बिलासपुर.
मेयर रामशरण यादव को पीसीसी ने कारण बताओ नोटिस जारी कर 24 घंटे में स्पष्टीकरण मांगा है। टिकट वितरण को लेकर मेयर का कथित वायरल ऑडियो के मद्देनजर यह नोटिस जारी किया गया है। बिलासपुर में ठीक चुनाव के समय कांग्रेस के पूर्व विधायक अरुण तिवारी के सनसनीखेज खुलासे व मेयर के साथ बातचीत का ऑडियो सामने आने के बाद सियासी गलियारे में हड़कंप मचा हुआ है।
बता दें कि ऑडियो में किए गए बातों और आरोपों को लेकर कई सवाल खड़े हो रहे हैं। ऐसे में आरोपों और वायरल ऑडियो को लेकर बिलासपुर मेयर रामशरण यादव ने अब मीडिया में सफाई भी दी है। उनका कहना है कि पूर्व विधायक अरुण तिवारी उनके वार्ड के रहवासी हैं, जो समय-समय पर वार्ड के काम को लेकर उनसे संपर्क करते हैं। फोन के जरिए भी उनसे बात होती है। मेयर होने के नाते जब भी कोई फोन आता है वे लोगों से बात करते हैं। अरुण तिवारी से भी भाईचारे के नाते कई बार बात हुई है, लेकिन अब जिस तरह ऑडियो के जरिए उन पर आरोप लगाया जा रहा है, वो सब निराधार
है। ऑडियो में स्पष्ट रूप से रामशरण यादव द्वारा टिकट को लेकर बड़ा लेनदेन का आरोप लगाया गया है। ऑडियो में बिलासपुर विधायक शैलेष पांडेय के कामकाज को लेकर भी टिप्पणी की गई है।
अरुण तिवारी ने मीडिया से चर्चा करते हुए कहा है कि उन्होंने इस बात की शिकायत बकायदा पार्टी फोरम में भी की है और कुमारी शैलजा से लेकर प्रदेश के शीर्ष नेतृत्व को विभिन्न गतिविधियों से अवगत कराया, लेकिन उनकी कहीं भी सुनी नहीं गई। अरुण तिवारी ने बताया कि मीडिया के माध्यम से वो पार्टी के इन गतिविधियों को उजागर करना चाहते हैं, ताकि ये बातें ऊपर तक जाए और उनकी सुनवाई हो। जारी ऑडियो में टिकट न मिलने से नाराज कांग्रेसी नेता रामशरण यादव ने रोष जाहिर करते हुए कहा है कि वो रिपोर्ट में सबसे आगे थे, लेकिन उन्हें टिकट नहीं मिला। प्रेसवार्ता में अरुण तिवारी ने मीडिया से कहा कि रामशरण फिलहाल डरे हुए हैं, इसलिए वो खुलकर सामने नहीं आ रहे हैं।