रायपुर
विधानसभा में मंगलवार को णान खरीदी को लेकर पक्ष और विपक्ष दोनों में जमकर शोर-शराबा हुआ। विपक्षी सदस्यों ने आरोप लगाया कि पिछले वर्षों की तुलना में इस बार बेचे गए धान का रकबा घटा है, और बड़ी संख्या में किसान धान बेचने से वंचित रह गए हैं। उन्होंने धान खरीदी की तिथि बढ़ाने की मांग की। वहीं खाद्यमंत्री दयालदास बघेल ने खरीदी की तारीख बढ़ाने से इंकार कर दिया और कहा कि अब तक यह रिकार्ड खरीदी है। इसके बाद विपक्षी कांग्रेस सदस्यों ने सदन से वाकआउट कर दिया।
प्रश्नकाल में कांग्रेस सदस्य उमेश पटेल के सवाल के जवाब में खाद्यमंत्री ने बताया कि प्रदेश में 25 जनवरी तक 1 करोड़ 30 लाख 41 हजार टन से अधिक की धान खरीदी हुई है। उन्होंने कहा कि पंजीकृत किसानों से धान खरीदी की गई है। कांग्रेस सदस्य पटेल ने जानना चाहा कि कितने किसानों से धान खरीदी हुई है? इसके जवाब में खाद्यमंत्री ने बताया कि पंजीकृत किसानों की संख्या 26 लाख 63 हजार है, और 23 लाख 29 हजार से अधिक किसानों ने धान बेचे हैं। उन्होंने यह भी बताया कि 25 लाख 13 हजार हेक्टेयर धान के रकबे पर बिक्री हुई है।
उमेश पटेल ने आरोप लगाया कि पिछले साल की तुलना में धान का रकबा घटा है, और कम किसानों से धान खरीदी की गई है। खाद्यमंत्री ने कहा कि धान खरीदी चल रही है। उन्होंने कहा कि अब तक 1 करोड़ 40 लाख टन से अधिक की खरीदी हुई है। जो कि अब तक की रिकॉर्ड खरीदी है। पूर्व सीएम भूपेश बघेल ने आरोप लगाया कि किसानों को टोकन नहीं दिया गया। पिछले बार से धान का रकबा कम हुआ है। उन्होंने धान खरीदी की तिथि बढ़ाए जाने की मांग की। इस पर खाद्यमंत्री ने कहा कि सभी जिलों से कलेक्टरों की रिपोर्ट आ गई है। धान खरीदी पूरी हो चुकी है। उन्होंने जोर देकर कहा कि पिछले वर्षों की तुलना में ज्यादा खरीदी हुई है। मंत्री के जवाब से विपक्षी कांग्रेस सदस्य संतुष्ट नहीं हुए और सदन से वाकआउट कर दिया।