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मुंगेली/ मुंगेली के हृदय स्थल में स्थित शासकीय पूर्व माध्यमिक शाला नगर पालिका स्कूल में आज सोमवार को एक बड़ा हादसा होने से बच गया। स्कूल का करीब 12-15 फीट के छत का हिस्सा, छज्जा अचानक भरभराकर गिर गया, गनीमत रही कि उस समय कोई बच्चा क्लास में मौजूद नहीं था, क्योंकि मिडिल क्लास का समय सुबह हैं, और यह घटना दोपहर की हैं। हालांकि उक्त कक्षाओं के बगल में हाईस्कूल और हायर सेकेंडरी की कक्षायें संचालित हो रही थी। जर्जर स्कूलों की छत गिरने की यह घटना पहली नहीं हैं, पहले भी रामानुज स्कूल, इग्नाईट स्कूल सहित कई जर्जर स्कूलों की छतें गिर चुकी हैं, बावजूद इसके कोई ठोस पहल नहीं की जा रही हैं, हालांकि मुंगेली कलेक्टर राहुल देव के द्वारा जर्जर स्कूलों को चिन्हांकित कर सूची तैयार करने शिक्षा विभाग को निर्देश दिया जा चुका हैं।
आज के घटना के बाद बच्चे व शिक्षकों में दहशत का माहौल है। शिक्षकों ने विभागीय अधिकारियों को सूचित कर दिया हैं, साथ ही स्कूल से मिली जानकारी के मुताबिक स्कूल प्रबंधन द्वारा भी जर्जर कक्षा भवन के विषय में पत्र व्यवहार के माध्यम से उच्चाधिकारियों को अवगत भी कराया जा चुका हैं। बताया जाता है कि स्कूल का भवन भी काफी जर्जर हालत में है, जिसके कमरों की छत से प्लास्टर भी गिरता रहता है, कई कमरों में सीलन भी आती हैं। जिला प्रशासन के अधिकारियों को चाहिए कि जल्द से जल्द इस जर्जर स्कूल भवन के मरम्मत व निर्माण पर ध्यान दे।
प्राप्त जानकारी के अनुसार पहले इस स्कूल का संचालन नगर पालिका द्वारा किया जाता रहा हैं और इसी वजह से यह नगर पालिका स्कूल के नाम से प्रसिद्ध भी हैं परंतु सन 2019-2020 में इस को राज्य शासन के अधीन कर सरकार द्वारा संचालन किया जा रहा हैं, जिससे प्रशासनिक अधिकारियों, नेताओं और जनप्रतिनिधियों का ध्यान इस स्कूल की ओर कम दिखाई पड़ता हैं। कुछ गिने-चुने जनप्रतिनिधि हैं जो इस स्कूल के लिए लगातार आवाज उठाते हैं। उक्त घटना की जानकारी मिलते ही स्कूल के जनभागीदारी समिति के अध्यक्ष रोहित शुक्ला तत्काल मौके में पहुंच कक्ष का मुआयना किया और कलेक्टर से मिलकर जल्द ही स्कूल के मरम्मत की मांग करने की बात कही।
इसी बीच आज एक बड़ी खबर सुनने को मिली जिसमे प्रदेश के मुख्यमंत्री भूपेश बघेल ने शाला भवनों की मरम्मत एवं रखरखाव के लिए 500 करोड़ रुपए की स्वीकृति प्रदान की। उनके द्वारा मुख्य सचिव को निर्देश देकर सभी शालाओं में निर्विघ्न पढ़ाई सुचारू रूप से चलने के लिए बरसात के समाप्त होते ही जर्जर शालाओं के मरम्मत का कार्य तत्काल प्रारंभ करने निर्देशित किया।