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स्वास्थ्य मंत्री टीएस सिंहदेव के नाम पर धौंस दिखाने वाले स्वास्थ्य विभाग के DPM उत्कर्ष तिवारी की मुख्यमंत्री से शिकायत…मुख्यमंत्री भुपेश बघेल ने दिया कार्यवाही का आश्वासन…कार्यकाल की सूक्ष्मता से जांच एवं ट्रांसफर करने की भी मांग…CMHO कार्यालय में कई वर्षों से कुंडली मार बैठा इस संविदा-कर्मी से सभी हलाकान…भाजपा के बाद अब कांग्रेस सरकार क्यों हैं मेहरबान…क्यों ?

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रायपुर/ सीएमएचओ कार्यालय मुंगेली में पदस्थ जिला कार्यक्रम प्रबंधक उत्कर्ष तिवारी जो कि कई वर्षों तक कुंडली मार बैठे हुए हैं, पहले भाजपा कार्यकाल में जमकर मलाई खाये और अब कांग्रेस सरकार में भी खूब मलाई खा रहे हैं। प्रदेश सरकार व स्वास्थ्य विभाग कई उलझनों, कोरोना संकटों के बावजूद मुंगेली जिले में स्वास्थ्य व्यवस्था दुरूस्त व बेहतर बनाने प्रयास किया जाता रहा है तो वहीं सीएमएचओ दफ्तरों में कई वर्षों से एक कुर्सी पर जमें जिला कार्यक्रम प्रबंधक उत्कर्ष तिवारी के काले कारनामों की खूब शिकायत होने के बावजूद कोई कार्यवाही नही हो रही है जिसके चलते कुछ समाजसेवकों, पत्रकारों, नेताओं और सामाजिक संगठनों द्वारा उच्चस्तरीय जांच के लिए राज्य सरकार से शिकायत की गई हैं। जानकारों के मुताबिक किसी भी अधिकारी का एक जिले में अधिकतम तीन वर्ष के लिए कार्यकाल रहता है मगर मुंगेली जिले के मुख्य चिकित्सा एवं स्वास्थ्य अधिकारी दफ्तर में सीएमएचओ कई आए और गए मगर एक मोटी मलाई वाला पद ऐसा है जिसके पास सिर्फ करोड़ो रुपयों के आबंटन और खर्च की रुपरेखा अपने मनमाफिक बना सालों से टिके हुए है। विभागीय जानकारी के अनुसार जिला कार्यक्रम प्रबंधक उत्कर्ष तिवारी संविदा पद पर ही पदस्थ हैं परंतु स्वास्थ्य विभाग का पूरा संचालन इनके ही इशारों पर चलता हैं, इसका कारण बताया जाता हैं कि भाजपा कार्यकाल में एक भाजपा नेत्री के पारिवारिक सदस्य होने के कारण इतने हौसले शुरू से बुलंद रहे हैं। साथ ही वर्तमान में क्षेत्र-विशेष से होने के कारण स्वास्थ्य मंत्री टीएस सिंहदेव के नाम से अपनी धाक जमाने नहीं चूकते। स्वास्थ्य विभाग में कार्यरत अधिकारी-कर्मचारी मनबूरीवश जिला कार्यक्रम प्रबंधक उत्कर्ष तिवारी के खिलाफ आवाज नहीं उठा पाते क्योंकि स्वास्थ्य मंत्री टीएस सिंहदेव के करीबी होने का ढ़िढोरा इस संविदा कर्मी जिला कार्यक्रम प्रबंधक उत्कर्ष तिवारी द्वारा पीटा जाता है, बताया जाता है कि जिला कार्यक्रम प्रबंधक उत्कर्ष तिवारी भी स्वास्थ्य मंत्री के क्षेत्र से ही है, जिससे मुंगेली स्वास्थ्य विभाग के अधिकारियों-कर्मचारियों में एक भय का वातावरण बना हुआ है जिसके कारण कोई खुलकर बोलने तैयार नहीं हैं, जो भी हो पर इससे भूपेश सरकार की किरकिरी तो हो ही रही है।
दिलचस्प बात यह भी देखने को मिला कि भाजपा शासन के जाने और कांग्रेस शासन के आने के बाद भी इस अधिकारी के तासीर और भ्रष्ट रवैय्ये में कोई फर्क नही पड़ा है साथ ही संबंधित अधिकारियों से सांठगांठ कर अनेको फर्जी नियुक्ति, अनियमितता पूर्ण खरीदी के शिकायतों की ढेर लगी हुई है जिसकी शिकायत भी हुई है। बावजूद इस अधिकारी पर अभी तक कोई कार्यवाही नहीं हो सकी हैं, इसका कारण मुंगेलीवासियों द्वारा यह बताया जाता हैं कि भाजपा शासन के समय बड़े ओहदेदार भाजपा नेताओं और एक नेत्री के पारिवारिक सदस्य होना बताया जा रहा है।
मुंगेली के नेताओं, समाजसेवकों और पत्रकारों का कहना है कि केंद्र व राज्य सरकार अथवा जिम्मेदार अधिकारी थोड़ी भी अपनी जिम्मेदारी व कर्तव्यनिष्ठता का परिचय दें तो पता नहीं जिला कार्यक्रम प्रबंधक उत्कर्ष तिवारी के कितने गैरकानूनी और भ्रष्टाचार के काले कारनामें उजागर होंगे, देर सवेर इसमें केन्द्र व राज्य स्तर पर जांच हो सकती है। मगर डीपीएम प्रशासनिक स्तर पर भी ये अपने विभाग के लिए बढ़चढ़ के सामने हो फोटोबाजी कर सक्रियता दिखाते है। स्वास्थ्य महकमा यदि चंद समय इनके विरुद्ध भ्रष्टाचार की शिकायतों को संज्ञान में लेकर कोई जांच या कार्यवाही करे तो मुंगेली मुख्य स्वास्थ्य एवं चिकित्सा अधिकारी कार्यालय में वर्षो से हो रहे अनियमितता, भ्रष्टाचार के बहुत सारे और बड़े मामले सामने आ सकते है।

पत्रकारों और कांग्रेस कमेटी ने की मुख्यमंत्री से लिखित शिकायत…

मुंगेली स्वास्थ्य विभाग में पदस्थ संविदा कर्मी जिला कार्यक्रम प्रबंधक उत्कर्ष तिवारी के खिलाफ पत्रकारों और शहर कांग्रेस कमेटी ने मुख्यमंत्री से लिखित शिकायत की हैं। शिकायत पत्र में निम्नलिखित बातें लिखी गई हैं –
‘‘मुख्य स्वास्थ्य एवं चिकित्सा कार्यालय मुंगेली में राष्ट्रीय स्वास्थ्य मिशन के जिला कार्यक्रम प्रबंधक के पद पर श्री उत्कर्ष तिवारी दिनांक 04.06.2015 से पदस्थ है, जो आज दिनांक तक पदस्थ है। इनकी नियुक्ति संविदा के रूप में हुई है परंतु भाजपा के एक बड़े ओहदेदार नेत्री के पारिवारिक सदस्य होने के कारण भाजपा शासन काल में इस जिला कार्यक्रम प्रबंधक श्री उत्कर्ष तिवारी द्वारा भारी भ्रष्टाचार किया गया है, जिसकी सूक्ष्मता जांच किया जाना अत्यंत ही आवश्यक है, जब से जिला कार्यक्रम प्रबंधक के पद पर श्री उत्कर्ष तिवारी की पदस्थापना हुई है तब से उनके शाखा/विभाग या कार्यालय में उनके हस्ताक्षर से खरीदे गये समस्त सामाग्रियों, योजनाओं के क्रियान्वयन में हुये खर्च, बिलों एवं भुगतान की संपूर्ण जांच किया जाये, साथ ही जितनी नियुक्ति मुंगेली स्वास्थ्य विभाग के अंतर्गत हुई है उन सबकी सूक्ष्म रूप से जांच की जाये, क्योंकि जानकारी के अनुसार जिला कार्यक्रम प्रबंधक की भी इसमें नियम विरूद्ध संलिप्त्ता रही है।
किसी भी अधिकारी या कर्मचारी जब एक ही पर कई वर्षो से पदस्थ रहता है तो भ्रष्टाचार करने उसका मनोबल बढ़ जाता है अतः मुंगेली जिला कार्यक्रम प्रबंधक के पद पर श्री उत्कर्ष तिवारी जिनकी पदस्थापना करीब 7 वर्ष हो रही है उन्हें तत्काल मुंगेली जिला से ट्रांसफर किया जाये। जिला कार्यक्रम प्रबंधक के पद पर श्री उत्कर्ष तिवारी प्रदेश के स्वास्थ्य मंत्री श्री टीएस सिंहदेव के नाम से लोगों को चमकाते रहते है और स्वास्थ्य मंत्री के करीबी होने की बात बोल अपने कार्यालय के समस्त अधिकारियों एवं स्टॉफ को धमकाते रहते है मजबूरीवश कोई उनकी शिकायत नहीं कर पाता। किसी भी कार्यालय में यदि कैमरा लगता है तो उन सभी कैमरों का मॉनिटर विभाग के मुख्य अधिकारी के केबिन/कार्यालय कक्ष में होता है परंतु जिला स्वास्थ्य एवं चिकित्सा कार्यालय में जितने भी कैमरे लगे है उन सभी का मॉनिटर/स्क्रीन जिला कार्यक्रम प्रबंधक के पद पर श्री उत्कर्ष तिवारी के कार्यालय कक्ष में लगा हुआ है जो कि विचारणीय हैं और जिससे स्पष्ट होता है कि इनके द्वारा स्वास्थ्य विभाग में किस प्रकार घौंस जमा कर रखा गया है। जिला कार्यक्रम प्रबंधक के पद पर श्री उत्कर्ष तिवारी का व्यवहार आम जनता, मरीजों एवं उनके परिजनों से अच्छा नहीं रहता वे अक्सर सभी से दुर्व्यहार करते रहते है। जिससे राज्य शासन की बदनामी भी हो रही है। मुंगेली स्वास्थ्य विभाग में कई वर्षो तक एक ही स्थान पर पदस्थ जिला कार्यक्रम प्रबंधक के पद पर श्री उत्कर्ष तिवारी का तत्काल मुंगेली जिले से ट्रांसफर किया जाये।‘‘
हालांकि इस शिकायत के बाद जानकारी मिली हैं कि DPM के केबिन में लगे कैमरे के स्क्रीन/डीवीआर निकलवा कर अभी हाल ही में नई CMHO द्वारा अपने केबिन में लगवाया गया हैं। उक्त शिकायत के बाद भी कार्यवाही नहीं होने पर पत्रकारों और नेताओं ने आंदोलन करने की बात कही हैं। यह शिकायत मुंगेली कलेक्टर के माध्यम से मुख्यमंत्री को भेजा गया हैं, साथ करीब 9 दिन पहले कुछ नेताओं और पत्रकारों ने मुख्यमंत्री से मुलाकात कर पुनः इस शिकायत पत्र की प्रति उनके हाथों में सौंपी हैं जिस पर मुख्यमंत्री ने कार्यवाही का आश्वासन दिया हैं।

आरटीआई में जानकारी छुपाने और भ्रामक जानकारी देने से विभाग और भी संदेह के दायरे में.

आरटीआई कार्यकर्ताओं व समाजसेवकों से जानकारी मिली हैं कि सीएमएचओ दफ्तर में सूचना के अधिकार के तहत लगाए गए आवेदनों की जानकारी भी जिला कार्यक्रम प्रबंधक उत्कर्ष तिवारी के कारण नहीं दी जाती और भ्रामक पत्र-व्यवहार कर जानकारी छुपाई जाती हैं हालांकि जानकारी न मिलने पर आवेदकों ने अपील में जाने की बात की हैं, आपको बता दे कि सूचना के अधिकार के तहत राष्ट्रीय स्वास्थ्य मिशन से संबंधित एवं अन्य जानकारी मांगी जाती है तों स्वास्थ्य विभाग से ही जानकारी मिलती है कि उक्त जानकारी जिला कार्यक्रम प्रबंधक उत्कर्ष तिवारी द्वारा देने मना किया गया है जिसके चलते समय पर जानकारियों आवेदक को उपलब्ध नहीं कराई जाती है ऐसे में विभाग में ऐसे भ्रष्ट अफसर का भ्रष्टाचार में संलिप्त होना भी प्रतीत होता है क्योंकि अगर आप गलत नहीं तो जानकारी छिपाने का क्या कारण हो सकता है ? सूत्रों से प्राप्त जानकारी के अनुसार इस भ्रष्ट अधिकारी के द्वारा बिलासपुर, रायपुर, बलौदाबाजार, तखतपुर और अम्बिकापुर में अपनी काली कमाई का हिस्सा लगाया चुका हैं, जिससे इसके पास बेनामी-संपत्ति हैं जो जांच उपरांत खुलासा हो सकता हैं।