नागौर || एक परिवार में अधिकतम कितने लोग 10…20…50 हो सकते है।आपको जानकर हैरानी होगी कि राजस्थान में एक ऐसा परिवार है परिवार के वर्तमान मुखिया दुर्गाराम ने बताया कि व्यक्ति के सुख को परिवार के सुख से अलग नहीं किया जा सकताजिसके 164 सदस्य हैं। आज विश्व परिवार दिवस के मौके पर दैनिक भास्कर आपको इस परिवार से मिला रहा है। 50 कमरों के घर में 6 भाई अपने परिवार के साथ रहते हैं। खास बात यह है।कि किचन एक है। इसी किचन में पूरे परिवार का खाना बनता है।
एक आम आदमी साल भर में जितना कमाता है। वह सिर्फ एक महीने के राशन पर खर्च हो जाता हैं। करीब 3 लाख रुपये। आइए… मैं आपको इस परिवार से मिलवाता हूं। नागौर के पंचौरी के सूरजराम की ढाणी में रहने वाले दुर्गाराम प्रजापत का परिवार मिसाल बन गया है। दुर्गाराम के 6 भाइयों का परिवार है। परिवार में 6 भाइयों की पत्नी, 30 बेटे और उनकी पत्नियां, 15 बेटियां, 46 पोते, 26 पोतियां और 4 पोते-पोतियों की बहुएं हैं। इनमें से 14 बेटियों और 2 पोतियों की शादी हो चुकी है।
एक बार में 30 किलो से ज्यादा सब्जियां
कैलाश प्रजापत ने बताया कि उनके परिवार में सबका खाना एक साथ बनता है ।अगर घर में सभी सदस्य मौजूद हों तो एक बार में 30 किलो सब्जियां बन जाती हैं। दोनों समय पर 60 किलो आटे की रोटियां बनती हैं। कई बार अगर आप कुछ समय के लिए काम से बाहर गए हैं तो 5-10 किलो का अंतर आ जाता है।
85 गाय, भैंस और बकरियां
तेजाराम प्रजापत ने बताया कि परिवार में 20 भैंस, 15 गाय और 50 बकरियां हैं ।इनसे प्राप्त दूध का अधिकांश उपयोग परिवार में ही किया जाता है। गाय भैंस और बकरियों की देखभाल की भी जिम्मेदारी तय है। घर में पानी के लिए कुएं भी हैं। इसके अलावा परिवार ने पानी के भंडारण के लिए टंकियां भी बनाई हैं।
परिवार के मुखिया ने कहा- दुनिया में इससे बड़ी कोई खुशी नहीं
परिवार के वर्तमान मुखिया दुर्गाराम ने बताया कि व्यक्ति के सुख को परिवार के सुख से अलग नहीं किया जा सकता। मजबूत रिश्तों की लगाम एक दूसरे को सुख-दुख का साथी बनाती है। खुशी तभी मिलती है। जब परिवार का हर सदस्य अपनी ताकत से परिवार के हर काम को पूरा करने में मदद करता है। परिवार कमाने के लिए खेती पर निर्भर है। खुद का खेत। इसके अलावा कुछ खेतों को लीज पर भी लिया जाता है।