बड़े फर्जीवाड़े के बाद पापुनि अध्यक्ष का बड़ा बयान
रायपुर। पाठ्य पुस्तक निगम में बड़ी वित्तीय अनियमितता के खुलासे के बाद पापुनि के अध्यक्ष शैलेष नितिन त्रिवेदी का बड़ा बयान सामने आया है। उन्होंने कहा कि प्रिंटर्स को बिना काम कराए 8 करोड़ 20 लाख रुपये का भुगतान मामले में दोषी अधिकारियों के खिलाफ एफआईआर दर्ज होगी।
प्राप्त जानकारी के अनुसार यह घोटाला 2020 में हुआ है। उस वक्त पापुनि के महाप्रबंधक अशोक चतुर्वेदी थे। हैरत की बात ये है कि जब राजाराम प्रिंटर्स पहले से ब्लैक लिस्टेड है, तो उसको बिना काम कराए रकम कैसे मिल गया। इस करप्शन में कई तरह की बातें अभी निकल कर सामने आ रही हैं।
शैलेश त्रिवेदी ने कहा कि पापुनि के महाप्रबंधक अशोक चतुर्वेदी बड़े जानकार व्यक्ति हैं। लेकिन उनके कार्यकाल में इतना बड़ा घोटाला हो गया, यह समझ से परे है। 8 करोड़ 20 लाख रुपये की राशि कम नहीं है। ब्लैक लिस्टेड प्रिंटर्स को ये रकम कैसे भेज दी गई, इसका जवाब मांगा गया है।
शैलेष त्रिवेदी के मुताबिक कई अफसर इस फर्जीवाड़े में शामिल हैं। जब राजाराम प्रिंटर्स से न कोई खरीदी हुई, न कोई काम हुआ, तो कैसे 8 करोड़ 20 लाख रुपये की राशि बांट दी गई। उन्होंने कहा कि ये मामले का खुलासा ऑडिट के वक्त हुआ है।
शैलेश नितिन त्रिवेदी के मुताबिक इस बड़े फर्जीवाड़े में पाठ्यपुस्तक निगम ने प्रकाशन से जवाब मांगा है। उन्होंने कहा कि 2 जनवरी 2020 को इतनी बड़ी राशि ट्रांसफर की गई है। पाठ्य पुस्तक निगम के कई अधिकारियों को इस बात की भनक तक नहीं लगी है. उन्होंने कहा कि निगम ने प्लाई की गई सामग्री की जानकारी मांगी है।