वाशिंगटन। म्यांमार में हुए तख्तापलट पर अमेरिका ने सख्त रुख अख्तियार कर लिया है। अमेरिकी राष्ट्रपति जो बाइडेन ने बुधवार को म्यांमार में सामान्यीकरण और लोकतंत्र की वापसी की मांग करते हुए वहां के सैन्य शासन के खिलाफ नए प्रतिबंध लगाने के आदेश दिए हैं। तख्तापलट की घोषणा के बाद सैन्य नेताओं के खिलाफ कई हजार लोग यांगून की सड़कों पर उतर आए हैं और इसका विरोध कर रहे हैं।
बाइडेन ने व्हाइट हाउस में संवाददाताओं से कहा, `आज मैं कई कार्रवाइयों की घोषणा कर रहा हूं और म्यांमार में तख्तापलट के लिए जिम्मेदार नेताओं पर प्रतिबंध लगाकर इसकी शुरुआत कर रहा हूं। म्यांमार सरकार को अमेरिका से मदद के रूप में मिले एक अरब डॉलर के कोष तक वहां के जनरलों की अनुचित तरीके से पहुंच को रोकने के लिए अमेरिका की सरकार यह कदम उठा रही है।बायडेन ने कहा कि उन्होंने एक नए शासकीय आदेश को मंजूरी दी है जो तख्तापलट का निर्देश देने वाले सैन्य नेताओं, उनके कारोबारी हितों और उनके परिवार के सदस्यों पर तत्काल प्रभाव से प्रतिबंध लगाता है। राष्ट्रपति बायडेन ने कहा,
हम निर्यात पर भी कड़ा नियंत्रण लगाने वाले हैं। अमेरिका की ऐसी संपत्ति को जब्त किया जा रहा है जिनसे म्यांमार की सरकार को लाभ होता था।उन्होंने कहा कि अपने लोकतांत्रिक अधिकारों के लिए प्रदर्शन कर रहे लोगों के खिलाफ हिंसा अस्वीकार्य है। बाइडन ने कहा,
म्यांमार के लोग अपनी आवाज उठा रहे हैं। दुनिया इसे देख रही है।बाइडन ने मांग की कि म्यांमार की सेना को आठ नवंबर को हुए चुनाव में देश के लोगों की इच्छा का सम्मान करना चाहिए। उन्होंने कहा,
आज एक बार फिर मैं म्यांमार की सेना से आह्वान करता हूं कि वह आंग सान सू ची और विन मिंट समेत लोकतांत्रिक नेताओं को तत्काल रिहा करे।“
बायडेन ने कहा कि अमेरिका में दोनों दलों की सरकारें म्यांमार में लोकतांत्रिक तरीके से सत्ता के हस्तांतरण को लेकर चिंतित रही हैं। सीनेट के विदेश मामलों की समिति के अध्यक्ष सीनेटर बॉब मेनेंडेज ने बायडेन की इस घोषणा का स्वागत किया। इस बीच प्रतिनिधि सभा में विदेश मामलों की समिति के अध्यक्ष सांसद ग्रेगरी मीक्स और एशिया, प्रशांत, मध्य एशिया एवं परमाणु अप्रसार पर उपसमिति के अध्यक्ष एमी बेरा ने म्यांमा की स्थिति पर बुधवार को बैठक की। विदेश मंत्रालय के प्रवक्ता नेड प्राइस ने पत्रकारों से कहा कि म्यांमार के सैन्य नेता यह जान लें कि अपने लोकतांत्रिक अधिकारों के लिए शांतिपूर्ण तरीके से प्रदर्शन कर रहे प्रदर्शनकारियों के खिलाफ हिंसा को बर्दाश्त नहीं किया जाएगा।
पिछले हफ्ते एक तख्तापलट में आंग सान सू की के सत्ता से बाहर होने के बाद शहर में भीड़ उमड़ पड़ी और यांगून में एक लोकप्रिय शो के बाद उनकी रिहाई की आवाज तेज हो गई, जो म्यांमार की पूर्व राजधानी में विरोध प्रदर्शन के प्रतिबंध के कारण बनी। 2005 के बाद से राजधानी न्येपीडॉ में एक रैली में अधिकारियों ने लाइव फायरिंग की।
मंगलवार को आंग सू की और नेताओं को हिरासत में लिया गया था। मांडले में एक विरोध प्रदर्शन में शामिल होने वाले लगभग 30 अन्य लोगों जिनमें स्थानीय ब्रॉडकास्टर डीवीबी के एक पत्रकार भी शामिल थे, उनको भी हिरासत में लिया गया है।