रायपुर। भारतीय जनता पार्टी के राष्ट्रीय उपाध्यक्ष और छत्तीसगढ़ के पूर्व मुख्यमंत्री डॉ रमन सिंह ने 05 राज्यों में हो रहे चुनाव पर कहा कि हमारी पार्टी बहुमत के साथ पांचों राज्य में सरकार बनाएगी।
पूर्व मुख्यमंत्री डा. सिंह आज मीडिया से मुखातिब हुए। उन्होंने पांच राज्यों में हो रहे चुनाव को लेकर कांग्रेस पर तंज कसते हुए कहा कि आज उत्तर प्रदेश समेत पांच राज्यों में चुनाव हो रहे हैं वहां पर लोग शर्त लगा रहे हैं कि उत्तर प्रदेश में 2 सीट आएगी या 3 सीट आएगी ऐसे में हमारे मुख्यमंत्री भूपेश बघेल जो लगातार छत्तीसगढ़ मॉडल की चर्चा कर रहे हैं मैं उनसे पूछना चाहता हूं कि उनकी नेता प्रियंका गांधी लगातार उत्तर प्रदेश में चुनाव प्रचार कर रही हैं, स्वयं छत्तीसगढ़ के मुख्यमंत्री समेत कई कार्यकर्ता उत्तर प्रदेश चुनाव में लगे हुए हैं और छत्तीसगढ़ मॉडल की चर्चा कर रहे हैं यहां तक हमारे देश के प्रधानमंत्री तक पर उंगली उठा रहे हैं तो यह सब क्या दो या तीन सीटों के लिए हो रहा है । डा. सिंह ने कहा कि आज मैं फिर कह रहा हूं कि भारत के गृहमंत्री और भारतीय जनता पार्टी के पूर्व राष्ट्रीय अध्यक्ष अमित शाह के नेतृत्व में भाजपा सरकार जो भी रणनीति बना रही है वह कारगर सिद्ध होगी और हम पांचों राज्यों में बहुमत के साथ सरकार बनाएंगे। उन्होंने कहा कि श्री शाह जिस सभा को संबोधित करते है कार्यकर्ताओं के बीच जब भी जाते है तो कार्यकर्ताओं में जोश का संचार उनके वहां खड़े होने मात्र से ही मिल जाता है, इसे देश की जनता ने पहले भी देखा है चाहे वो 2014 लोकसभा चुनाव हो या राज्यों में होने वाले चुनाव की बातें क्यों न हो।
डा. सिंह ने कहा कि चुनाव के परिणाम की तारीख ज्यादा दूर नहीं है और यह देश की जनता पहले से जानती है कि भारतीय जनता पार्टी ही एक उपयुक्त सरकार है, क्योंकि कांग्रेस का आज वजूद पूर्णत: समाप्त हो चुका है।
छत्तीसगढ़ के परिपेक्ष में डा. सिंह ने कहा कि राजभवन और सरकार के बीच में टकराव की स्थिति उत्पन्न हो रही है जो अनुचित है। उन्होंने कहा कि मेरा मानना है कि पश्चिम बंगाल के बाद अब छत्तीसगढ़ वो राज्य है जहां से संवैधानिक पद की गरिमा को ठेस पहुंचाया जा रहा है। डा. सिंह ने मुख्यमंत्री श्री बघेल से सवाल किया कि राज्यपाल एक संवैधानिक पद है और राज्य में वह अभिभावक की भूमिका में रहता है जिससे सभी लोग संघ मिलने आते हैं और अपनी समस्याएं बताते है।ं यथासंभव समस्याओं का निराकरण भी राजभवन के द्वारा किया जाता है तो क्या राज्यपाल को किसी से मिलना नहीं चाहिए। उन्होंने कहा कि सवाल कुलपति नियुक्ति का तो शुरू से ही है संवैधानिक व्यवस्था रही है की कुलपति नियुक्ति का सारा दारोमदार राजभवन से ही होता है। ऐसे में बाहरी वाला शब्द लाकर कांग्रेस क्या बताना चाहती है।