रायपुर
केंद्रीय रिजर्व पुलिस बल में द्वितीय कमान अधिकारी डा. विनोद कुमार टंडन ने अपने द्वारा लिखे नक्सलवाद उन्मूलन के प्रयास और इस पर पुलिस प्रशासन की भूमिका और वर्तमान परिदृश्य पुस्तक का आज प्रेस क्लब में विमोचन किया। इस दौरान पत्रकारों से चर्चा करते हुए उन्होंने कहा कि इस पुस्तक में 1967 की विजयी गाथा से लेकर छत्तीसगढ़ के नक्सलगढ़ में 7 मई 2023 को अरणपुर में हुई घटना का जिक्र किया गया।
पत्रकारों से चर्चा करते हुए उन्होंने कहा कि जम्मू-कश्मीर में आतंकवादी वहां कब्जा कर अलग देश की मांग करते हुए आए दिन कश्मीर के रहने वाले भाई-बहनों पर हमला कर रहे हैं और दूसरी ओर छत्तीसगढ़ में नक्सली व्यवस्था परिवर्तन की मांग को लेकर ग्रामीणों व जवानों पर हमला कर रहे है। नक्सलवाद को छत्तीसगढ़ से कभी खत्म नहीं किया जा सकता है लेकिन कुछ हद तक रोका जरुर जा सकता है, इसके लिए राज्य सरकार, जिला प्रशासन के साथ ही आम जनता को भी कुछ कड़े कदम उठाने होंगे। राज्य सरकार नक्सल प्रभावित क्षेत्रों में जनकल्याणकारी योजनाओं को वहां रहने वाले निवासियों तक अगर पहुंचाने में कामयाब हो जाएंगे तो नक्सली घटनाएं कुछ हद तक जरुर कम हो जाएगा। नक्सली वे लोग बनते हैं जिनके पास राज्य सरकार के द्वारा चलाई जा रही योजनाएं नहीं पहुंच पाती हैं और वे निराश और हताश होकर माओवादियों के शरण में चले जाते है और वहीं से वे ट्रेनिंग लेकर नक्सली बनते हैं।
पुस्तक में नक्सल प्रभावित क्षेत्र के जमीनी हालात के बारे में बताया हैं जिससे की पुलिस तथा अर्द्धसैनिक बल को वहा पर के जमीन हालात की जानकारी भी प्राप्त हो सकती है और वहां पुलिस तथा अर्द्धसैनिक बल को अपनी ड्यूटी पूर्ण करने में काफी मदद मिलेगी। यह पुस्तक नक्सल प्रभावित क्षेत्रों के रहवासियों के लिए भी लाभप्रद है क्योंकि राज्य सरकार के द्वारा संचालित योजनाओं को विस्तारपूर्वक बताया गया है।