रायगढ़ सुशील पांडे की रिपोर्ट
शिक्षा विभाग के सयुंक्त संचालक ने मांगी एक सप्ताह में जांच प्रतिवेदन
रायगढ़। पटेलपाली में संचालित एरिसेन्ट पब्लिक स्कूल के संचालन के मामले में प्रबंधन द्वारा न केवल अभिभावकों को बल्कि शिक्षा विभाग को भी गुमराह किया जा रहा है। पूर्व में भी सयुंक्त संचालक शिक्षा विभाग द्वारा स्कूल प्रबंधन से नाम परिवर्तन के विषय मे स्पष्टीकरण मांगा गया था जिसका जवाब स्कूल प्रबधन ने दिया था उसे संतोषप्रद नही माना गया। यही वजह है कि सयुंक्त संचालक द्वारा एक बार फीर जिला शिक्षा अधिकारी को पत्र लिख कर एरिसेन्ट पब्लिक स्कूल की वस्तुस्थिति से अवगत कराने को कहा है। सयुंक्त संचालक द्वारा जिला शिक्षा अधिकारी को भेजे गए पत्र में कहा गया है कि स्कूल संचालक द्वारा स्कूल के पुराने नाम एरिसेन्ट पब्लिक स्कूल के नाम नवनिकरण किये जाने के लिए आवेदन दिया है। ऐसे में वास्तविक स्थिति क्या है तथा वर्तमान में स्कूल किस नाम से संचालित हो रहा है? छात्र संख्या कितनी है और कितनी फीस ली जा रही है और फीस की रसीद किस नाम से दी जा रही है? इसके साथ ही फीस निर्धारण समिति का वास्तविक रूप से गठन हुआ है या नही इन सभी बिंदुओं की जांच कर एक सप्ताह के भीतर निरीक्षण प्रतिवेदन देने को कहा गया है। शिक्षा विभाग की इस कार्रवाई से स्कूल संचालक की एक बार फीर मुश्किलें बढ़ती नजर आ रही है। चूंकि एरिसेन्ट पब्लिक स्कूल के पूर्व संचालको द्वारा स्कूल की भूमि भवन सहित बिक्री कर दी गई है तथा पूर्व सभी समितियां भंग हो चुकी है। ओडिसा के वैदिक संस्था द्वारा उक्त स्कूल का संचालन शुरू किया गया था और वैदिक के नाम से ही प्रचार प्रसार भी किया गया था,लेकिन संस्था का रायगढ में विधिवत पंजीयन नही होने की स्थिति में अब संचालक द्वारा पुराने नाम से हो स्कूल संचालन की कवायद शुरू की गई है।