नई दिल्ली: इंसानों को रास्ता बताने के लिए कई साइन बोर्ड होते है यहां तक कि Google मैप सबको रास्ता दिखाने का काम कर रहा है लेकिन क्या आपने कभी सोचा है कि समुद्र में रहने वाले कछुए और अन्य जीव अपना रास्ता कैसे खोजते होंगे उन्हें कैसे पता चलता होगा कि उन्हें कहां जाना है वैज्ञानिक लंबे समय से इस सवाल का जवाब खोजने की कोशिशों में लगे हैं हाल ही में जर्नल ऑफ द रॉयल सोसाइटी इंटरफेस ( Journal of the Royal Society Interface) में प्रकाशित हुए एक नए शोध से पता चलता है कि कछुओं में बेसिक जियोमैग्नेटिक स्टीयरिंग (Geomagnetic Steering) होता है, लेकिन वे अभी भी अपनी मंजिल तलाशने के लिए अपने भाग्य और आत्मविश्वास पर निर्भर है वैज्ञानिकों ने 22 हॉक्सबिल कछुओं (Hawksbill Turtles- Eretmochelys Imbricata) में जीपीएस ट्रैकर्स फिट किए, ताकि वे जान सकें कि संभोग (Mating) और प्रजनन (Breeding) के बाद, कछुए अपने घर वापस किस रस्ते से आते है इन ट्रैकर्स से पता चला कि वापसी में लिए गए रास्ते काफी घुमावदार थे खुद से महज़ 176 किलोमीटर दूर एक आइलैंड को खोजने के लिए, एक कछुए ने 1,306 किलोमीटर की यात्रा की शोधकर्ताओं ने पाया कि सामान्य तौर पर, जानवरों को ज़मीन तक पहुंचने के लिए बहुत तैरना पड़ा था शोधकर्ताओं का कहना है कि हमारे नतीजों से ये सबूत मिलते हैं कि हॉक्सबिल कछुओं में खुले समुद्र में नक्शों को समझने की कम क्षमता होती है