संदीप तिवारी 8889998888
मुंगेली/ मुंगेली जिले के चारों दिशाओं में हो रहे अवैध प्लाटिंग और अवैध कालोनी विकास के चलते ऐसा प्रतीत होता है मानों जिले में शीर्ष अधिकारियों के संरक्षण एवं मार्गदर्शन में जमीन की दलाली का गोरखधंधा फलफूल रहा है तभी तो इन जमीन दलालों के खिलाफ कोई ठोस कार्यवाही नही की जा रही है। कार्यवाही के नाम पर केवल खानापूर्ति की जाती है। जिला बनने के बाद से मुंगेली अवैध कालोनाईजरों और जमीन दलालों के शिकंजे में रहा है, और उनके द्वारा अवैध तरिके से प्लाटिंग कर नये-नये स्कीम देकर ग्राहकों को फंसाया जाता रहा है, ग्राहक भी नियम-कायदों के अभाव में इन जमीन दलालों व अवैध प्लाटिंग करने वालों के झांसे फंसते चले जा रहे है। काफी लंबे समय से चल रहे इस गोरखधंधे में राजस्व अधिकारियों सहित अधिकारियों और छुटभैये नेताओं का भी संरक्षण प्राप्त है, जिसके चलते ये जमीन दलाल अपनी मनमानी करते हुये नियमों की धज्जियां उड़ाने में लगे है। अभी हाल ही में लगातार अवैध प्लाटिंग की खबरें सुर्खियों में थी तथा सभी आश्चर्य करते थे कि आखिर इन जमीन दलालों और अवैध कालोनाईजरों पर कोई कार्यवाही क्यों नही हो पा रही ? इसके भी कई वजह हो सकते है शायद जमीन दलाल अधिकारियों को मोटी रकम की भेंट चढ़ाते होगें या किसी मंत्री, या नेता का संरक्षण भी प्राप्त होगा ? अभी हाल ही में कुछ महिनों पहले मुंगेली जिला प्रशासन ने अवैध प्लाटिंग के खिलाफ खानापूर्ति रूपी कार्यवाही करते हुये शहर के कुछ जगहों के अवैध प्लाटिंग के बोर्ड हटा दिये थे परंतु शहरीय क्षेत्र के कई जगहों के बोर्ड अभी भी बचे हुये है और ग्रामीण क्षेत्र में अवैध प्लाटिंग के लिये लगाये गये बोर्ड को नही हटाया गया है जिससे कि जिला प्रशासन की कार्यवाही में प्रश्नचिन्ह लगता है ? अवैध प्लाटिंग के बोर्ड हटाने की कार्यवाही एक-दो दिन ही चली, और वह भी शहर के उन मुख्य जगहों पर जहां कलेक्टर की नजर जा सकती है, क्योंकि पत्रकारों के द्वारा आये दिन अवैध प्लाटिंग को लेकर कई शिकायतें की जाती रही है जिस पर वे अपने अधीनस्थ अधिकारियों को इस पर कार्यवाही करने निर्देशित करते आये है। अब देखना है कि जिला प्रशासन की ओर से अवैध प्लाटिंग के सारे बोर्ड कब तक हटाये जाते है और इन जमीन दलालों पर आखिरकार क्या कार्यवाही की जायेगी और जमीन खरीददारों को जमीन दलालों के चंगुल में फंसने से जिला प्रशासन किस प्रकार बचायेगी ?