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मुंगेली में कालोनाईजर लाईसेंस लेकर अवैध तरिके से बेचा जा रहा प्लाट… कालोनाईजर का रजिस्ट्रीकरण, निर्बधन तथा शर्तो के मापदंडों की उड़ाई जा रही धज्जियां… भारत माता विहार सहित सभी कालोनियों की सूक्षम जांच की जरूरत…जिला प्रशासन को चिढ़ा रहे कलेक्ट्रेट के आसपास में बने अवैध कालोनी

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स्वतंत्र तिवारी
मुंगेली/ हाल ही में मुंगेली जिला अवैध कालोनाईजरों के शिकंजे में है, और जिला प्रशासन फिलहाल चुनाव में व्यस्त थी, परंतु अब तो विधानसभा और लोकसभा दोनों चुनाव संपन्न हो गये है बावजूद इसके लगातार अवैध कालोनाईजरों के खिलाफ शिकायत करने या समाचार छापने के बाद भी कड़ी कार्यवाही नहीं की जा रही. अवैध प्लाटिंग और अवैध कॉलोनी पर जिला प्रशासन ने जिला बनने के बाद से ही चुप्पी साधी हुई है। मुंगेली को जिला बने अभी लगभग 7 वर्ष से अधिक हो गये परंतु यहां भू-माफियाओं, जमीन दलालों ने शासन प्रशासन के नियमों-कायदों को नजर अंदाज करते हुये उनके ही संरक्षण में अवैध रूप से प्लाटिंग कर तथा अवैध कालोनी विकसित कर आम जनता जो बेवकूफ बना रहे हैं। शहर व ग्रामीण में गिने चुने ही है जो कालोनाईजर का लाईसेंस बनवा पाये है और वे भी टाउन एण्ड कन्ट्री प्लानिंग के नियमों की धज्जियां उड़ा रहे है, और यदि टाउन एण्ड कन्ट्री प्लानिंग से भी अनुमति मिल गई है तो उनके द्वारा छत्तीसगढ़ नगर पालिका (कालोनाईजर का रजिस्ट्रीकरण, निर्बधन तथा शर्तो) तथा छत्तीसगढ़ ग्राम पंचायत (कालोनाईजर का रजिस्ट्रीकरण, निर्बधन तथा शर्तो) नियमों की धज्जियां उड़ा रहे है और इस पर नगर पालिका, अनुविभागीय अधिकारी कार्यालय के अधिकारी व जिला प्रशासन के अधिकारी मौन धारण किये हुये है। अधिकांश प्लाटिंग एवं कालोनी का निर्माण तो जिला मुख्यालय करही एवं उसके आसपास हो रहा है जहां बहुत सारे विभाग है और जिले के दो महत्वपूर्ण विभाग कलेक्टर और एसपी कार्यालय भी है उसके बाद भी प्लाटिंग करने वाले भू-माफियाओं को इन अधिकारियों का भी भय नही है इसी कारण कई भू-माफियाओं द्वारा इन अधिकारियों के नाक के नीचे ही कलेक्टर निवास जैसे शब्दों का उपयोग अपने प्रचार में करते है, ताकि वे ग्राहकों को फंसाकर अपना जेबें भर सके। जमीन के दलालों के द्वारा प्लाट बेचने कई तरह के नाटकीय उपाय किये जाते है जिसका कोई अंदाजा नही लगा सकता, शहरवासियों ने बताया कि अभी हाल ही में मुंगेली में जितने भी कालोनाईजर लाइसेंस लिये जा रहे है और कई वर्षो से जो कालोनी विकास किये जा रहे है उनमें कहीं भी मूलभूत सुविधाएं जो नियमानुसार प्रदान किये जाने चाहिये नही दिखती, और होगी भी तो वे केवल कागजों में दिग्भ्रमित करने के लिये, अगर कुछ कालोनी में कुछ निर्माण कार्य भी कराया गया है तो वही भी कामचलाउ है उसमें गुणवक्ता का अभाव है जिसके चलते उसमें टूटफूट हो चुकी है। ऐसे में अधिकारियों के द्वारा भी कोई कार्यवाही नही की जा रही है। मुंगेली में जितने भी कालोनाईजर लायसेंस लिये है और कालोनी विकास कर रहे है उस पर नकेल कसने के लिये जिला प्रशासन को चाहिये कि एक उच्चस्तरीय जांच दल का गठन कर सभी कालोनियों की सूक्ष्म जांच कराये उसके बाद उसमें कुछ कमी है अथवा नही इससे स्पष्ट हो जायेगा। अधिकांश कालोनी जिला मुख्यालय जहां कलेक्टर कार्यालय है वहीं है जैसे मानस विहार, शारदा विहार, पृथ्वी ग्रीन, भारत माता विहार, सोनकार सिटी…इन सभी कालोनियों का जिला प्रशासन की ओर से जांच टीम गठित कर कालोनियों की सूक्ष्म जांच की जानी चाहिये कि कौन सी कालोनी ने छत्तीसगढ़ नगर पालिका (कालोनाईजर का रजिस्ट्रीकरण, निर्बधन तथा शर्तो) तथा छत्तीसगढ़ ग्राम पंचायत (कालोनाईजर का रजिस्ट्रीकरण, निर्बधन तथा शर्तो) नियमों का पालन किया है या नही इससे स्पष्ट हो जाये।

बंधक रखे प्लाटों को छुड़ाने अवैध कालोनाइजरों और अधिकारियों ने किस तरह रचा षड़यंत्र…….पढ़ते रहिये क्रमशः आगे…