भोपाल
मध्य प्रदेश पश्चिम क्षेत्र विद्युत वितरण कंपनी द्वारा उपभोक्ता सुविधाओं में बढ़ोत्तरी और डिजिटलाइजेशन के लिए स्मार्ट मीटर प्राथमिकता से लगाए जा रहे हैं। बता दें कि अब तक 9 जिलों में 5 लाख 55 हजार स्मार्ट मीटर निःशुल्क लगाए जा चुके हैं। इसके साथ ही अन्य कस्बों में भी स्मार्ट मीटरीकरण शुरू है। इसके अलावा, खरगोन और महू शहर पहले ही पूर्ण स्मार्ट मीटरीकृत हो चुके है।
इन जिलों में लगाए गए स्मार्ट मीटर
बता दें कि सबसे ज्यादा अब तक इंदौर शहर में 2 लाख 52 हजार स्मार्ट मीटर लगाए जा चुके हैं जबकि उज्जैन में 80 हजार, रतलाम शहर में 71,500, देवास शहर में 45,500 स्मार्ट मीटर लग चुके हैं। वहीं, मंदसौर में 7 हजार, झाबुआ में 13 हजार, बड़वानी में 12,800 और नीमच में 1,000 स्मार्ट मीटर लग चुके है। इन स्थानों पर निःशुल्क रूप से स्मार्ट मीटर स्थापना कार्य जारी है।
प्रबंध निदेशक ने दी ये जानकारी
प्रबंध निदेशक तोमर ने बताया कि स्मार्ट मीटर पावर फैक्टर भी रीड करते है। इससे गैर घरेलू श्रेणी के उपभोक्ताओं को समय पर पावर फैक्टर छूट प्रदान करने में बहुत आसानी हो रही है।
सौर ऊर्जा गणना में भी कारगर
साथ ही रूफ टॉप सोलर नेट मीटर से संबद्ध उपभोक्ता को पृथक से नेट मीटर लगाने की जरूरत नहीं होती है। इस तरह स्मार्ट मीटर सौर ऊर्जा उत्पादन के लिए प्रोत्साहन में भी अपनी उपयोगिता सिद्ध कर रहा है।
मार्ट मीटर लगने से पहले ही विरोध शुरू
मध्य प्रदेश (Madhya Pradesh) विद्युत वितरण कंपनी इन दिनों आम उपभोक्ताओं के परिसर में स्मार्ट मीटर लगा रही है. कई बड़े शहरों में स्मार्ट मीटर लगा भी दिए गए हैं. स्मार्ट मीटर लगाने के बाद उपभोक्ताओं की आम शिकायत है कि लगाए गए स्मार्ट मीटर, पुराने मीटर की तुलना में ज्यादा खपत बता रहे हैं, जिससे उपभोक्ताओं पर अतिरिक्त आर्थिक बोझ बढ़ा रहा है.
उपभोक्ता उत्थान संगठन के प्रदेश उपसचिव ने किया वाद दायर
स्मार्ट मीटर को लेकर उपभोक्ता उत्थान संगठन के प्रदेश उप सचिव सतीश वर्मा ने पश्चिमी मध्य प्रदेश विद्युत वितरण कंपनी के खिलाफ विद्युत नियामक आयोग भोपाल में उपभोक्ता के नियम का पालन एवं विद्युत नियामक आयोग के नियम 7 अगस्त 2013 के पालन संबंध में एक वाद दायर किया है.
एक पक्षीय निर्णय लेकर लगाए जा रहे हैं स्मार्ट मीटर
दायर किए गए वाद में बताया गया है कि विद्युत वितरण कंपनी द्वारा स्मार्ट मीटर लगाए जाने से पूर्व नियामक आयोग में वाद दायर किया जाना था ,जिसमें आम उपभोक्ताओं के सुझाव लेने थे और दोनों पक्षों को सुनने के बाद स्मार्ट मीटर पर कोई निर्णय लिया जाना था. लेकिन ऐसा नहीं हुआ. इस प्रकार विद्युत वितरण कंपनी द्वारा एक पक्षीय निर्णय लेकर स्मार्ट मीटर लगाए जा रहे हैं जो नियम के खिलाफ है.
आम उपभोक्ताओं को 6 अधिकार कानूनन प्राप्त हैं
आम उपभोक्ताओं को 6 अधिकार कानूनन प्राप्त हैं. इनमें से एक अधिकार बिजली मीटर का चयन भी है. विद्युत मीटर नाप तोल के नियम के दायरे में आता है नापतोल के नियम 1999 तक बिजली के मीटर नाप तोल विभाग द्वारा सत्यापित कराने का नियम था, जिसे हटा दिया गया. इसका खामियाजा आम उपभोक्ताओं को उठाना पड़ रहा है. अगर देखा जाए तो विद्युत वितरण कंपनी पर ना तो उपभोक्ता का नियम लागू हो रहा है और ना ही माननीय विद्युत नियामक आयोग के नियम लागू हो रहे हैं. इस प्रकार विद्युत वितरण कंपनी अपनी मर्जी के नियम चला रही हैं.