कोलकाता। पश्चिम बंगाल विधानसभा चुनाव जैसे-जैसे नजदीक आते जा रहे हैं, वैसे-वैसे राज्य में सियासी हलचल तेज होती जा रही है। जहां एक तरफ सत्ताधारी ममता बनर्जी की तृणमूल कांग्रेस नरेंद्र मोदी के नेतृत्व में भारतीय जनता पार्टी चुनाव प्रचार में जुटी हुई है, तो वहीं दूसरी ओर वाम दल अपने ही अंदाज में चुनाव की तैयारियां कर रही है। बता दें कि सीपीआई-एम पश्चिम बंगाल में टीएमसी के बाद दूसरे सबसे बड़ी पार्टी है। हालांकि, मौजूदा स्थिति को देखते हुए बीजेपी की ताकत सीपीआई-एम से काफी ज्यादा दिख रही है।
ममता बनर्जी सरकार के रवैये के खिलाफ शुक्रवार को वामदलों ने पश्चिम बंगाल में बंद का आह्वान किया है। बता दें कि पश्चिम बंगाल पुलिस ने प्रदर्शन कर रहे छात्र-छात्राओं पर जबरदस्त लाठीचार्ज किया था जिसमें 500 से ज्यादा लोग घायल हो गए थे। ये सभी छात्र-छात्राएं नौजवान शिक्षा रोजगार जैसे मूलभूत मांगों को लेकर राज्य की ममता बनर्जी सरकार के खिलाफ विरोध प्रदर्शन कर रहे हैं।
वाम दलों से ताल्लुक रखने वाले करीब 10 युवा छात्र संगठन पश्चिम बंगाल में शिक्षा रोजगार के साथ-साथ सत्ता परिवर्तन भी चाहते हैं। बता दें कि बंगाल के मुख्यमंत्री पद के लिए ममता बनर्जी का यह दूसरा कार्यकाल है। वे बीते 10 सालों से राज्य की मुख्यमंत्री बनी हुई हैं। वाम दलों ने शुक्रवार को पूरे पश्चिम बंगाल में सुबह 6 बजे से शाम के 6 बजे तक बंद का आह्वान किया है।
गौरतलब है कि ममता बनर्जी सरकार के खिलाफ छात्र संगठनों ने शिक्षा रोजगार की मांग को लेकर विरोध प्रदर्शन करते हुए कोलकाता के धर्मतला में बैरिकेड को तोड़ने की कोशिश की थी। जिसके बाद यहां की स्थिति काफी खराब हो गई। हालात काबू से बाहर हो गए थे। युवाओं का गुस्सा देख पुलिस को हालात पर काबू पाने के लिए लाठीचार्ज करना पड़ा। इतना ही नहीं, पुलिस ने ममता सरकार के खिलाफ प्रदर्शन कर रहे युवा विरोधियों पर वॉटर कैनन, आंसू गैस के गोले भी छोड़े।