मुंगेली/ नगरीय निकाय चुनाव को कुछ ही महीने बचे हुये है। नगर पालिका मुंगेली अध्यक्ष पद के लिए अन्य पिछड़ा वर्ग पुरूष आरक्षित होने के बाद से ही शहर में कईयों को चुनावी बुखार चढ़ने लगा है, खुद को दावेदार मानने वालों ने सोशल मीडिया के खुद को प्रभावशाली व्यक्तित्व का धनी बताने किसी प्रकार की कोई कसर नही छोड़ी है। नगर पालिका अध्यक्ष चुनाव लड़ने वालों में कुछ भूमाफिया और जमीन दलाल भी बहुत सक्रिय है जिसके कारण शहरवासियों को बेहद आश्चर्य है कि जो जमीन दलाल शासन-प्रशासन की आंखों में धूल झोंक अवैध प्लाटिंग व अवैध कालोनियों का गोरखधंधा किया हो वो शहर का क्या विकास करेगें ? एक तरफ कांग्रेस से अनिल सोनी प्रबल दावेदार है, क्योंकि अनिल सोनी तीन बार लगातार नपा अध्यक्ष रह चुके है और वर्तमान में उनकी पत्नी श्रीमती सावित्री सोनी कांग्रेस की नगर पालिका अध्यक्ष है, और संठगन एवं युवाओं का एक बड़ा समूह अनिल सोनी के पक्ष में एकजूट हो गया है। साथ ही कांग्रेस पार्टी आलाकमान किसी भी प्रकार से नपा अध्यक्ष पद को लेकर कोई जोखिम नही उठाना चाहती और आलाकमान की नजरों में भी कंाग्रेस से अनिल सोनी ही सशक्त प्रत्याशी के रूप में सामने आ सकते है। तो वही भाजपा से भाजपा से पूर्व एल्डरमेन लेखू साहू, पूर्व पार्षद मोहन मल्लाह, पूर्व पार्षद संजय गोस्वामी, जयपाल साहू, पूर्व पार्षद यूसुफ उपलेटा, सामाजिक संस्था स्टार्स आॅफ टूमारों के सचिव व युवा नेता विनोद यादव शामिल है, भाजपा से इन दावेदारों के साथ ही जो प्रत्याशी बनता है उनके समक्ष सत्तापक्ष के संभावित प्रत्याशी के सामने चुनाव लड़ने काफी मेहनत करनी पड़ेगी। इसके अलावा भी कुछ भूमाफिया और जमीन दलाल भी भाजपा से नगर पालिका अध्यक्ष पद के प्रत्याशी बनने काफी चंदा दे खुद को काफी हाईलाईट करने का प्रयास कर रहे है ? हालांकि समूचे शहर में यह चर्चा का विषय बन चुका है कि जो भूमाफिया और जमीन दलाल नियम विरूद्ध व नियमों को ताक मेें रखकर अवैध कार्य किये हो वह नगर पालिका अध्यक्ष पद पर आसीन होकर भी अवैध कार्य ही करेगा। मुंगेली जिला बनने के बाद से आज तक अवैध प्लाटिंग और जमीन दलालों के शिकंजे में है और इन पर कार्यवाही बहुत ही सीमित होती है या कागजों में कार्यवाही होती है, साथ ही कुछ जमीन दलाल प्रदेश की राजनीति में दखल रखने की वजह से जिला प्रशासन के कई अधिकारियों पर अपना नियंत्रण जताते है, जिसके चलते उन पर कार्यवाही नही हो पाती। बहरहाल चुनावी माहौल में इन जमीन दलालों के राजनीति में सक्रियता से मुंगेली के लोग एक ओर आश्चर्यचकित है तो वही दूसरी ओर आक्रोशित भी है।