नई दिल्ली। लाल किला हिंसा के आरोपित पंजाबी अभिनेता दीप सिद्धू को पुलिस ने क्राइम ब्रांच की इंटरस्टेट सेल यूनिट में रखा है। यहां सुरक्षा भी बढ़ा दी गई है। सूत्रों की मानें तो दीप सिद्धू से रात करीब डेढ़ बजे तक पूछताछ की गई। बुधवार को खुद क्राइम ब्रांच के ज्वाइंट सीपी बीके सिंह, एडिशनल सीपी शिबेश सिंह, डीसीपी मोनिका भारद्वाज भी क्राइम ब्रांच के ऑफिस पहुंचे। पूछताछ के दौरान दीप सिद्धू ने यह भी खुलासा किया कि किसान संगठनों के नेताओं की विचारधारा अलग-अलग है। जब कोई निर्णय लिया जाता है तो वे भी आपस में नहीं मिलते। कुछ लोगों ने गणतंत्र दिवस पर समय से पहले इंडिया गेट-लाल किला जाने के लिए लोगों को भड़काया और दिल्ली में घुसकर हिंसा को अंजाम दिया। दीप सिद्धू ने यह भी खुलासा किया है कि अभी तक कई राउंड में सरकार के साथ हुई वार्ता इसलिए असफल रही क्योंकि किसानों के नेताओं की राय एक नहीं है। कुछ संगठन सरकार की बातों से सहमत होते हैं, जबकि कुछ बिल्कुल ही अड़ियल रवैया अपनाए हुए हैं।
खलिस्तान एंगल की जांच, आईबी ने की पूछताछ
बुधवार दोपहर आईबी की टीम भी क्राइम ब्रांच के ऑफिस पहुंची और दीप सिद्धू से पूछताछ की। टीम के साथ आईबी के डिप्टी डायरेक्टर आए थे। सूत्रों की मानें तो आईबी गणतंत्र दिवस पर हिंसा के पीछे खलिस्तानी संगठनों के रोल की जांच कर रही है। वहीं विदेशी फंडिंग के तार भी खंगाले जा रहे हैं।
शातिर अपराधी की तरह पुलिस को दिया चकमा
दीप सिद्धू ने पुलिस को गुमराह करने के लिए हर वह हथकंडा अपनाया जो एक शातिर अपराधी इस्तेमाल करता है। उसने एक विदेशी नम्बर का इस्तेमाल किया। उसने अपनी पत्नी को बिहार के पूर्णिया भेजा ताकि पुलिस को लगे कि वह बिहार में है और उसकी तलाश ऐसी जगह करें जहां वह मौजूद ही नहीं। इतना ही नहीं उसने पुलिस से बचने के लिए टेलीग्राम का इस्तेमाल किया। उसने जो वीडियो बनाए उसे टेलीग्राम की मदद से विदेश कैलिफोर्निया में बैठी महिला मित्र रिना रॉय को भेजा। रिना का फोन नम्बर दीप सिद्धू के एफबी अकाउंट पर एक्टिवेट था। वही दीप सिद्धू के वीडियो उसके एफबी पर पोस्ट करती थी।
फोन और लैपटॉप की तलाश
मामले की जांच में जुटी पुलिस टीम का सबसे पहला काम इस वक्त दीप सिद्धू के फोन और लैपटॉप को ढूंढना है। उसने अपने फोन से लाल किला हिंसा को एफबी पर लाइव किया था। पुलिस उसका फोन और और लैपटॉप ढूंढने में जुटी है। पुलिस के लिए यह एक इलेक्ट्रॉनिक साक्ष्य है।
इस तरह आंदोलन से जुड़ा
सूत्रों के अनुसार, दीप सिद्धू ने खुलासा करते हुए बताया है कि वह गत 25 नवम्बर को सिंघु बॉर्डर पहुंचा था। उसने यहां रहने के लिए एक कमरा भी किराए पर लिया हुआ था। पुलिस की टीम अब उस मकान पर जाकर भी तलाशी लेगी। वहीं पुलिस सूत्रों की माने तो लॉकडाउन के बाद से ही दीप सिद्धू के पास कोई काम नहीं था। इस बीच पंजाब में किसान आंदोलन शुरू हुआ तो वह उससे जुड़ गया। यहां युवा किसान उससे काफी प्रभावित हुए और उसकी बातों को बड़े ध्यान से सुनने लगे। वह भी अपनी कुछ आकांक्षाओं को लेकर उनके साथ इस आंदोलन का हिस्सा बन गया। फिर वह आंदोलन में शामिल उग्र विचार वाले लोगों की तरफ चला गया।
हर सवाल का जवाब ढूंढेगी पुलिस
दिल्ली पुलिस के एक वरिष्ठ पुलिस अधिकारी ने कहा है कि लाल किला हिंसा में शामिल दीप सिद्धू और इकबाल सिंह दोनों से हर एक पहलू पर पूछताछ होगी। फरारी के दौरान वे कहां-कहां गए, किस-किस से मिले, उनकी किस-किस ने मदद की, हिंसा में कौन लोग शामिल हैं। किसके कहने पर हिंसा हुई, हिंसा में फंडिंग हुई तो वह पैसा कहां से किस तरह आया। किसान आंदोलन के बीच खलिस्तान समर्थकों के भी एक्टिव होने का पता चला था। दिल्ली हिंसा में खलिस्तानी लिंक पर भी जांच हो रही है। दीप सिद्दू अभी तक पूछताछ में खुद को बलि का बकरा बनाए जाने की बात कह रहा है। उसने किसान आंदोलन के बीच एक्टिव कुछ नेताओं के नाम भी लिए हैं। वहीं पुलिस अभी इसकी जांच कर रही है और उनके नाम का खुलासा अभी खुलासा नहीं किया है। फिलहाल पुलिस सभी बिंदुओं पर ध्यान केंद्रित करते हुए जांच कर रही है। आने वाले समय में अभी और गिरफ्तारियां होंगी।
दीप सिद्धू को लाल किला ले जाएगी पुलिस
पुलिस सूत्रों की मानें तो मामले की जांच में जुटी क्राइम ब्रांच की टीम आने वाले दिनों में दीप सिद्धू को हिंसा का सीन री-क्रिएशन के लिए लाल किला भी ले जा सकती है।