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औद्योगिक प्रदूषण से गेरवानी और तराईमाल में लोगों का जीना हो जाएगा दुभर

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रायगढ़ से सुशील पांडे की रिपोर्ट
झूठे ईआईए रिपोर्ट पेश कर शाम्भवी इस्पात करना चाहती है कंपनी अपना विस्तार
25 अक्टूबर को होनी है जनसुनवाई
रायगढ़।
रायगढ़ जिले के गेरवानी और तराईमाल क्षेत्र को जल्दी खाली कराना पड़ सकता है इसकी वजह यह है कि आने वाले दिनों में यह क्षेत्र पूरी तरह से औद्योगिक प्रदूषण से ढक जाएगा। दर्जनों की संख्या में स्थापित वृहद उद्योग अब और विस्तारित होते जा रहे हैं और उद्योगों के विस्तार नीति से यह दोनों गांव आम आदमी के रहने योग्य नहीं बचेगा। एक बार फिर गेरवानी स्थित शांभवी इस्पात के विस्तार के लिए जनसुनवाई रखी गई है, जो 25 अक्टूबर को तराईमाल में आयोजित होने जा रहा है। ग्रामीण उद्योगों के विस्तारीकरण से हलाकान हैं, घर जंगल जमीन सब कुछ प्रदूषित हो चुका है लोग प्रदूषण से होने वाली गंभीर बीमारी के शिकार होते जा रहे हैं। यहां तक की इन दोनों गांव में पशुओं के लिए भी चारागाह नहीं बचा है। शाम्भवी इस्पात गेरवानी अब कई गुना विस्तार रूप लेने वाला है जो पूरी तरह से केलो डैम पर आश्रित होगा। भले ही कंपनी ने अपनी विस्तारीकरण को लेकर झूठा ईआईए रिपोर्ट पर्यावरण विभाग और पर्यावरण मंत्रालय में पेश किया है। इस उद्योग का विस्तारीकरण न केवल गेरवानी, तराईमाल बल्कि पूरे रायगढ़ जिले को प्रभावित करने वाला है। गेरवानी में उद्योगों के विस्तारीकरण के कारण ही खेती की जमीन भी अब नहीं बची है। कोल माफिया, कबाड़ी पहले ही गोचर और भूमि सरकारी भूमि पर कब्जा कर लिए हैं। वही खेतों में स्थापित बृहद उद्योग अब लगातार अपने प्लांटों का विस्तार कर रहे हैं अब तक 7 से ज्यादा उद्योग इस क्षेत्र में विस्तार कर चुके हैं । अब शांभवी इस्पात भी अपनी क्षमता को बढ़ाने जनसुनवाई करने जा रहा है आपको बता दें की केलो डैम से महज कुछ ही दूरी पर स्थित शांभवी इस्पात पूरे केलो नदी को प्रदूषित कर देगा साथ ही उद्योग से निकलने वाला जहरीला पानी और प्रदूषण इस पूरे क्षेत्र को कालिख में तब्दील कर देगा । ग्रामीण तो चाहते हैं कि उद्योगों का विस्तारीकरण ना हो लेकिन वे चाह कर भी इसका विरोध नहीं कर पाते। शांभवी इस्पात ने भी अपने विस्तारीकरण को लेकर केंद्रीय पर्यावरण मंत्रालय, छत्तीसगढ़ पर्यावरण विभाग को झूठे ईआईए रिपोर्ट पेश कर बरगला रही है। कंपनी हर हालत में अपनी क्षमता का विस्तार करना चाहती है यही वजह है कि उसने ईआईए रिपोर्ट की जगह झूठ का पुलिंदा सरकारी दफ्तरों में जमा करवाया है । अब मात्र 1 दिन की जनसुनवाई कार्यक्रम मे समर्थन बटोर कर कंपनी अपना विस्तार कर लेगी।