पुलिस कार्यवाही से बचने का कारगर तरीका
कोरबा। प्रेस, पुलिस सहित अन्य पदनाम लिखे वाहनों पर फर्राटे भरना इन दिनों परेशान बन गया है। हर दूसरे-तीसरे वाहनों पर प्रेस व पुलिस लिखा नजर आता है। लोग बाइक सहित निजी चार पहिया वाहनों में भी प्रेस व पुलिस लिखवाने से नहीं चूक रहे हैं। यहां तक सवारी ढोने वाली कई वाहनों में भी प्रेस लिखकर प्रशासन की नजरों में धूल झोंका जा रहा है। वाहनों पर प्रेस लिखवाना कार्रवाई से बचने का कारगर तरीका बन चुका है।
जिले में इन दिनों प्रेस, पुलिस सहित अन्य पदनाम लिखे वाहनों की बाढ़ ही आ गई है। सड़क पर चलने वाले ज्यादातर वाहनों में प्रेस व पुलिस लिखा आसानी से देखा जा सकता है। यहां तक की नंबर प्लेट में गाड़ी की नंबर की जगह प्रेस लिखवाया जाता है। जबकि यह मोटर व्हीकल एक्ट के प्रावधानों का उल्लंघन है। नंबर प्लेट में नंबर के सिवाय और कुछ नहीं लिखे जाने का प्रावधान है। अपनी गाड़ियों में प्रेस लिखे जाने के पीछे लोगों की यह मंशा होती है कि उनकी गाड़ी को बेधड़क फर्राटे भरने से कोई न रोके तथा उनकी ड्राइविंग लाइसेंस व तीन सवारी आदि की जांच न हो। इसके चलते प्रेस लिखी गाड़ियों की संख्या में निरंतर इजाफा हो रहा है। प्रेस से दूर-दूर तक कोई संबंध नहीं होने के बाद भी कई गाड़ियों में प्रेस लिखा होता है और इनके खिलाफ कोई कार्रवाई नहीं होती। जिसके चलते प्रेस लिखने का चलन बढ़ता ही जा रहा है। कुछ प्रिटिंग प्रेस चलाने वालों की गाड़ियों में भी प्रेस लिखा है। यहां तक कि अब कई लोग अपने साइकिलों में भी प्रेस लिखाकर खुद को गौरवान्वित महसूस करते हैं। पुलिस और परिवहन विभाग द्वारा भी अनाधिकृत रूप से प्रेस लिखकर कानून की नजरों में धूल झोककर बेजा फायदा उठाने वालों के खिलाफ सख्ती नहीं बरती जाती। जिसके कारण अपने वाहनों में प्रेस लिखाने वालों के हौसले बुलंद हैं।
क्या है प्रावधान
मोटर व्हीकल एक्ट में यह प्रावधान है कि दो पहिया व चार पहिया वाहनों के आगे व पीछे की नंबर प्लेट में वाहन का नंबर ही लिखा जाना है। नंबर प्लेट में प्रेस या अन्य पद नाम का उल्लेख नियम विरुद्घ है। ज्यादातर लोग नंबर प्लेट में ही प्रेस व पद नाम लिखवाते हैं, जबकि कई लोग वाहनों के शीशे पर भी प्रेस व पदनाम का उल्लेख करते हैं। प्रेस लिखे वाहनों पर चलने वालों की जांच की जाए तो ज्यादातर लोग ऐसे मिलेंगे जिनका प्रेस से दूर-दूर तक वास्ता नहीं है।