मुंगेली/ नगर पालिका में कार्य संचालन में लिपिकों, कर्मचारियों की भूमिका महत्वपूर्ण मानी जाती हैं क्योंकि अधिकारियों के समक्ष कोई भी दस्तावेज कर्मचारी ही हस्ताक्षर के लिए प्रस्तुत करता हैं, जिससे उनकी जिम्मेदारी और जवाबदेही और भी ज्यादा होती हैं।
अभी हाल ही में मुंगेली नगर पालिका के सहायक राजस्व निरीक्षक सियाराम साहू और सहायक ग्रेड-3 महितोष शर्मा का स्थानांतरण आदेश क्रमशः 17.09.2019 एवं 17.10.2019 को छत्तीसगढ़ शासन के नगरीय प्रशासन एवं विकास विभाग द्वारा जारी किया गया था, परंतु एक वर्ष से भी अधिक समय हो गए जो ये दोनों नगर पालिका में ही कुंडली मार कर बैठे हुए हैं और अपनी मनमानी कर रहे हैं, सत्तापक्ष के जनप्रतिनिधियों को भी इस बात की सुध लेने फुर्सत नहीं हैं। सहायक राजस्व निरीक्षक सियाराम साहू और सहायक ग्रेड-3 महितोष शर्मा के स्थानांतरण आदेश के बाद नोटसीट चलाकर उसमें स्पष्ट लिखा गया था कि शासन आदेश के परिपालन में सियाराम साहू और महितोष शर्मा को भारमुक्त किये जाने की स्वीकृति उपरांत अधिकारी द्वारा उस नोटशीट में भारमुक्त हेतु पत्र तैयार कर प्रस्तुत करने कहा गया, परंतु इन कर्मचारियों ने चालाकी दिखाते हुए तत्कालीन अध्यक्ष को अपने पक्ष दर्शाते हुए नोटशीट चलाया कि उक्त कर्मचारियों के स्थानांतरण रोकने अध्यक्ष से पत्र लिखने एवं अब तक रिलीव नही करने के निर्देश प्राप्त हुए हैं, परंतु अब तो नए परिषद का गठन हो चुका हैं उसके बाद भी इन कर्मचारियों का अपने निर्धारित स्थान पर रिलीव होकर न जाना कई संदेहों को जन्म दे रहा हैं। साथ ही संबंधित कर्मचारियों द्वारा ही पत्र नस्ती तैयार करने की जानकारी मिली हैं, जिसके चलते कई सवाल खड़े हो रहे हैं ? साथ ही नपा के कुछ जनप्रतिनिधियों ने दस्तावेज के साथ छेड़छाड़ का भी आरोप लगाया हैं।
इसके अलावा मुंगेली नगर पालिका क्षेत्र में चल रहे निर्माण कार्यो एवं योजनाओं के संचालन में भारी भ्रष्टाचार देखी गई हैं जिसका पहले भी खुलासा किया जा चुका हैं, जिसमें इन पुराने कर्मचारियों और लिपिकों की भूमिका अहम मानी जाती हैं।