक्षी दलों ने राज्य सरकार द्वारा किसानों से समर्थन मूल्य पर खरीदा जा रहे धान के रकबा में कटौती किए जाने का मामला जोरशोर से हुए राजस्व मंत्री जयसिंह अग्रवाल को घेरा। विधानसभा अध्यक्ष डा. चरणदास महंत ने इस मामले में विपक्षी सदस्यों की चिंता को देखते हुए राजस्व मंत्री को इस मामले में पुन: परीक्षण कराने के निर्देश दिए।
प्रश्रकाल में आज बहुजन समाज पार्टी (बसपा) सदस्य केशवप्रसाद चंद्रा ने जांजगीर-चांपा जिले में पंजीकृत किसानों का रकबा काटे जाने का मामला उठाते हुए मंत्री से पूछा कि रकबा में कटौती करने का कारण क्या है। क्या इसके लिए अधिकारियों को सरकार ने निर्देशित किया था अगर नहीं तो उन अधिकारियों के खिलाफ कार्रवाई होनी चाहिए जो बिना सरकार के निर्देश के रकबा में कटौती की है। राजस्व मंत्री श्री अग्रवाल ने कहा कि सरकार ने ऐसे कोई निर्देश नहीं दिए है। उन्होंने कहा कि जिले में वर्ष 2019-20 में समर्थन मूल्य पर धान खरीदी हेतु 173205 किसानों का पंजीयन पर्ची के आधार पर किया गया है जिसमें से 26969 नवीन पंजीयन है। उन्होंने यह भी कहा कि धान खरीदी हेतु पंजीकृत रकबा-खसरा एवं राजस्व रिकार्ड अनुसार वास्तविक रकबा में अंतर होने के कारण 20254 किसानों का रकबा संशोधन राजस्व रिकार्ड अनुसार किया गया है। उन्होंने यह भी बताया कि 20 फरवरी 2020 तक कुल 558 किसानों का रकबा पंजीयन में संशोधन किया गया जिसमें से 554 पात्र किसानों का रकबा संशोधन वृद्धि किया गया, वहीं अन्य चार किसानों के अलग-अलग कारण से उनके रकबे में संशोधन नहीं किया गया। मंत्री ने बसपा सदस्य के एक अन्य प्रश्र के उत्तर में यह भी कहा कि सत्यापन के बाद किसानों का पंजीयन नहीं बल्कि पंजीयन पहले होता है।
बसपा सदस्य श्री चंद्रा ने इस पर कहा कि जिन 554 पात्र किसानों का रकबा में पहले अधिकारियों द्वारा कटौती की गई थी उसका कारण क्या है। उन्होंने कहा कि अगर सरकार के निर्देश के बगैर उन किसानों के रकबा में कटौती की गई थी तो क्यो वे ऐसे अधिकारियों के खिलाफ कार्रवाई करेंगे।
भाजपा सदस्य नारायण चंदेल ने भी राजस्व मंत्री से सवाल किया कि पंजीकृत किसानों का रकबा क्या सरकार के निर्देश पर काटा गया था या फिर अधिकारियों ने अपनी मर्जी से रकबा में कटौती की थी। उन्होंने कहा कि पूरे प्रदेश में किसानों का रकबा काटा जा रहा है। नेताप्रतिपक्ष धरमलाल कौशिक ने आरोप लगाया कि रकबा में कटौती कर सरकार किसानों से धान खरीदने से बचना चाहती है। उन्होंने भी राजस्व मंत्री से इस मामले में जांच कराने की मांग की।
पूर्व मुख्यमंत्री व जनता कांग्रेस छत्तीसगढ़ के सदस्य अजीत जोगी ने राजस्व मंत्री पर मीठे बोल से तंज कसते हुए विधानसभा अध्यक्ष से कहा कि मंत्री जी को इस मामले में आपका संरक्षण मिलना चाहिए, क्योंकि वे एक व्यापारी है, खेती-किसानी के संबंध में उनका अनुभव कम है। इस पर राजस्व मंत्री ने भी श्री जोगी पर पलटवार करते हुए कहा कि राजनीति में नये नहीं है। वे शुरू से राजनीति से जुड़े हुए है और वे भी खेती-किसानी से जुड़े है क्योंकि उनके पास भी खेत है। श्री अग्रवाल ने कहा कि वे किसानों की समस्या को अच्छे से जानते है। विपक्षी सदस्य इस मुद्दे पर जांच तथा दोषी अधिकारियों पर कार्रवाई की मांग को लेकर अड़े रहे, जिसके बाद विधानसभा अध्यक्ष ने विपक्षी सदस्यों की चिंता को देखते हुए मंत्री को निर्देशित किया कि वे इस मामले में पुन: परीक्षण करा लें।