सराईपाली से जीत तिवारी की रिपोर्ट
सराईपाली। महासमुंद जिला के सरायपाली नगर व ग्रामीण क्षेत्रो में खुले में घूमने वाले पशुओं से फसलों को सुरक्षित रखने के लिए रोका छेका की परंपरा का प्रचलन है। साथ ही शहर व ग्रामीणी क्षेत्र में अधिकाश पंचायतों में गौठान निर्माण किया गया है,लेकिन गौठान में मवेशीनहीं होती है, जिस उद्देश्य से गौठान निर्माण किया गया है, उसका परिपालन नहीं किया जा रहा है| शहरों के आसपास भी फसलों, बाड़ियों, उद्यानों आदि की सुरक्षा के लिए नगर पालिका क्षेत्र में भी रोका छेका अभियान को लागू किया गया है। प्रदेश के मुखिया के निर्देश में नगर पालिका क्षेत्रों को आवारा पशु मुक्त, साफ-सुथरा व स्वच्छ रखने के साथ-साथ दुर्घटनामुक्त रखने के लिए एक जुलाई से जिले भर में संकल्प अभियान चलाया गया है।
मवेशियों को रोकने-छेकने का अभियान वृहद रूप में चलाया तो जाता है, लेकिन मवेशियों का राज पूरे साल सड़कों पर देखा जा सकता है। शहर के बाहरी व अंदरूनी सभी रास्तों पर मवेशी बैठ रहे हैं।
खासकर सड़क के बीचों-बीच मवेशियों के होने से लगातार हादसे हो रहे है। लोग घायल हो रहे हैं। वहीं, यातायात भी प्रभावित हो रहा है। वही ग्रामीण क्षेत्रों में भी वही समस्या बना हुआ है, जिससे किसान अपने फसल बचाने के लिए दिन रात रखवाली करने को मजबूर है|वही अधिकारियों का कहना है कि सभी गौठानो में सभी व्यवस्था है ओर रोका छेका अभियान का पालन किया जा रहा है, लेकिन हकीकत कुछ और है।