Home छत्तीसगढ़ वन विभाग का एक और कारनामा

वन विभाग का एक और कारनामा

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रायगढ़ से सुशील पांडेय की रिपोर्ट
पहले जहां था डबरी, वही दे दी तालाब की स्वीकृत
कैँपा मद का बंदरबाट करने के लिए राजस्व जमीन में खोद रहे हैं तालाब
रायगढ़।
जुर्डा ग्राम पंचायत से लगे इको पार्क के अंदर वन विभाग ने तालाब खोदने के लिए ऐसे स्थल का चयन किया है जहां पहले वन विभाग द्वारा डबरी खोदा गया था। कैंपा मद से स्वीकृत उक्त तालाब का आधा से अधिक हिस्सा राजस्व विभाग की जमीन में है तो वहीं एक तिहाई हिस्सा वन विभाग के क्षेत्र में।
जुर्डा में स्थित इको पार्क के अंदर जंगली जानवरों के पेयजल व्यवस्था के लिए वन विभाग ने कैंपा मद से करीब 57 लाख रुपए की लागत से तालाब स्वीकृत किया है जिसके निर्माण कार्य का जिम्मा सक्ति के एक ठेकेदार को दिया गया है। ग्रामीणों की माने तो जिस स्थान में वर्तमान में वन विभाग कैंपा मद से तालाब का निर्माण कर रही है वहां पर छोटा सा डबरी था जो कि पूर्व में वन विभाग ने ही बनाया था। इसके अलावा वहीं समीप में एनटीपीसी के रेल लाईन के निर्माण के लिए डबरी के समीप ही स्थित मिट्टी को खोदकर उसका उपयोग किया गया जिसके कारण वहां गडढ़ा और बड़ा हो गया था। जानबूझकर वन विभाग के अधिकारियों ने कैंपा मद का दुरूपयोग करने के उद्देश्य से तालाब निर्माण का कार्य उक्त स्थल पर स्वीकृत कराया और अब जहां पहले से डबरी व गड्ढा था वहां पर करीब 57 लाख रुपए की लागत से तालाब खोदने का काम किया जा रहा है। वन विभाग के जानकारों की माने तो कैँपा मद से अगर तालाब की स्वीकृति दी गई है तो वह वन क्षेत्र के अंदर होना चाहिए लेकिन मौके पर देखा गया तो तालाब का एक तिहाई हिस्सा ही वन क्षेत्र के अंदर आ रहा है। अधिकांश हिस्सा तो राजस्व विभाग की जमीन में आ रहा है।
बगैर एनओसी के ही खोद रहे तालाब
नियमानुसार देखा जाए तो राजस्व विभाग की जमीन का उपयोग करने के लिए वन विभाग को राजस्व विभाग से एनओसी लिया जाना था, लेकिन यहां तो बगैर एनओसी के ही तालाब निर्माण का कार्य शुरू कर दिया गया है। न तो ग्राम पंचायत से एनओसी लिया गया है न ही राजस्व विभाग से। यही कारण है कि राजस्व विभाग के अधिकारियों को इसकी भनक तक नहीं है।
कुछ कदम में रेल लाईन और खोद रहे तालाब
वन विभाग के अधिकारी भले ही जंगली जानवरों को पोनी की सुविधा के उद्देश्य से तालाब निर्माण करना बता रहे हैं लेकिन उक्त स्थल से एक किलोमीटर की दूरी में स्टाप डेम बना हुआ है तो वहीं निर्माणाधिन तालाब से कुछ दूरी पर एनटीपीसी का रेलवे लाईन है ऐसी स्थिति में जंगली जानवर अगर पानी पीने के लिए आते हैं तो रेलवे लाईन से उनको खतरा है वहीं इस तालाब के बाद ग्राम पंचायत आ जाता है जिसके कारण आम जनों को खतरा है।
वर्सन
मेरे आने के पहले उक्त तालाब की स्वीकृति हुई होगी मुझे इसकी जानकारी नहीं है। मै चेक करती हूं क्या स्थिति है।
स्टेयलो मंडावी, डीएफओ रायगढ़