रायपुर-बिलासपुर संभाग/ पुलिस महानिदेशक, राज्य महिला आयोग और उच्च शिक्षा मंत्री से CV रमन यूनिवर्सिटी के रजिस्ट्रार गौरव शुक्ला और डिस्टेंस डायरेक्टर अरविंद तिवारी की एक महिला सरपंच ने शिकायत करते हुए धोखाधड़ी, मानसिक प्रताड़ना, महिला उत्पीड़न के तहत मामला दर्ज करने की मांग की हैं।
दिनांक 30.07.2021 को उच्च शिक्षा मंत्री, पुलिस महानिदेशक DGP और राज्य महिला आयोग को दिए गए शिकायत में प्रार्थिया ने बताया कि वह ग्राम पंचायत सपिया, मालखरौदा, जिला जांजगीर-चाम्पा छ.ग. की निवासी हैं, और वर्तमान में वह ग्राम पंचायत सपिया की जनप्रतिनिधि (सरपंच) हैं। शिकायत में यह बताया गया कि उनके द्वारा सन् 2010 से आईसेक्ट कम्प्यूटर प्रशिक्षण केन्द्र भोपाल से शाखा 103385 कार्यालय एम. जी. कॉलेज के सामने रायगढ़ रोड खरसिया से जुड़ी हैं चुंकि 2011-12 में आईसेक्ट कम्प्यूटर प्रशिक्षण केन्द्र के द्वारा मुझे डॉ. सी. वी. रामन विश्वविद्यालय द्वारा संचालित दुरवर्तीय शिक्षा संस्थान से मुझे जोड़ा गया था। सन् 2012 से मैंने डॉ. सी. वी. रामन विश्वविद्यालय मुक्त एवं दुरवर्तीय शिक्षा संस्थान का संचालन किया उसके पश्चात् जुलाई 2015 से जुलाई 2019 तक मैने शाखा 103385 में कार्य करते हुए इन 4 वर्षों में 1500 से 1600 विद्यार्थियों को ऑफलाइन प्रवेश लेकर विश्वविद्यालय परिसर में समस्त विद्यार्थियों का नामांकन फीस परीक्षा फीस और 10 लाख रु. लेट फीस के तौर पर नकद एवं खाता के माध्यम से जमा किया उसके पश्चात् डॉ. सी. वी. रामन विश्वविद्यालय मुक्त एवं दुरवर्तीय शिक्षा विभाग के द्वारा मुझे इन 4 वर्षों तक 1500 से 1600 विद्यार्थियों का पुस्तक मेरे शाखा में नहीं दिया गया। दुरवर्तीय शिक्षा संस्थान के डायरेक्टर अरविंद तिवारी के द्वारा दुर्व्यवहार और भिखारी की तरह पुस्तक मांगने आ जाते हो कह कर बत्तमीजी से उन्हें अपने कक्ष से निकाल दिया गया उसके पश्चात् फिर मैने 17 सितम्बर 2017 को मैं फिर से पुस्तक प्राप्त करने के लिए आवेदन लेके गई और उनसे पिछले वर्ष और वर्तमान वर्ष की पुस्तक देने की बात कही तो हमारे द्वारा दिये गये आवेदन को फाड़ कर डस्टबीन में फेंकते हुए गाली गलौज और दुर्व्यवहार करते हुए कहा की तुम लोग यहां से इज्जत से निकल जाओ कहा और तुम्हारे शाखा को ताला लगवा दूंगा कहकर धमकी भी दिया उसके पश्चात् अक्टूबर 2018 में मेरे पति विनय राठौर के द्वारा आवेदन देने गये तो भी अरविंद तिवारी द्वारा गली-गलौज एवं आपत्तिजनक शब्दों का प्रयोग करते हुए अपमानित करके अपने कक्ष से निकलवा दिया गया। 1500 से 1600 विद्यार्थियों का पुस्तक मेरे शाखा में नहीं दिया गया जो कि विद्यार्थियों के प्रति धोखाधड़ी एवं अन्याय था और हमने हमारे यहाँ प्रवेश लिए विद्यार्थियों को पुस्तक उपलब्ध नहीं करा पाने के कारण उनके कोचिंग फीस मे से पुस्तक के मुल्य आधार पर फीस कम करके प्रशिक्षण शुल्क को माफ किया और इस तरह से प्रत्येक विद्यार्थियों का प्रशिक्षण शुल्क माफ करने से हमे 37 लाख रु. का आर्थिक नुकसान वहन करना पड़ा और अरविंद तिवारी के द्वारा व्यक्तिगत दुश्मनी निभाते हुए हमारे शाखा में ऑनलाइन प्रवेश को बंद कर दिया गया था जिसके कारण हमें बेवजह 08 लाख रु. लेट फीस देना पड़ा। और जुलाई 2019 में डॉ. सी.वी. रामन के कुलपति डॉ. गौरव शुक्ला और दुरवर्तीय शिक्षा संस्थान के डायरेक्टर अरविंद तिवारी को विगत वर्षों के पुस्तक और हमारे बचे हुए शेयर कमीशन के पैसे को देने की बात कही तो उस समय भी अरविंद तिवारी द्वारा गलत बर्ताव कर के हमें अपमानित कर अपने कार्यालय से निकाल दिया गया जिससे हमें मानसिक और आर्थिक परेशानियों का सामना करना पड़ा और 2015 से 2019 तक हमारे संस्थान में पुस्तक नहीं मिलने के कारण प्रवेश में कमी आने लगी जिससे हमें बहुत ज्यादा मानसिक आघात पहुंचा अरविंद तिवारी द्वारा बार-बार किये गये दुर्व्यवहार से मुझे मानसिक परेशानी का सामना करना पड़ा। जिससे मुझे और मेरे परिवार को भी मानसिक और आर्थिक परेशानियों का सामना करना पड़ा इन सारे परेशानियों से निजात पाने के लिए समस्त दस्तावेजों के साथ एक शिकायत पत्र लेकर उच्च शिक्षा और पुलिस महानिदेशक से मुलाकात किया और उनके साथ हुए अन्याय को लिखित और मौखिक तौर पर बाताया गया। उसके पश्चात् मंत्री के द्वारा डॉ. सी.वी. रामन् विश्वविद्यालय के रजिस्ट्रार गौरव शुक्ला को अपने कार्यालय ऑफिसर कॉलोनी देवेन्द्र नगर रायपुर बुलाया गया तथा सही-गलत का जाँच पड़ताल करने के पश्चात् पुस्तक के सारे पैसे और जबरन गये लेट फीस का 7-8 लाख रु. को वापसी करने को कहा गया, छः माह के अंदर आधा पैसा 18 लाख रु किश्तों में देने को कहा गया और बाकी पैसे को छः माह के बाद दो किश्तों में देने को कहा गया। उसके पश्चात् डॉ. सी. वी. रामन् विश्वविद्यालय द्वारा 15 लाख रु. चेक और 3 लाख रु. खाता में जमा कराया गया। उसके अक्टूबर 2019 से फरवरी 2020 तक उसके पश्चात् अक्टूबर नवम्बर 2020 में 10 से 12 लाख रु. राशि का प्रवेश शुल्क के साथ अर्जेस्टमेंट किया गया उसके बाद आज दिनांक तक बाकी 12 से 13 लाख रु. को नहीं दिया गया। बार-बार हमारे फोन करने एवं कार्यालय में जाकर सूचित करने के बाद भी रजिस्ट्रार गौरव शुक्ला और अरविंद तिवारी द्वारा कोई जवाब नहीं दिया गया और कोरोना कॉल में प्रवेश में कमी आने और पैसे नही होने की बात कहकर हमें घुमाया जा रहा है और मानसिक परेशान किया जा रहा है जिससे हम काफी व्यथीत है। डॉ. सी. वी रामन् विश्वविद्यालय के रवैये से प्रार्थिया काफी परेशान हैं।
इसीलिए उच्च शिक्षा मंत्री उमेश नन्दकुमार पटेल,राज्य महिला आयोग और पुलिस महानिदेशक के समक्ष महिला ने शिकायत करते हुए निवेदन किया है कि डॉ. सी.वी. रामन् विश्वविद्यालय के रजिस्ट्रार गौरव शुक्ला और डायरेक्टर अरविंद तिवारी के ऊपर महिला मानसिक प्रताड़ना, महिला उत्पीड़न, महिला के साथ दुर्व्यवहार, सामाजिक तौर पर बदनाम किया गया और 2014 से 2019 तक हमें अरविंद तिवारी के द्वारा मानसिक प्रताड़ित किया गया, शिकायत में कहा गया कि चूंकि वह एक महिला हूँ और ग्राम पंचायत सपिया के जनप्रतिनिधि हूँ मुझे इस तरह से मानसिक उत्पीड़न किया गया है जिससे मै एक महिला होने के नाते न्याय की गुहार लगाती हूँ, और डॉ. सी.वी.रामन विश्वविद्यालय के डायरेक्टर अरविंद तिवारी के ऊपर महिला मानसिक उत्पीड़न, 2015 से 2019 तक पुस्तक नहीं देने और 420 का अपराध पंजीबद्ध कराने की कृपा करें।
आपको बता दे सीवी रमन यूनिवर्सिटी के कुलसचिव गौरव शुक्ला और डिस्टेंस डायरेक्टर अरविंद तिवारी के खिलाफ वहीं यूनिवर्सिटी में कार्यरत एक महिला ने छेड़छाड़, अश्लील हरकत और शारिरिक सम्बंध बनाने दवाब बनाने की FIR दर्ज कराया गया था, जिसमें पुलिस द्वारा आरोपियों को जमानत का लाभ देने की मंशा से गिरफ्तार भी नहीं किया गया था जबकि जानकारी मिली थी कि आरोपीगण रोज यूनिवर्सिटी जाते थे, बहरहाल अब देखना हैं कि इस दूसरी महिला के शिकायत पर क्या कार्यवाही होती हैं।