Home छत्तीसगढ़ अपने ही बुने जाल में फंसा आरोपी मिली आजीवन कारावास की सजा

अपने ही बुने जाल में फंसा आरोपी मिली आजीवन कारावास की सजा

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शासन की ओर से लोक अभियोजक मनीष चौबे ने की पैरवी
मुंगेली।
जिला एवं सत्र न्यायाधीश विद्वान अरविन्द कुमार सिन्हा द्वारा 07 अप्रैल 2021 को दो वर्ष पूर्व दर्ज अपनी पत्नी की हत्या के आरोपी सेवकराम यादव को भा.द.स. धारा 302 के अपराध में आजीवन कारावास एवं 02 हजार रूपये के अर्थदण्ड से दण्डित किया गया एवं अर्थदण्ड के राशि अदा नही किये जाने पर 01 वर्ष सश्रम कारावास तथा भा.द.स. की धारा 201 के अपराध में तीन वर्ष कारावास एवं 5 सौ रूपये के दण्ड से दण्डित किया। अर्थदण्ड कि राशि अदा नही किए जाने पर छः मास सश्रम कारावास से दण्डित किया गया। इस प्रकरण में शासन की ओर से जिला लोक अभियोजक मनीष चौबे द्वारा पैरवी की गई। इस प्रकरण मंे आरोपी अपने ही बुने जाल में फंस गया जिस तरह अपराधी अपने पीछे कोई ना कोई सुराग छोड़ जाता है वही गलती आरोपी सेवकराम द्वारा पत्नी की हत्या कर स्वयं थाने में सूचना अपने अपराध को छुपाने के दृष्टिकोण से दी गई थी लेकिन आरोपी द्वारा दी गई सूचना ही उसके अपराध को साबित करने का बड़ा आधार बना। क्योंकि पोस्टमार्टम रिपोर्ट में डाॅक्टर द्वारा यह बताया गया कि मृतका की मौत गला दबाने से हुई थी, जिसके बाद उसे जलाया गया था। आरोपी द्वारा न्यायालय में अपने बचाव में घटना के समय घटना स्थल पर उपस्थित नही होने का बचाव लिया गया था। जिसे आरोपी द्वारा साबित नही किया जा सका, क्यांेकि थाने में सूचना देने के समय अपने अपराध को छुपाते हुए झूठी सूचना लिखाई गई थी। जो आरोपी के अपराध को न्यायालय में साबित करने की श्रृंखला में एक कड़ी के रूप में साबित हुआ। विद्वान न्यायाधीश द्वारा निर्णय में आरोपी द्वारा थाने में दी गई सूचना के सम्पूर्ण अंश का उल्लेख किया जाना आवश्यक बताते हुए पूरी सूचना का उल्लेख निर्णय में किया गया है।
मुंगेली के सिटी कोतवाली थाना क्षेत्र के ग्राम बोडतारा में 8 जून 2019 को ग्राम बोडतारा निवासी सेवकराम यादव थाना पहुंच सूचना दिया कि उसकी पत्नी रामेश्वरी यादव आग से बुरी तरह से जलकर उसकी मौत हो गयी है की सूचना प्राप्त होने पर कोतवाली पुलिस की टीम मौके पर पहुंच कर घटना के बारे में जानकारी लिया जिसके बाद पुलिस ने मर्ग कायम कर पंचनामा तैयार करते हुए शव को पोस्टमार्टम के लिए भेज दिया,वही मृतका के पति सेवकराम यादव को थाना में लाकर उससे घटना के सम्बंध में पूछताछ की गई इस दौरान मृतका के पति द्वारा बताया गया कि घटना के दौरान वह घर पर नही था जिस वक्त ये घटना घटित हुआ वह गांव के पास बकरियां चराने गया था वही लगभग 4 बजे के आसपास जब मै घर पहुंचा तो मेरे बच्चे घर के बाहर ही खेल रहे थे और मेरे घर का दरवाजा बंद था जिसको खोलने के बाद जब मैं घर के अंदर दाखिल हुआ तो मेरी पत्नी रामेश्वरी आग से बुरी तरह से जल गई थी और उसकी मौत हो गयी थी जिसके बाद मैंने पुलिस को सूचना दिया और अपने ससुराल में भी इस घटना की सूचना दिया हूँ। मृतका के पति सेवकराम ने जिस तरह से अपना बयान दर्ज कराया था उससे पुलिस को शक होने पर इस मामले की बारीकी से जांच करते हुए पुलिस ने मृतका के मायके वाले सहित ग्रामीणों से पूछताछ करने पर इस मामले में कई चैकाने वाले तथ्य सामने आए जिसके आधार पर पुलिस की शक की सुई मृतका के पति सेवकराम पर ही आकर रुकी जिसके बाद पुलिस ने एक बार फिर मृतका के पति सेवकराम को हिरासत में लेकर कड़ाई से पूछताछ की जिसके बाद जो कहानी सामने आई उसे सुनकर एकबार पुलिस भी चकित रह गयी, आरोपी सेवकराम ने अपना गुनाह कबूल करते हुए बताया कि करीब 4 वर्ष पूर्व मृतका रामेश्वरी यादव की शादी ग्राम बोडतारा में रहने वाले सेवकराम यादव के साथ हुई लेकिन शादी के कुछ दिन बाद ही दहेज की मांग एवं पत्नी की चरित्र शंका कर आरोपी सेवकराम के द्वारा अपनी पत्नी के साथ विवाद करता था। घटना के दिन जब घर में कोई नही था तब मौका देखकर आरोपी के द्वारा मृतका के सिर पर डंडे वार किया तथा गला दबाकर अपनी पत्नी को मौत के घाट उतार दिया जिसके बाद आरोपी ने अपनी पत्नी की लाश पर घर मेें रखे मिट्टीतेल डालकर आग लगा दिया और वहा से थाने में सूचना देने आ गया। आरोपी द्वारा किये गए कबूलनामा के बाद पुलिस ने आरोपी के खिलाफ मामला दर्ज करते हुए धारा 302,304बी,201 आईपी के तहत मामला दर्ज करते हुए न्यायिक रिमांड पर जेल रवाना कर दिया गया था। वही इस मामले की सुनवाई जिला सत्र न्यायाधीश के समक्ष करीब 2 साल तक चला प्रकरण में कोई प्रत्यक्षदर्शी साक्षी नही था। तथा सम्पूर्ण प्रकरण प्ररिस्थितिजन्य साक्ष्य पर आधारित था। जिसके समर्थन में लोक अभियोजक मनीष चौबे द्वारा 15 गवाहों का परीक्षण न्यायालय के समक्ष कराया गया, अभियुक्त द्वारा किए गए अपराध के लिए अन्य गवाहों के कथन एवं आरोपी के खिलाफ प्रस्तुत किये गए तथ्यों के आधार पर पत्नी के हत्या के आरोपी को विद्वान जिला एवं सत्र न्यायाधीश अरविन्द कुमार सिंन्हा द्वारा उपरोक्त सजा से दंडित किया गया।