रायपुर
जशपुर जिले में जल जीवन मिशन के अधूरे कार्यों को स्वीकारते हुए मंत्री ने नए सिरे से टेंडर करने की जानकारी दी। विधानसभा में भाजपा की गोमती साय ने अपने तारांकित प्रश्न में यह मुद्दा उठाया। गोमती ने कहा कि वर्ष 2020-21,21-22,22-23 जनवरी तक 754 गांवों में से मात्र 17 गांव में कार्य पूर्ण किए जा सके हैं। 727 अपूर्ण हैं। क्या कमेटी बनाकर जांच कराएंगे?
उप मुख्यमंत्री पीएचई अरूण साव ने कहा कि जशपुर हमारे लिए महत्वपूर्ण जिला है। यहां के 733 गावों में से 130 गावों में जेजेएम के कार्य 90 फीसदी, 113 में 80-90 फीसदी, 97 में 70 फीसदी, 166 में 50-70 फीसदी, 125 गांवों में 20 फीसदी काम हुए है। सभी जगह काम में तेजी आई है। धीमा काम करने वाली 23 एजेंसियों के अनुबंध निरस्त कर फिर से टेंडर किए जा रहे। सभी काम गंभीरता से लेकर पूरे किए जाएंगे। कमेटी बनाने का प्रश्न नहीं है। गोमती साय ने जशपुर जिले में पीएचई विभाग में स्वीकृति 17 अभियंता के पदों में से तीन ही पदस्थ होने और रिक्त पदों की पूर्ति की मांग की।
मंत्री ने कहा कि पदों के पूर्ति के लिए लगातार प्रयास किए जा रहे है। कांग्रेस की संगीता सिन्हा ने बालोद जिले में भी अपूर्ण कार्यों की शिकायत की। उन्होंने कहा कि क्या अपूर्ण कार्यों को पूर्ण करने समय बढ़ाया गया है? मंत्री साव ने कहा कि बालोद में 77 प्रतिशत कार्य पूरा हो चुका है। शेष भी जल्द हो जाएगा। संगीता ने बताया कि 214 में से 151 कार्य डेट बढ़ाने के बाद भी अधूरे हैं।