कोलकाता। गृहमंत्री अमित शाह ने गुरुवार को पश्चिम बंगाल दौरे के दौरान नागरिकता संशोधन कानून (सीएए) का मुद्दा उठाया। उन्होंने ठाकुरनगर में आयोजित जनसभा में ऐलान किया कि कोरोना टीकाकरण खत्म होते ही बांग्लादेश से आए शरणार्थियों को नागरिकता देने का काम होगा।
शाह ने इस दौरान मुस्लिमों के मन में उपजी शंकाओं को दूर करते हुए कहा कि किसी की नागरिकता नहीं जाने वाली है।
उन्होंने जनसभा में कहा, मुसलमान भाइयों एवं बहनों को देश के गृहमंत्री होने के नाते एक बार पुन: स्पष्ट कर देना चाहता हूं कि नागरिकता संशोधन कानून में एक भी मुस्लिम भाई-बहन की नागरिकता नहीं जाएगी। इस कानून में तो किसी की भी नागरिकता लेने का प्रावधान नहीं है, यह तो नागरिकता देने का कानून है।
गृहमंत्री ने कहा, मैं आज ठाकुरनगर की इस पवित्र भूमि से वादा करके जाता हूं कि जैसे ही कोरोना टीकाकरण का कामसमाप्त होगा और कोरोना से मुक्ति मिलेगी, वैसे ही आप सभी शरणार्थी भाइयों को नागरिकता देने का काम भारतीय जनता पार्टी की केंद्र सरकार कर देगी।
शाह ने इस दौरान ममता बनर्जी सरकार पर इस कानून के पालन में पेंच फंसाने का भी आरोप लगाया। उन्होंने कहा, यह कानून देश की संसद से पारित हुआ है, ऐसे में ममता दीदी, आप कैसे इस कानून को रोक सकती हैं? वैसे भी, मई 2021 के बाद इस कानून को रोकने की स्थिति में नहीं रहेंगी, क्योंकि पश्चिम बंगाल की जनता ने आपकी विदाई का मन पहले ही बना लिया है।
उन्होंने कहा कि पश्चिम बंगाल में हमारी सरकार आते ही पहली ही कैबिनेट बैठक में प्रधानमंत्री किसान समान निधि योजना लागू होगी और हर किसानों को 12,000 के पिछले बकाये सहित और इस साल के 6,000 यानी कुल मिलाकर 18,000 रुपये दे दिए जाएंगे। पहले सप्ताह में ही आयुष्मान भारत योजना भी लागू होगी। ममता दीदी मां, माटी, मानुष का नारा लेकर आई थीं, लेकिन उन्होंने पश्चिम बंगाल को बर्बादी के कगार पर पहुंचा दिया है। ममता दीदी मोदी सरकार द्वारा पश्चिम बंगाल के विकास के लिए, राज्य के गरीबों के लिए भेजी गई सारी सहायता बंगाल की खाड़ी में डाल देती हैं।