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फिर शर्मसार हुई खाकी…पहले झूठे केस में फंसाने की धमकी…फिर बचाने मांगे 2 लाख…भ्रष्ट पुलिस वाले को तत्काल बर्खास्त करने SP को सौंपा ज्ञापन…SP ने किया तत्काल लाईन अटैच…

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रायपुर/ मुंगेली कोतवाली पुलिस अभी हाल ही में शहर में बढ़ रहे आपराधिक गतिविधियों में अंकुश लगाने नाकाम साबित हुई हैं, समय-समय पर पत्रकारों द्वारा इस बात को लेकर समाचार भी प्रकाशित किया जा चुका हैं, परंतु हाल ही में कोतवाली में पदस्थ एक पुलिस कर्मी द्वारा जो कृत्य किया गया हैं उससे यह कहना गलत नहीं होगा कि पुलिसवाले के इस कृत्य से खाकी फिर शर्मसार हुई हैं।
आपको बता दे आज विधानसभा युवा कांग्रेस के अध्यक्ष अजय साहू अपने साथियों के साथ झूठे केस में फंसाने वाले भ्रष्ट पुलिस कर्मचारी को बर्खास्त करने एवं बेगुनाह को सजा से बचाने के संबंध में मुंगेली पुलिस अधीक्षक को ज्ञापन दिया, ज्ञापन में बताया गया कि “मुंगेली रामगढ़ निवासी अतुल यादव के रामगढ़ स्थित मकान में पिछले 6 माह से किरायेदार के रूप में आशीष साहू अपने पूरे परिवार के साथ रहता था। दिनांक 08/04/2022 को अतुल यादव के ही मकान के बाथरूम में आशीष साहू द्वारा स्वयं को अंदर से बंद कर फांसी लगा आत्महत्या कर ली गई है, जिसकी सूचना अशीष साहू की भाभी जो कि उस दिन आई हुई थी, से अतुल यादव को प्राप्त हुई जिस पर अशीष साहू के बड़े भाई संतू साहू के साथ मिलकर अतुल यादव द्वारा पुलिस को सूचना दी गई। जिस पर जिला पुलिस की मदद से बाथरूम का दरवाजा तोड़कर मृत आशीष साहू को बाहर निकाला गया और पुलिस बल द्वारा उसके आत्महत्या करने का सबूत की छानबीन एवं पूछताछ की गई किन्तु जाँच में केवल उसके जेब से एक फोन एवं कागज प्राप्त हुआ जिसे उपस्थित पुलिस द्वारा बिना किसी को दिखाये अपने पास रख लिया गया।”
ज्ञापन में आगे कहा गया कि “10/04/2022 को अचानक पुलिस बल अतुल यादव के घर आई और उनके पिता को थाने चलने को कहा गया जिस पर अतुल यादव भी उनके साथ थाने गया जहाँ कोतवाली के रोहित डहरिया द्वारा अतुल यादव को आत्महत्या का सबूत दिखाते हुए एक कागज दिखाया गया जिसमें उसका नाम (अतुल) बस अंकित है, जिसके बाद से अतुल यादव को आत्महत्या का अपराधी समझा जा रहा है।” ज्ञापन में आगे उल्लेख हैं “अतुल यादव को कोतवाली उपनिरीक्षक रोहित कुमार डहरिया पुलिस द्वारा जबरन आत्महत्या के केस में फंसाया जा रहा है, और जेल भेजने की धमकी दी जा रही है, जबकि उनके द्वारा प्रस्तुत साक्ष्य जो कि पूर्ण रूप से घटना के बाद फंसाने के उद्देश्य से अन्य व्यक्ति द्वारा लिखवाया गया है, और अलग-अलग लोगों से लिखवाया गया है, जो कि पूर्ण रूप से स्पष्ट हो रहा है। उपनिरीक्षक रोहित डहरिया द्वारा अब अतुल यादव को उक्त घटना से बचने के लिए साईड का रास्ता कहते हुए 2,00,000 रू. की मांग की जा रही है, नहीं तो जेल जाना पड़ेगा कहा जा रहा। जब कि अतुल यादव का उक्त घटना से कोई लेना देना नहीं है, और न ही पुलिस द्वारा प्रस्तुत साक्ष्य पर्याप्त है।” जिसके चलते ज्ञापन में कहा गया कि रोहित डहरिया जैसे भ्रष्ट पुलिस कर्मचारी द्वारा जबरन अतुल यादव को झूठे केस में फंसाने पैसों की मांग की जा रही है, जिससे यह दर्शित होता है कि पुलिस बल न्याय करने के लिए नहीं बल्कि आमजन को परेशान करने के लिए बनी है। उक्त घटना के बाद से अतुल यादव मानसिक रूप से परेशान हो रहा हैं, इसलिए ऐसे भ्रष्ट पुलिस कर्मचारी रोहित डहरिया को पद से हटाया जाए।
ज्ञापन देने वाले नेताओं ने बताया कि उपनिरीक्षक रोहित डहरिया मोटी रकम ऐंठने के फिराक में हैं जिससे वे अतुल यादव को पैसे के लिए परेशान कर रहे हैं, ताकि उसे डराकर मोटी रकम वसूल की जा सके, क्योंकि जानकारों की माने तो कागज के टुकड़े में लिखे मृतक के राइटिंग को मिलाया जाए तो सुसाइड नोट और लिखे गए अतुल के नाम में काफी अंतर दिख रहा हैं, फिलहाल जांच के बाद क्या सही हैं क्या गलत हैं ? इस बात का खुलासा हो ही जायेगा। ज्ञापन मिलते ही मुंगेली पुलिस अधीक्षक डी. आर. आंचला ने कोतवाली में पदस्थ उपनिरीक्षक रोहित डहरिया को लाइन अटैच कर दिया हैं।
साथ ही पुलिस अधीक्षक ने मामले की जांच कराने की बात कही हैं।