भिलाई। भारत सरकार के सूचना एवं प्रसारण मंत्रालय के प्रादेशिक लोकसंपर्क कार्यालय रायपुर द्वारा 28 से 30 अक्टूबर तक भिलाई इस्पात संयंत्र के सहयोग से नेहरू आर्ट गैलरी, सिविक सेंटर भिलाई में तीन दिवसीय चित्र प्रदर्शनी का आयोजन किया गया है। महात्मा गांधी, सरदार पटेल और नेताजी सुभाष चन्द्र बोस के जीवन एवं कार्यों को दर्शाती इस चित्र प्रदर्शनी में एक खंड छत्तीसगढ़ के स्वतंत्रता सेनानीयों पर केन्द्रित है। इस तीन दिवसीय आयोजन के दौरान अनेक खेल प्रतियोगिताएं और निबंध, भाषण तथा चित्रकला प्रतियोगिताओं के साथ ही प्रतिदिन सांस्कृतिक कार्यक्रम भी प्रस्तुत किए जाएंगे।
गुरूवार 28 अक्टूबर को प्रात: 11.30 बजे नेहरू आर्ट गैलरी में आजादी का अमृत महोत्सव चित्र प्रदर्र्शनी का उद्घाटन भिलाई इस्पात संयंत्र के निदेशक प्रभारी, अनिर्बान दासगुप्ता द्वारा किया गया। इस अवसर पर समाजसेवी एवं पर्यावरणविद् डॉ विष्वनाथ पाणीग्रही, पीआईबी के एडीजी अभिषेक दयाल, प्रादेशिक लोकसंपर्क कार्यालय रायपुर के प्रभारी शैलेष फाय तथा बीएसपी के जनसंपर्क प्रमुख महाप्रबंधक जेकब कुरियन विशेष रूप से उपस्थित थे। इस अवसर पर भिलाई इस्पात संयंत्र के अनेक अधिकारी, कर्मचारी तथा बड़ी संख्या में एनसीसी कैडेट्स व छात्र-छात्रायें मौजूद रहे।
ज्ञातव्य हो कि देश की आजादी के 75 वर्ष को यादगार बनाने एवं स्वतंत्रता सेनानियों के बारे में आमजन को जानकारी प्रदान करने के लिये भारत सरकार ने एक अनूठी पहल की है। प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी ने स्वतंत्रता सेनानियो एवं उनके द्वारा किए गए आन्दोलनों के बारे में जन-जन तक जानकारी पहुंचाने के लिए आजादी का अमृत महोत्सव की शुरूआत की है।
इस समारोह को संबोधित करते हुए मुख्य अतिथि के रूप में उपस्थित संयंत्र के निदेषक प्रभारी अनिर्बान दासगुप्ता ने अपने उद्बोधन में कहा कि आगामी वर्ष 15 अगस्त को भारत आजादी के 75 वर्ष पूर्ण करने जा रहा है। देश को आजादी दिलाने में हमारे स्वतंत्रता सेनानियों ने कड़ी मेहनत की है। हमारी पीढ़ी ने इस संघर्ष को देखा नहीं है परन्तु हम सभी ने उस कठोर संघर्ष को सुना और पढ़ा है हम उनके संघर्ष को सलाम करते है। हम भारतीस वसुधैव कुटुम्बकम के सिद्धांत पर विष्वास करते है। मुझे विष्वास है कि हम सब मिलकर भारत को शीर्ष पर ले जाने में कामयाब होंगे।
उन्होंने कहा कि आज हम छत्तीसगढ़ के प्रथम स्वतंत्रता सेनानी शहीद वीर नारायण सिंह के जीवनी से रूबरू हो पाये। यह प्रदर्र्शनी हमें जहां गर्व की अनुभूति कराती है वहीं इन स्वतंत्रता सेनानियों की जीवनी हमें आगे बढऩे की प्रेरणा देती है।