रायपुर। राज्य आपदा मोचन बल (एसडीआरएफ) रायपुर एवं बाढ़ आपदा बचाव दल बलौदाबाजार द्वारा जिला प्रशासन के सहयोग से आज पलारी के बालसमुंद तालाब में बाढ़ बचाव का द्वितीय मॉकड्रिल का आयोजन किया गया। इस दौरान बाढ़ बचाव दल के जवानों ने मोटर बोट चालन, आपदा के समय पीड़ितों को पानी के भीतर खोजने एवं उन्हें सुरक्षापूर्वक लाइफ बोर्ड तक लाने, सही तरीके से लाइफ जैकेट, लाइफ बॉय का प्रयोग करने, डूबते व्यक्ति को बचाव दल द्वारा मोटर बोट, पीपा, ट्यूब, पानी बोतल से बने पउचतवअपेम उपकरणों से बचाव का भी प्रदर्शन किया गया। इसके अतिरिक्त अंडरवाटर कैमरा तथा स्कूबा डाइवर द्वारा पानी के भीतर व्यक्तियों का पता लगाना, सभी जवानों को चप्पू, मोटरबोट चलाने, तैराकी का भी अभ्यास कराया गया। इसके साथ ही बचाव दल द्वारा बचाव के दौरान उपयोग होने वाले विभिन्न प्रकार के उपकरणों जैसे मोटरबोट, विभिन्न प्रकार के कटर, लाइट, सर्च लाइट, अंडरवाटर कैमरा, स्कूबा डीप डाइविंग सूट, लाइफ बॉय, लाइफ जैकेट का प्रदर्शन किया गया। डेमो के पूर्व संभागीय सेनानी रायपुर तथा एसडीआरएफ प्रभारी श्रीमती अनिमा कुजूर एवं जिला सेनानी नागेन्द्र सिंह द्वारा जवानों को ब्रीफ किया गया और बाढ़ आपदा के संबंध में महत्वपूर्ण टिप्स भी दिए गए। संभागीय सेनानी श्रीमती अनिमा कुजूर द्वारा मॉकड्रिल उपरांत महानदी कछार में बसे बाढ़ प्रभावित संभावित गांवो का दौरा भी किया गया और जिला सेनानी को आवश्यक दिशा निर्देश दिए। जिला सेनानी नागेन्द्र सिंह ने बताया कि 21 सदस्यीय बाढ़ बचाव दल चैबीसों घण्टे तैयार रहती है। कण्ट्रोल रूप से सूचना मिलते ही तत्काल मौके के लिए रवाना हो जाती है। विगत तीन-चार बर्षों में महानदी, शिवनाथ, खोरसीनाला, जमुनिया नाला आदि नदी-नालों में बाढ़ में फंसे लगभग 700 लोगों को सुरक्षित रेस्क्यू किया गया है।