Home छत्तीसगढ़ संभागायुक्त अलंग को सर्वश्रेष्ठ शोध शिक्षा लेखन के लिए मानव संसाधन मंत्रालय...

संभागायुक्त अलंग को सर्वश्रेष्ठ शोध शिक्षा लेखन के लिए मानव संसाधन मंत्रालय का 1 लाख का पुरस्कार

41
0

बिलासपुर। बिलासपुर संभाग के आयुक्त डॉ. संजय अलंग को राष्ट्रीय स्तर पर शोध के सर्वश्रेष्ठ कार्य और उत्कृष्ट शिक्षा लेखन के लिए केंद्र सरकार के मानव संसाधन मंत्रालय की ओर से 1 लाख रुपयों का पुरस्कार प्रदान किया गया है। यह पुरस्कार उनकी बहु प्रशंसित और लोकप्रिय पुस्तक छत्तीसगढ़: इतिहास और संस्कृति के लिए वर्ष 2016 के लिए दिया गया है। यह पुस्तक पहले से अपने शोध और पठनीय होने के कारण लोकप्रिय है। आज प्राप्त प्रमाण-पत्र में इसे मौलिक योगदान कहा गया है। यह प्रमाण पत्र आज डॉ. संजय अलंग को प्राप्त हुआ।
पुस्तक छत्तीसगढ़: इतिहास और संस्कृति में छत्तीसगढ़ के पूरे और समग्र इतिहास को लिखा गया है। अत: इसमें छत्तीसगढ़ के सभी भागों, जिन्हें खालसा, रियासत और जमींदारी कहा जाता रहा, का इतिहास सामने आया है। इस पुस्तक में शोध कर कई तथ्यों पर स्पष्ट प्रकाश डाला गया है। गढ़ और छत्तीस क्या है? रियासत और जमींदारी क्या है? छत्तीसगढ़ नाम ही क्युं? आदी कई अनुत्तरित प्रश्नों के उत्तर शोध और तर्क के साथ दिए गए हैं। कई स्थानों के नामकरण का ऐतिहासिक कारण भी सामने आया है। रियासतों के झंडे पहली बार सामने आए हैं। नागपुर जमींदारी की छत्तीसगढ़ और खलारी, सम्बलपुर गढज़ात और चुटिया नागपुर की सभी रियासतों और छत्तीसगढ़ की जमींदारियों का इतिहास भी प्रस्तुत हुआ है। खालसा क्षेत्र का इतिहास भी शोध के साथ कई नए तथ्यों के साथ सामने आया है। छत्तीसगढ़ की बोली और संस्कृति के क्रमिक विकास और स्थापना पर प्रकाश डाला गया है। मुख्य भाग रतनपुर से दुर्ग तक के क्षेत्र के साथ बस्तर और सरगुजा क्षेत्र का इतिहास भी स्पष्ट रूप से सामने आया है, वह भी एकीकृत छत्तीसगढ़ की तरह। कल्चुरी इतिहास भी अधिक स्पष्ट हुआ है। इन्हें कारणों से यह छत्तीसगढ़ के इतिहास पर अनिवार्य पुस्तक बन गई है।
डॉ. संजय अलंग छत्तीसगढ़ के इतिहास और संस्कृति पर विशेष अध्येता और विशेषज्ञ के रूप में जाने जाते हैं। छत्तीसगढ़ पर उनकी दस से अधिक पुस्तकें प्रकाशित हैं। उनके द्वारा छत्तीसगढ़ पर लिखी अन्य पुस्तकें भी बहुत लोकप्रिय हैं। छत्तीसगढ़ की रियासतें और जमींदारियां, छत्तीसगढ़ की जनजातियां और जातियां, छत्तीसगढ़: भूगोल और संसाधन आदि कई पुस्तकें लोकप्रिय हैं। डॉ. सुमिता अलंग के साथ उनकी दो पुस्तकें चर्चित हुई हैं- छत्तीसगढ़ के हस्तशिल्प और छत्तीसगढ़: त्योहार और उत्सव। ज्ञातव्य हो कि डॉ. सुमिता को केंद्रीय संस्कृति विभाग की शोध फैलोशिप मिली थी और वे देश एक ख्यात फाइन आर्ट पेंटर हैं।
डॉ. संजय अलंग एक स्थापित और ख्यात कवि भी हैं। उनकी तीन कविता संग्रह की पुस्तकें – नदी उसी तरह सुंदर थी जैसे कोई बाघ, पगडंडी छिप गई थी और शव- प्रकाशित हो चुके हैं। उन्हें दिनकर सम्मान, श्रीकांत वर्मा सम्मान, राजीव गांधी एक्सिलेंस एवार्ड आदि मिल चुके हैं। संजय अलंग को विभिन्न शासकीय कार्यों में भी पुरस्कृत किया गया है और वे माननीय राष्ट्रपति के हाथों सर्वोत्तम कार्यों के लिए सम्मानित हो चुके हैं।