बलरामपुर। मानवता के बीच अमानवीयता का चेहरा फिर उभरकर सामने आया। शासकीय अस्पताल मे इलाज के लिये भर्ती 7 वर्षीय मासूम बच्ची की मौत के बाद उसके शव को घर ले जाने के लिये जब एंबुलेंस नहीं मिली तो पिता ने बच्ची के शव को गोद मे ले घर पहुंचे,और पूरी दास्ता बयां की।पिता ने अपनी बेटी की मौत के लियेप अस्पताल में नर्स द्वारा गलत इंजक्शन देना बताया।स्वास्थ्य मंत्री टीएस सिंहदेव ने पूरे मामले को संज्ञान मे लेते हुए फौरन जांच के आदेश दिये।
दरअसल, पूरा मामला लखनपुर ब्लॉक का है। ग्राम अमदला के रहने वाले ईश्वर दास की बेटी की तबीयत दो दिन से खराब थी। उसे बुखार आ रहा था। इस पर परिजन उसे इलाज के लिए शुक्रवार सुबह करीब 6 बजे सामुदायिक स्वास्थ्य केंद्र लखनपुर लेकर पहुंचकर भर्ती करा दिया। इलाज के दौरान बच्ची ने दम तोड़ दिया। शव ले जाने के लिए अस्पताल प्रबंधन से एंबुलेंस की मांग की गई, लेकिन काफी देर इंतजार के बाद भी नहीं मिली।पिता बोले- एंबुलेंस मांगी, पर प्रबंधन टालमटोल करता रहा
इसके बाद शहर की सड़कों पर विचलित कर देने वाली तस्वीर सामने आई। पिता ने अपने कंधे पर ही बेटी के शव को उठाया और करीब 10 किमी पैदल चल अपने घर पहुंचे। बच्ची के पिता ईश्वर दास ने बताया कि उन्होंने शव वाहन के लिए अस्पताल प्रबंधन से कहा था, लेकिन वह आनाकानी करते रहे। वहीं उन्होंने यह भी आरोप लगाया कि नर्स ने उनकी बेटी को गलत इंजेक्शन दिया। इसके बाद उसकी नाक से खून बहने लगा और मौत हो गई।
स्वास्थ्य मंत्री टीएस सिंहदेव स्वास्थ्य मंत्री ने सीएमएचओ को जांच के निर्देश दिए। दूसरी ओर स्वास्थ्य मंत्री टीएस सिंहदेव ने कहा कि एक विचलित करने वाली तस्वीर सामने आई है, जहां एक व्यक्ति द्वारा कंधे में शव को लेकर ले जा रहा है। इसे संज्ञान में लिया गया है। और सीएमएचओ को जांच के आदेश दिए गए है। उन्होंने कहा कि एंबुलेंस आने में देर हुई थी। बताया कि सभी सामुदायिक स्वास्थ्य केंद्र में शव वाहन की व्यवस्था के लिए कवायद तेज की जाएगी। जिससे इस तरह की घटना सामने दोबारा ना हो सके।
इस घटना के सामने आने और स्वास्थ्य मंत्री के वक्तव्य के बाद सीएमएचओ ने ब्लॉक मेडिकल आफिसर डॉ. पीएस केरकट्टा को उनके पद से हटा दिया है। उनको भेजे गए नोटिस में कहा गया है कि बच्ची के परिजनों को एंबुलेंस नहीं उपलब्ध कराकर उन्होंने अपने कार्य में घोर लापरवाही की है। साथ ही सीएमएचओ ने सामने उपस्थित होकर स्पष्टीकरण देने को कहा है। स्पष्टीकरण उचित नहीं होने पर कार्रवाई की जाएगी। उनकी जगह डॉ. रूपेश गुप्ता को जिम्मेदारी सौंपी गई है।