ढाका में प्रधानमंत्री मोदी के भाषण पर कांग्रेस नेता ने जल्दबाजी में की थी टिप्पणी
नई दिल्ली। अपने बांग्लादेश प्रवास के दौरान प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के दिए एक भाषण पर गलत टिप्पणी करने के लिए कांग्रेस नेता शशि थरूर ने माफी मांगी है। बता दें, थरूर ने शनिवार सुबह एक ट्वीट के जरिये अपनी गलती स्वीकारते हुए लिखा, जब मैं गलत होता हूं तो स्वीकार करने में कोई समस्या नहीं होती।
उन्होंने अपने ट्वीट में आगे सॉरी भी लिखा।
क्या है पूरा मामला
प्रधानमंत्री मोदी ने बांग्लादेश की 50 वीं वर्षगांठ के अवसर पर ढाका में अपने भाषण के दौरान कहा था, ‘मैं 20-22 साल का था, जब मैंने अपने दोस्तों के साथ मिलकर बांग्लादेश की स्वतंत्रता के लिए सत्याग्रह किया था। मुझे यहां तक कि गिरफ्तार किया गया था।’ बस फिर क्या था कुछ समाचार पत्रों के शीर्षक पढ़ने के बाद कांग्रेस नेता थरूर इस नतीजे पर पहुंच गए कि ढाका में अपने भाषण के दौरान बांग्लादेश की आजादी में तत्कालीन प्रधानमंत्री इंदिरा गांधी की महत्वपूर्ण भूमिका को दरकिनार कर दिया।
थरूर को लगा कि प्रधानमंत्री मोदी ने अपने भाषण में बांग्लादेश की आजादी को लेकर केवल अपना योगदान बताया। दरअसल, थरूर ने अपने ट्वीट में इस बात को स्वीकारा कि वह केवल समाचार पत्रों के शीर्षक पढ़कर इस नतीजे पर पहुंच गए। उन्होंने पूरी खबर पढ़ने की जुगत नहीं की और प्रधानमंत्री के खिलाफ जल्दबाजी में एक ट्वीट कर दिया।
कांग्रेस नेता ने किया था यह ट्वीट
माफी मांगने वाले ट्वीट से पहले शुक्रवार को शशि थरूर ने ट्वीट कर कहा था, ‘अंतरराष्ट्रीय शिक्षा: हमारे पीएम बांग्लादेश को भारतीय फेक न्यूज का स्वाद चखा रहे हैं। हैरानी की बात यह है कि हर कोई जानता है कि बांग्लादेश को किसने आजाद कराया।’
गौरतलब है कि थरूर के अलावा अन्य नेताओं ने भी बिना जाने समझे प्रधानमंत्री के बयान को लेकर उनकी खिंचाई की थी। छत्तीसगढ़ के मुख्यमंत्री भूपेश बघेल ने मोदी द्वारा बांग्लादेश के स्वतंत्रता संघर्ष में शामिल होने वाले बयान पर कहा, ‘यह सबसे तेज गेंदबाज से भी तेज फेंकते हैं। लोगों ने अब विश्वास करना छोड़ दिया है। विदेश में जाकर इस प्रकार की बातें कहना हास्यास्पद है।’
वहीं, पूर्व राष्ट्रपति प्रणब मुखर्जी के बेटे अभिजीत ने ट्वीट किया, ‘आज पीएम मोदी बांग्लादेश की स्वतंत्रता के 50 वर्ष का समारोह मनाने गए! क्या उन्होंने कभी हमारी पूर्व प्रधानमंत्री श्रीमती इंदिरा गांधी और मेरे पिता स्वर्गीय प्रणब मुखर्जी की भूमिका को स्वीकार किया? शायद इसलिए नहीं क्योंकि उनका अपना राजनीतिक एजेंडा है जिसे पूरा करने के लिए वह बेचैन हैं।’
अपने भाषण में प्रधानमंत्री ने क्या कहा था?
पीएम मोदी ने अपने भाषण में कहा गया था कि उन्होंने बांग्लादेश की मुक्ति के लिए सत्याग्रह किया था और इसके लिए उन्हें जेल भी हुई थी। साथ ही उन्होंने यह भी कहा, ‘बांग्लादेश के स्वाधीनता संग्राम को भारत के कोने-कोने से, हर पार्टी से, समाज के हर वर्ग से समर्थन प्राप्त था। तत्कालीन प्रधानमंत्री श्रीमती इंदिरा गांधी जी के प्रयास और उनकी महत्वपूर्ण भूमिका सर्वविदित है। उसी दौर में 6 दिसंबर 1971 को अटल बिहारी वाजपेयी जी ने कहा था कि हम न केवल मुक्ति संग्राम में अपने जीवन की आहुति देने वालों के साथ लड़ रहे हैं, हम इतिहास को भी एक नई दिशा देने के लिए प्रयत्न कर रहे हैं।’
उल्लेखनीय है कि भारत और पाकिस्तान के बीच युद्ध के बाद वर्ष 1971 में बांग्लादेश ने अपनी स्वतंत्रता हासिल की थी। बांग्लादेश अब अपनी आजादी की स्वर्ण जयंती मना रहा है।