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मुंगेली में हुये करोड़ों के गार्डन भ्रष्टाचार पर हाईकोर्ट में लगे याचिका पर जवाब देने जिला प्रशासन और नगर पालिका खडंहर रूपी गार्डन में कर रहे लीपापोती…गार्डन भ्रष्टाचार को छिपाने जुटा मुंगेली जिला प्रशासन…

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मुंगेली/ वर्तमान समय में मुंगेली नगर पालिका अपने भ्रष्टाचार की चरम सीमा पर है नगर के विकास में महत्वपूर्ण भूमिका निभाने वाली नगर पालिका स्वयं ही भ्रष्टाचार में आकंठ डूबी हुई है। सवाल यह उठता है कि भ्रष्ट अधिकारियों और जनता द्वारा चुने गये जनप्रतिनिधियों को भ्रष्टाचार कर जनता और शासन की राशि में भ्रष्टाचार कर उसे डकारने की इजाजत किसने दी है, नपा के इन भ्रष्ट अधिकारियों और जनप्रतिनिधियों को कहीं न कही उनके आका जो कि बड़े-बड़े राजनितिक पदों में है उनका संरक्षण प्राप्त हो सकता है ?
मुंगेली में गार्डन के लिये छत्तीसगढ़ शासन ने लगभग 1 करोड़ 59 लाख रूपयें स्वीकृत कियेे थे, साथ ही इस गार्डन निर्माण में पार्षद निधि से और भी राशि लगाई जा चुकी है…परंतु गार्डन निर्माण के बगैर ही नगर पालिका के अधिकारियों द्वारा पूरी राशि आहरित कर ली गई, और यहां गार्डन का निर्माण नही हो सका और इस गार्डन मामले में ठेकेदारों और अधिकारियों ने मिलीभगत कर भ्रष्टाचार को अंजाम दिया है मुंगेली को जिला बने करीब 7 वर्षो से अधिक हो गया परंतु यहां अभी तक एक भी गार्डन का निर्माण नही हो सका, और जिस गार्डन का निर्माण होना था, वह भी भ्रष्टाचार की भेंट चढ़ गया, इसके लिये नगर पालिका के अधिकारी, इंजीनियर और ठेकेदार जितने दोषी है, उतने ही दोषी यहां के जनप्रतिनिधि और नेतागण भी है। अब प्रश्न यह उठता है कि जब गार्डन की जांच रिर्पोट में गार्डन में भ्रष्टाचार होना पाया गया है तो फिर उसके बाद कार्यवाही में आखिर देरी किस बात पर हो रही है क्या तत्कालीन सीएमओ और संलिप्त किसी अन्य अधिकारी या नेताओं के दबाव के चलते कार्यवाही नही हो पाई ? नगर पालिका से गार्डन से संबंधित दस्तावेजों की मांग आरटीआई के जरिये की गई थी जिसमें गार्डन मामले में वृहद भ्रष्टाचार उजागर हुआ। गार्डन भ्रष्टाचार मामले पर छत्तीसगढ़ प्रेस क्लब के प्रदेश अध्यक्ष संदीप तिवारी के द्वारा हाईकोर्ट में जनहित याचिका लगाई गई थी दिनांक 22 अक्टूबर को सीजे पी रामचंद्र मेनन व जस्टिस पीपी साहू की युगलपीठ ने मुंगेली गार्डन में हुये भ्रष्टाचार व अनियमितता को लेकर लगाई गई जनहित याचिका पर सुनवाई करते हुये छत्तीसगढ़ शासन नगरीय प्रशासन एवं विकास विभाग सचिव, डायरेक्टर, संभागायुक्त बिलासपुर, कलेक्टर मुंगेली, मुख्य नगर पालिका अधिकारी मुंगेली तथा नगर पालिका परिषद् मुंगेली को नोटिस जारी कर जवाब मांगा गया है।
परंतु हाईकोर्ट द्वारा शासन को गार्डन भ्रष्टाचार मामले में नोटिस जारी कर जवाब मांगन के बाद भी मुंगेली जिला प्रशासन और नगर पालिका उस विवादित और भ्रष्टाचार की भेंट चढ़ी गार्डन में लीपापोती करने पर उतावला होने लगे है। नवागढ़ रोड स्थित स्टेडियम में सुबह-शाम टहलने व कसरत करने वालों ने बताया कि पिछले दिनों से उस गार्डन में कुछ मजदूरों को काम करते देखा गया है, अब सवाल यह उठता है कि जब गार्डन भ्रष्टाचार मामला हाईकोर्ट में लंबित है और जनहित याचिका स्वीकार कर हाईकोर्ट द्वारा शासन के विभिन्न अधिकारियों से जवाब मांगा गया तो ऐसे में उस लंबित गार्डन में किसी प्रकार की छेड़छाड़ करना अत्यंत गंभीर मामला है क्योंकि जनहित याचिका में जिला कलेक्टर मुंगेली, सीएमओ और नगरपालिका परिषद् को भी पक्षकार बनाया गया है तो ऐसे में आम जनता ने कहा कि हो सकता है कि उस खंडहर रूपी गार्डन में कुछ छेड़छाड़ या मरम्मत कार्य कर जिला प्रशासन और नगरपालिका जवाब बनाने के लिये विकल्प खोज रही है ?
विधि विशेषज्ञों की माने तो उनके मतानुसार अगर हाईकोर्ट ने गार्डन भ्रष्टचार मामले की जनहित याचिका स्वीकार करते हुये शासन के अधिकारियों को नोटिस जारी कर जवाब मांगा गया है, उस स्थिति में उस गार्डन में फिलहाल किसी प्रकार की मरम्मत या अन्य कार्य नही की जा सकती। अब देखना है कि जिला प्रशासन और नगर पालिका किस प्रकार उस विवादित गार्डन में मरम्मत रूपी हस्तक्षेप कर किस प्रकार दोषियों को बचाने चक्रव्यूह की रचना करती है ?