हिमाचल वन विभाग ने पड़ोसी राज्यों को जारी किया अलर्ट, कांगड़ा में पौंग झील का क्षेत्र सील
कांगड़ा। बर्ड फ्लू ने हिमाचल प्रदेश में चिंता का विषय बना दिया है, जहां कोरोना बुखार अभी तक कम नहीं हुआ है। कांगडा पोंग नदी में बर्ड फ्लू के कारण 2,000 से अधिक प्रवासी पक्षियों की मौत ने पूरे राज्य में हड़कंप मचा दी है और प्रशासन की नींद उड़ा दी है। हालांकि, तत्काल कार्रवाई करते हुए, जिला प्रशासन ने जलाशय के आसपास चिकन और अंडे सहित पोल्ट्री उत्पादों की बिक्री पर प्रतिबंध लगा दिया है। प्रतिबंधित क्षेत्र, जो पोंग झील से एक किलोमीटर के क्षेत्र को कवर करता है, सार्वजनिक पर्यटकों को भी इस क्षेत्र में प्रवेश करने से रोकता है।
पौंग झील में बर्ड फ्लू से प्रवासी पक्षियों की मौत का आंकड़ा 2000 पार कर गया है। भोपाल की पशु रोग संस्थान की रिपोर्ट में वायरस की पुष्टि होने के बाद हिमाचल प्रदेश का वन्य प्राणी विंग खासा सतर्क हो गया है। इस विंग ने पड़ोसी पंजाब, हरियाणा, राजस्थान, जम्मू कश्मीर, उत्तराखंड दिल्ली समेत कई राज्यों को अलर्ट जारी किया है। अलर्ट में कहा गया है कि वे अपने राज्यों के प्रवासी पक्षियों की गतिविधियों पर नजर रखें। हिमाचल में पाया गया बर्ड फ्लू सामान्य फ्लू नहीं है, यह पक्षियों से इन्सान में भी फैल सकता है।
राज्य सरकार ने इस संबंध में विदेश मंत्रालय को भी रिपोर्ट भेजी है। इसमें उन देशों को भी सूचना देने की बात कही गई है, जहां से प्रवासी पक्षी हिमाचल आते हैं इनमें प्रमुख तौर पर सेंट्रल एशिया, साइबेरिया, मंगोलिया, यूरोप के कई देश शामिल है इन देशों के प्रवासी पक्षी अक्टूबर-नवंबर में हिमाचल आने शुरू हो जाते हैं। मृत पक्षियों को नष्ट करने के लिए कर्मचारियों को पीपीई किट मास्क और ग्लब्स पहनने होंगे। इसके अलावा 10 किलोमीटर के दायरे में कांगड़ा जिले में पोल्ट्री फॉर्म नष्ट किए जाएंगे।
उधर पशुपालन विभाग भी अलर्ट हो गया है। विभाग के अधिकारियों को सरकार ने कड़े निर्देश जारी किए हैं। इनमें कहा गया है कि वह बर्ड फ्लू को इंसान में फैलने से रोकने के कड़े कदम उठा।
सामान्य नहीं यह बर्ड फ्लू : पीसीसीएफ
पीसीसीएफ वन्य प्राणी विंग अर्चना शर्मा का कहना है यह बर्ड फ्लू सामान्य नहीं है। इसके लक्षण सर्दी जुकाम खांसी बुखार जैसे ही होते हैंं। यह पक्षी से इन्सान में फैल सकता है। एहतियाती तौर पर पड़ोसी राज्यों को भी अलर्ट किया गया है। राज्य में सभी मंडलों के अधिकारियों को एडवायजरी जारी की गई है।
किए पुख्ता इंतजाम : मंत्री
पशुपालन मंत्री वीरेंद्र कंवर का कहना है पशुपालन विभाग पूरी तरह से अलर्ट पर है। कांगड़ा जिले में 10 किलोमीटर के दायरे में पोल्ट्री नष्ट होंगी। बर्ड फ्लू को इन्सान में फैलने से रोकने के लिए पुख्ता इंतजाम किए गए हैं।
पोंग नदी से मृत पाए गए पक्षियों को प्रयोगशाला परीक्षणों के लिए भोपाल भेजा गया था। इन पक्षियों की रिपोर्ट सकारात्मक आई है। H5N1 एवियन इन्फ्लूएंजा वायरस सभी पक्षियों में पाया गया है। हिमाचल प्रदेश की राजधानी शिमला से लगभग 300 किलोमीटर दूर कांगड़ा में पोंग जलाशय में एक पक्षी अभयारण्य स्थापित किया गया है। हर साल लाखों पक्षी सर्दियों में साइबेरिया और मध्य एशिया के ठंडे क्षेत्रों से आते हैं और फरवरी से मार्च तक रहते हैं। इसके बाद, पक्षी फिर से लौटते हैं।