संपर्क, वाणिज्य, सूचना प्रौद्योगिकी और खेल जैसे क्षेत्रों में पांच सहमति-पत्र पर हस्ताक्षर
ढाका। अपने बांग्लादेश यात्रा के दौरान प्रधानमंत्री मोदी ने भारत-बांग्लादेश के बीच पांच सहमति पत्र पर हस्ताक्षर किए। राष्ट्रपति अब्दुल हमीद के साथ प्रधानमंत्री मोदी ने भारत-बांग्लादेश सहयोग से संबंधित विषयों की एक विस्तृत श्रृंखला पर विचारों का आदान-प्रदान किए। विदेश मंत्रालय के प्रवक्ता अरिंदम बागची ने कहा कि दोनों नेताओं ने स्वास्थ्य, व्यापार, संपर्क, ऊर्जा, विकास सहयोग व अन्य क्षेत्रों में हुई प्रगति पर चर्चा की। दोनों नेताओं की वार्ता के बाद जारी संयुक्त बयान में कहा गया, ‘यह स्वीकार किया गया कि आतंकवाद वैश्विक शांति एवं सुरक्षा के लिए खतरा है, दोनों पक्षों ने सभी प्रकार के आतंकवाद का समूल नाश करने के प्रति अपना दृढ़ संकल्प दोहराया।’
पीएम मोदी ने सुरक्षा संबंधी मुद्दों पर बांग्लादेश के सहयोग के प्रति भारत की ओर से सराहना व्यक्त की। पीएम मोदी ने तीस्ता जल बंटवारा समझौता संबंधित हितधारकों के साथ परामर्श के जरिये पूरा करने के प्रति भारत के गंभीर एवं निरंतर प्रयासों को दोहराया।
संयुक्त बयान में कहा गया है, ‘दोनों नेताओं ने अपने अपने जल संसाधन मंत्रालयों को छह साझी नदियों- मानु, मुहुरी, खोवाई, गुमती, धार्ला और दूधकुमार के पानी के बंटवारे को लेकर अंतरिम समझौता प्रारूप को शीघ्र पूरा करने का निर्देश दिया।’
विदेश सचिव हर्षवर्धन श्रृंगला ने संवाददाताओं से कहा कि भारत ने फेनी नदी के जल बंटवारे के लिए एक मसौदा को भी शीघ्र ही अंतिम रूप देने का अनुरोध किया है, जो बांग्लादेश की ओर से लंबित है। संयुक्त बयान के अनुसार दोनों नेताओं ने शांत, स्थिर और अपराधमुक्त सीमा के लिए प्रभावी सीमा प्रबंधन के महत्व पर बल दिया।
मानवीय पहलू के तौर पर प्रधानमंत्री मोदी ने अपनी समकक्ष हसीना को 109 एबुलेंस की प्रतीकात्मक चाभी भी सौंपी। उन्होंने हसीना को एक प्रतीकात्मक डिब्बा भी भेंट किया जो भारत द्वारा बांग्लादेश को सौंपी गई कोविड-19 रोधी टीके की 12 लाख खुराकों का प्रतीक है।
हसीना ने अपने पिता और बंगबंधु शेख मुजीबुर रहमान की जन्मशती के मौके पर जारी किए गए सोने और चांदी का एक-एक सिक्का मोदी को भेंट किया। उन्होंने बांग्लादेश की 50वीं जयंती के मौके पर जारी चांदी का एक सिक्का भी मोदी को भेंट किया।
दोनों नेताओं ने भारत बांग्लादेश सीमा पर तीन नये सीमा हाटों, नयी यात्री ट्रेन मिताली एक्सप्रेस के उद्घाटन समेत डिजिटल तरीके से कुछ परियोजनाओं का भी उद्घाटन किया। यह दोनों पड़ोसी देशों के बीच मैत्री एक्सप्रेस (ढाका-कोलकाता) और बंधन एक्सप्रेस (खुलना-कोलकाता) के बाद तीसरी यात्री ट्रेन है।
हस्ताक्षरित सहमति पत्र आपदा प्रबंधन, लचीलापन एवं उपशमन, बांग्लादेश नेशनल कैडेट कोर और नेशनल कैडेट कोर के बीच सहयोग, व्यापार उपचार उपाय के क्षेत्र में सहयोग आदि से संबंधित हैं। दोनों प्रधानमंत्रियों ने राजनयिक संबंध की 50वीं सालगिरह पर भारत बांग्लादेश मैत्री टिकट भी जारी किया।
मोदी का यह दौरा, शेख मुजीबुर रहमान की जन्मशताब्दी, भारत और बांग्लादेश के बीच राजनयिक संबंध स्थापित होने के पचास वर्ष पूरे होने और बांग्लादेश मुक्ति संग्राम के पचास वर्ष पूरे होने से संबंधित है।
दो दिवसीय यात्रा पर शुक्रवार को बांग्लादेश पहुंचे मोदी ने ढाका में बांग्लादेश मुक्ति संग्राम के स्वर्ण जयंती समारोह और ‘बंगबंधु’ की जन्म शताब्दी समारोह में हिस्सा लिया था।
सुबह में मोदी दक्षिणपश्चिम बांग्लादेश के इश्वरीपुर गांव में सदियों पुराने जेशोरेश्वरी काली मंदिर गये और वहां प्रार्थना की। उन्होंने घोषणा की कि भारत मंदिर से संबद्ध सामुदायिक हॉल सह चक्रवात आश्रय का निर्माण करेगा। यह मंदिर 51 शक्तिपीठों में एक है।
मतुआ सम्प्रदाय के आध्यात्मिक गुरु हरिचंद ठाकुर की जन्मस्थली ओराकांडी के एक मंदिर में पूजा अर्चना करने के बाद प्रधानमंत्री ने समुदाय के लोगों से संवाद किया। उन्होंने इस दौरान कहा कि भारत और बांग्लादेश दोनों ही देश अपने विकास से, अपनी प्रगति से पूरे विश्व की प्रगति देखना चाहते हैं। दोनों ही देश दुनिया में अस्थिरता, आतंक और अशांति की जगह स्थिरता, प्रेम और शांति चाहते हैं।