रायपुर
कांग्रेस द्वारा अपने घोषणा पत्र में सरकारी ठेकों में अल्पसंख्यकों को प्राथमिकता देने की बात कहकर यह फिर साफ कर दिया है कि कांग्रेस आदिवासियों, ओबीसी और अनुसूचित जाति सहित सामान्य वर्ग के सभी हक छीन लेना चाहती है। भारतीय जनता पार्टी के प्रदेश उपाध्यक्ष व चुनाव प्रबंधन समिति प्रदेश संयोजक शिवरतन शर्मा ने पत्रकारवार्ता में कहा कि सम्पत्ति का सर्वे कर सम्पत्ति को बाँट देने और फिर राहुल गांधी के सलाहकार सैम पित्रोदा द्वारा विरासत-टैक्स का राग आलापने के बाद अब सरकारी ठेकों तक में अल्पसंख्यकों को धर्म के आधार पर शेयर देने की बात से कांग्रेस का आदिवासी, ओबीसी और अजा विरोधी चेहरा पूरी तरह बेनकाब हो गया है।
शर्मा ने कहा कि कांग्रेस के घोषणा पत्र में तुष्टिकरण के तहत किए प्रावधानों से देशवासियों में भारी आक्रोश है। कांग्रेस के घोषणा पत्र में लिखी कई आपत्तिजनक बातो में एक और आपत्तिजनक बात सामने आ रही है उसमे लिखा है – "हम यह सुनिश्चित करेंगे कि अल्पसंख्यकों को शिक्षा, स्वास्थ्य देखभाल, सार्वजनिक रोजगार, सार्वजनिक कार्य अनुबंध, कौशल विकास, खेल और सांस्कृतिक गतिविधियों में बिना किसी भेदभाव के अवसरों का उचित हिस्सा मिले।" श्री शर्मा ने सवाल किया कि कांग्रेस यह कैसे सुनिश्चित करेगी कि अल्पसंख्यकों (मुस्लिम पढ़ें) को 'सार्वजनिक कार्य अनुबंध' में उचित हिस्सा मिले? क्या तकनीकी और वित्तीय बोली के साथ धार्मिक कोटा भी होगा? क्या मुस्लिमों के पक्ष में योग्य बोलीदाताओं, जो कि अन्य धर्मों से रहेंगे, की अनदेखी की जाएगी? क्या सार्वजनिक अनुबंध हासिल करने के लिए हिंदुओं को अल्पसंख्यकों के अधीन बनना होगा, भले ही वे स्वयं ऐसा करने में सक्षम हों? क्या कांग्रेस यह कहकर 'टेंडर घोटाला' की नींव नहीं रख रही है?
कांग्रेस न केवल एससी/एसटी/ओबीसी की संपत्ति पर कब्जा करना चाहती है, सोना और उनके मंगलसूत्र सहित हिंदू महिलाओं की छोटी बचत को अपने कब्जे में लेना चाहती है. बल्कि इसे अल्पसंख्यकों के बीच वितरित करना चाहती है। कांग्रेस यह कैसा भारत बनाना चाहती है? श्री शर्मा ने कहा कि कांग्रेस के घोषणा पत्र में भी यह भी लिखा है कि अल्पसंख्यकों का आर्थिक विकास बहुत जरूरी है। बैंकों से उन्हें पर्याप्त लोन मिले, यह भी कांग्रेस सुनिश्चित करेगी। मोदी सरकार ने आर्थिक रूप से पिछड़े हर तबके के किए कार्य किए हैं, लेकिन कांग्रेस का घोषणा पत्र केवल अल्पसंख्यकों की बात कर रहा है जिससे देशवासियों में भारी नाराजगी है। श्री शर्मा ने कहा कि कांग्रेस के नेता आज चाहे जितने खोखले दावे कर लें कि हमारा मकसद वह नहीं है, पर कांग्रेस का घोषणापत्र और उसके नेता लगातार जिस भाषा में चीख-चीखकर आदिवासियों, दलितों, पिछड़ा वर्ग के बजाय अल्पसंख्यकों के हितों चिंता जता रहे हैं, जिस प्रकार एससी/एसटी/ओबीसी का हक मारकर अल्पसंख्यकों देने की बातें कर रहे हैं, उसे देश और छत्तीसगढ़ की जनता बहुत अच्छी तरह से समझ रही है क्योंकि प्रधानमंत्री रहते हुए मनमोहन सिंह ने साफ शब्दों में कहा था कि देश के संसाधनों पर पहला हक अल्पसंख्यकों, उनमें भी मुसलमानों का है।
शर्मा ने कहा कि अब राहुल गांधी और कांग्रेस इस मुद्दे पर अपनी स्थिति स्पष्ट करें कि कांग्रेस के घोषणा पत्र में कही गई बातें, पूर्व प्रधानमंत्री मनमोहन सिंह के कथन, सैम पित्रोदा के विरासत टैक्स का राग और अब 'सार्वजनिक कार्य अनुबंध' की बात कहकर कांग्रेस कौन-से मंसूबों को अमल में लाना चाहती है? अब कांग्रेस या तो स्वीकार करे कि उसका मकसद वही है जो मनमोहन सिंह ने कहा था, पित्रोदा ने कहा है, और अब कांग्रेस के नेता कह रहे हैं, या फिर देश से माफी मांगकर इस मुद्दे को अपने घोषणापत्र से वापस ले। श्री शर्मा ने कहा कि छत्तीसगढ़ की जनता-जनार्दन कांग्रेस की इस बदनीयती को अच्छी तरह भाँप रही है और कांग्रेस को दो टूक बता देगी कि देश के संसाधनों पर सबसे पहला अधिकार देश के गरीबों, दलितों, आदिवासियों और पिछड़े वर्ग का है, विकास और आर्थिक उन्नति के अवसर में वह भी बराबर भागीदार होंगे। किसी को भी धर्म-संप्रदाय विशेष के आधार पर लाभ के इकतरफा अवसर देने की बातें करके कांग्रेस की विकृत राजनीतिक सोच का परिचायक है और देश, छत्तीसगढ़ की जनता इसे कतई स्वीकार नहीं करेगी।
भाजपा प्रदेश उपाध्यक्ष श्री शर्मा ने कहा कि सरकारी ठेकों में अल्पसंख्यकों को प्राथमिकता देने की बात संविधान के मूल सिद्धांतों के विपरीत है। प्रेस वार्ता में विधायक पुरंदर मिश्रा, प्रदेश मीडिया प्रभारी अमित चिमनानी व सह प्रभारी अनुराग अग्रवाल भी उपस्थित थे।