-2014 में कांकेर की जनता से पहली बार किया था वादा
-जैन ने कहा, नगरनार स्टील प्लांट मामले में भी अब झूठ बोल रहे प्रधानमंत्री
जगदलपुर। प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी को देश- प्रदेश के करोड़ों लोगों से सार्वजनिक तौर पर उस झूठ के लिए माफी मांगनी चाहिए जो 2014 में उन्होने पहली बार कांकेर में लोकसभा चुनाव प्रचार के समय बोला था। यह कहना है कांग्रेस के वरिष्ठ नेता रेखचंद जैन का। वर्तमान में मोदी सरकार के मंत्री व तब भाजपा के राष्ट्रीय अध्यक्ष अमित शाह ने बाद में एक चैनल को दिए इंटरव्यू में मोदी के संबोधन को जुमला बताया था। जैन ने कहा है कि भाजपाध्यक्ष की नजर में वह चाहे भले जुमला था लेकिन उस एक संबोधन से भाजपा का जनता में विश्वास घटा है जो अब तक जारी है। प्रधानमंत्री व दीगर भाजपा नेताओं के बयान को जनता गंभीरता से नहीं लेती है। उन्होने याद दिलाया है कि प्रधानमंत्री मोदी ने प्रत्येक भारतीय को 15-15 लाख रुपये देने का वायदा कांकेर की जनसभा में किया था जिसके वीडियो सोशल मीडिया में आज भी देखे जा सकते हैं। बस्तर की जनता से प्रधानमंत्री ने तब भी झूठ बोला था और विगत माह जगदलपुर प्रवास के दौरान भी उन्होने लालबाग मैदान में नगरनार स्टील प्लांट को लेकर झूठी बयानबाजी ही की है। एनएमडीसी प्रबंधन भी यह बात जान रहा है कि प्लांट का विनिवेशीकरण किया जाना प्रस्तावित है, जिसके बोलीदारों में प्रधानमंत्री के अरबपति मित्र गौतम अदाणी भी सम्मिलित हैं। भाजपा विगत आठ साल से बस्तर के खनिज संसाधनों को अदाणी को सौंपने का मंसूबा पाले बैठी है। बैलाडिला की 13 बी खदान इसका उदाहरण है। भाजपा शासनकाल में तत्कालीन मुख्यमंत्री डा रमन सिंह के नेतृत्व में उक्त खदान को विकसित करने के नाम पर अदाणी को डेवलपर बनाकर बस्तर में प्रवेश दिलाने की कोशिश की जा चुकी है। स्थानीय जागरूक लोगों ने भाजपा के नापाक मंसूबों को पूरा नहीं होने दिया। बस्तर की जनता भाजपा और प्रधानमंत्री मोदी के झूठ को जान गई है इसलिए आगामी विधानसभा चुनाव में संभाग की सभी सीटों पर कांग्रेस प्रत्याशियों को जिताकर फिर एक बार भाजपा के इरादों पर पानी फेरेगी। बस्तर के लोग भाजपा की कथनी व करनी का भेद जान गए हैं। रमन राज में आदिवासियों को उनकी जमीन से बेदखल करने के भाजपाई खेल को भी बेनकाब किया गया था। नगरनार प्लांट के मामले में यदि प्रधानमंत्री व केंद्रीय गृहमंत्री बस्तरियों के सच्चे हितैषी हैं तो यहां की जनता को उन्हें लिखकर देना चाहिए कि नगरनार स्टील प्लांट का न तो विनिवेशीकरण किया जाएगा और न ही निजीकरण।