मुंगेली/ मुंगेली जिला बनने के बाद से ही मुंगेलीवासी जिले स्तर की सुविधाओं को तरसते दिख रहे हैं, शासन की ओर से सारी सुविधाएं उपलब्ध करा भी जाती हैं तो मुंगेली जिले के अधिकारी अपने भ्रष्टाचार रूपी करतूतों से उस कार्ययोजना को कागजो में समेट भ्रष्टाचार का चोला पहना देते हैं…ऐसा ही एक विभाग हैं मुंगेली का लोक निर्माण विभाग,,,जहाँ विभाग द्वारा बनाये गये बहुत सारे सड़क और भवन निर्माण के कुछ महीनों बाद ही जर्जर हो गए हैं, उच्चाधिकारियों से इसकी शिकायत भी की गई पर इन पर कोई कार्यवाही नही हो सकी…साथ ही मुंगेली के मुख्य मार्गो में बहुत सारे गड्ढे हैं जिससे कि पहले भी दुर्घटनाओं के चलते मौतें भी हुई हैं परंतु विभाग के अधिकारी अपनी जिम्मेदारी से पीछे हटते नजर आते हैं, मुंगेली को जिला बने लगभग 7 वर्षो से अधिक हो गये है परंतु जिले, जनता और उनकी समस्याओं से यहां के अधिकारियों को कोई सरोकार नही है विशेषकर मुंगेली के लोक निर्माण विभाग को, क्योंकि विभाग के अधिकारी कलेक्टर के आदेश के बावजूद भी जिला मुख्यालय मुंगेली में रहने की बजाय अपने निवास स्थान अन्य जिलों से आना जाना करते है और मींटिग या फील्ड वर्क का बहाना बना कार्यालय से गायब रहते है, अभी हाल ही में चुनाव के बाद से किसी न किसी बहाने से हमेशा लोनिवि के एसडीओ कार्यालय से नदारद रहते हैं अब तो लोकसभा चुनाव भी संपन्न हो गये है ऐसे में अनुविभागीय अधिकारी लोक निर्माण विभाग को अपने कार्यालय में बैठना चाहिये परंतु चुनाव के बाद से एसडीओ गायब है और जो भी समस्या बताने या जानकारी लेने जाता है तो उसे निराशा ही हाथ लगती है, साथ ही जनप्रतिनिधियों ने बताया कि कार्यापालन अभियंता में प्रशासनिक क्षमता की कमी हैं..और छोटे-छोटे काम या शिकायत के लिए sdo से मिलने जब उनके दफ्तर पहुँचते हैं तो वे अक्सर गायब रहते हैं. लोक निर्माण विभाग पर किस प्रकार अंकुश लगाया जाये समझ से बाहर है। मुंगेली क्षेत्र की बहुत सारी ऐसी सड़के है जिनकी शिकायतें व जानकारी के लिये अनुविभागीय अधिकारी लोक निर्माण विभाग का कार्यालय में होना अनिवार्य है क्योंकि उनकी अनुमति के बिना कोई भी कर्मचारी जानकारी नही देता, अब देखना है कि जिला प्रशासन या उच्चाधिकारियों के द्वारा इस मामले में क्या कार्यवाही की जाती है ?