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उड़ता मुंगेली…नशे की गिरफ्त में कैद मुंगेली…पुलिस क्यों हैं मौन ? कई बार पुलिस प्रशासन से की जा चुकी हैं शिकायत…आखिर कहाँ से आ रही हैं नशीली दवाइयां…?

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रायपुर/ मुंगेली जिले में युवा पीढ़ी जिस कदर नशे के आगोश में समाती जा रही हैं, शहर की तंग गलियों, सुनसान जगहों, सड़कों पर जिस तरह से नशेड़ियों का जमघट दिख जाता हैं, जो शराब, गांजे के साथ-साथ नशीली दवाओं का भी सेवन करते हैं उससे मुंगेली जिले को उड़ता मुंगेली कहा जा सकता हैं। आपको बता दे कि समय-समय पर मुंगेली के जनप्रतिनिधियों, नेताओं, पत्रकारों और आम जनता के द्वारा पुलिस के आला अधिकारियों को कई बार मुंगेली में हो रहे नशे के कारोबार जिसमें मेडिकल नशा ज्यादा चलन में हैं, की मौखिक शिकायत की जा चुकी हैं, जिसमें उनके द्वारा चिन्हाकित जगहों के नाम भी बताए जा चुके हैं, साथ ही शांति समिति की बैठकों में भी जिले में हो रहे मेडिकल नशे के कारोबार और सेवन के संबंध में अनेकों बार शिकायतें भी की जा चुकी हैं, परंतु पुलिस प्रशासन की ओर से सभी को केवल आश्वासन मिला हैं, और इसमें अभी तक कोई कार्यवाही नहीं की गई, जिससे मुंगेलीवासियों एवं नेताओं ने कहा मुंगेली में मेडिकल नशे का कारोबार और सेवन कहीं न कहीं पुलिस के संरक्षण में हो रहा हैं ? अगर ऐसा नहीं हैं तो पुलिस मेडिकल नशे पर अंकुश लगाने अक्षम क्यों हैं ? क्या पुलिस को नहीं पता कि मेडिकल नशे की खरीदी-बिक्री और उसकी खपत कहाँ हो रही हैं ? क्या पुलिस के मुखबिर लुप्त हो गए हैं ? इन सभी बातों से लगता हैं कि मेडिकल नशे पर कार्यवाही को लेकर मुंगेली पुलिस निष्क्रिय हैं या उन्हें संरक्षण दे रही हैं।
मुंगेली में गांजा, कोरेक्स, नशीली टेबलेट्स/दवाइयां सहित भांति-भांति के नशीले पदार्थों को बड़े पैमाने पर खपाया जा रहा हैं, मुंगेली में बड़े से लेकर छोटे स्तर तक बड़ी आसानी से ये सारे मादक वस्तुएं उपलब्ध हो जाते हैं। कुछ जगहों पर छोटे-छोटे नौनिहाल तक वाहनों के पंचर बनाने में प्रयुक्त होने वाले द्रव पदार्थ साल्यूशन को भी नशे के तौर पर सूंघते हैं। वर्तमान में नशे का प्रसार इतना व्यापक हो चुका है कि बच्चे किशोरावस्था से ही इसकी चपेट में आने लग जाते हैं। स्कूली बच्चे भी इससे अछूते नहीं हैं, बच्चे घर से ट्यूशन /कोचिंग के लिए निकलते हैं तथा पान की गुमटियों से सिगरेट की फूंक मारनी प्रारंभ कर देते हैं, उसके बाद उनमें नशे की प्रवृत्ति बढ़ती जाती हैं जिसके बाद वे गांजा, कोरेक्स और मेडिकल नशे से अपनी नशे की इच्छाओं की पूर्ति करते हैं, धन अभाव में वहीं बालक या युवा अपनी नशे की इच्छा पूर्ति के लिए तरह-तरह के अपराधों को अंजाम देता हैं। कोई भी मेडिकल नशे में चूर बालक या व्यक्ति जब वाहन चलाता हैं तो वो अपना आपा खोकर लापरवाही पूर्वक गाड़ी चलाता हैं जिससे दूसरे राहगीरों व व्यक्तियों की जान खतरे में पड़ जाती हैं। सूत्रों से प्राप्त जानकारी के अनुसार अभी हाल ही में मुंगेली के नया बस स्टैंड, बुधवारी, बड़ा बाजार, गर्ल्स स्कूल पास, मंडी, पड़ाव चौक, मल्हापारा, दाऊपारा, फोकटपारा, पुलपारा, सोनारपारा, शक्ति माई मंदिर के आसपास, ये जगह प्रमुख है जहाँ नशीली दवाइयों का कारोबार और सेवन भी होता हैं, साथ ही इन्हीं कुछ जगहों में अवैध शराब और गांजे की भी बिक्री की जाती हैं। जानकारों की माने तो इन नशीली दवाओं की वजह से ही मुंगेली में कई अपराध घटित हुए हैं। कुछ महीने पहले ही मेडीकल नशे में धुत्त नशेड़ी ब्लेड लेकर शहर के गर्ल्स स्कूल में घुस गया था, जिसकी लिखित शिकायत स्कूल के प्राचार्य द्वारा भी कोतवाली में की गई थी। साथ ही शहर के गर्ल्स हॉस्टल के पास भी शराब, गांजा सहित अनेक प्रकार के नशे के सेवन की लिखित शिकायत भी कोतवाली में हो चुकी हैं ।
मुंगेली जिलेवासियों के समक्ष यह यक्षप्रश्न बना हुआ हैं कि मुंगेली में आखिर ये नशीली दवाइयां और गांजा कहाँ से आ रहीं हैं ? क्या पुलिस का सूचना तंत्र इतना कमजोर हो गया हैं कि उन्हें भी इस बात की भनक नहीं लग पा रही हैं ? या वे भी सब कुछ जानकर अनजान बनने का नाटक कर रहे हैं ? बहरहाल अब देखना हैं कि पुलिस के वरिष्ठ अधिकारियों द्वारा मुंगेली में नशीली दवाओं के रोकथाम के लिए क्या कार्यवाही की जाती हैं।