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बिना मॉस्क के घूम व कार्यक्रमों में जाकर पुलिस को चिढ़ा तो नहीं रहे बिलासपुर के विवादित विधायक शैलेष पांडेय ? या बिलासपुर पुलिस को कर रहे चेलेंज ? कोरोना को लेकर विधायक खुद हुए लापरवाह…लॉकडाउन में भी विधायक ने कहा था- पुलिस से लोग डरते है और जनता पुलिस से नहीं लेगी खाना…

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बिलासपुर संभाग/ आम जनता के साथ-साथ शासन प्रशासन में भी कोरोना का भय बना हुआ हैं, केंद्र से लेकर राज्य की सरकारें समय-समय पर कोरोना से निपटने कई तरह के गाइडलाइंस जारी की थी और कर भी रहीं हैं। महीनों लॉकडाउन के बाद इसमें ढिलाई तो दी गई परंतु कई नियमों के पालन के लिए निर्देश भी दिया गया जिसके चलते कोरोना वायरस ज्यादा फैल न सके, क्योंकि अभी कोरोना वायरस की कोई अधिकृत वैक्सीन नहीं आई हैं ऐसे में बचाव के उपायों से ही कोरोना से बचा जा सकता हैं, जिसमें मॉस्क, सोशल डिस्टेंसिंग और सेनेटाइजर का उपयोग प्रमुख माना गया हैं। कोरोना वायरस को लेकर जितनी गंभीर राज्य सरकार हैं उतने ही लापरवाह जनप्रतिनिधियों को देखा गया हैं, उदाहरण के लिए हम बिलासपुर के विवादित विधायक शैलेश पांडेय की बात करते हैं जो कई कार्यक्रमों में अपनी उपस्थिति देते हैं अधिकांश कार्यक्रमों में वे मॉस्क नहीं पहनते, कई बार निरीक्षण या दौरों के के समय भी देखा गया कि उनके आसपास के लोग मॉस्क लगाते हैं परंतु वे मॉस्क नहीं पहनते, जिससे ऐसा लगता हैं कि वे कोरोना को हल्के में ले रहे हैं और बाकियों की जिंदगी खतरे में डालने में उन्हें अच्छा लगता हैं साथ ही शासन के नियमों का पालन न करना उनके लिए एक मजाक जैसा हो गया हैं।
अभी हाल ही में बिलासपुर में तारबाहर थाना भवन के लोकार्पण कार्यक्रम में विधायक शैलेश पांडेय ने पुलिस विभाग के विषय में कई आरोप लगाते हुए दिखे थे इस कार्यक्रम में प्रदेश के गृहमंत्री की वर्चुअल मौजूदगी थी, कार्यक्रम में विधायक की बौखलाहट साफ दिख रही थी, जिसके कारण गृहमंत्री को बीच में ही उन्हें टोकना पड़ा, जिसके चलते विधायक शैलेश पांडेय की पार्टी एवं जनता के बीच जमकर आलोचना भी हुई थी। कई कांग्रेसियों ने खुद कहा कि विधायक को पुलिस से शिकायत है तो स्वयं गृहमंत्री से शिकायत करना चाहिए था, मंच में इस तरह भाषणबाजी से कहीं न कहीं सरकार की कमी प्रदर्शित होती हैं परंतु विधायक को इससे क्या मतलब वे तो अपनी ही सुर में राग अलापते रहते हैं। जानकारों एवं राजनीतिकारों की माने तो विधायक शैलेष पांडेय के बड़बोले रवैय्ये व पुलिस के खिलाफ भाषणबाजी के कारण वे खुद को जनता का हीरो और पुलिस विभाग को जनता का विलेन बताने लगे थे, जिसके चलते विधायक की खूब आलोचना हुई, उसके बाद शायद पुलिस को चिढ़ाने या उन्हें चेलेंज करने विधायक शैलेश पांडेय बिना मास्क के शहर घूम रहे एवं कार्यक्रमों में शामिल हो रहे, क्योंकि शायद उन्हें लगता हैं कि मंच में उन्होंने पुलिस के बारे में इतना बोला हैं तो उन पर कार्यवाही करने पुलिस कहाँ से हिम्मत जुटाएगी ? राजनीतिकारों ने आगे बताया कि विधायक शैलेश पांडेय शुरू से विवादित व्यक्ति रहे हैं खुद की कांग्रेस पार्टी में नेताओं से उनका विवाद भी हो चुका हैं, साथ लॉकडाउन के समय जब आईजी ने आदेश निकाला था कि लोग भोजन बांटने के दौरान सोशल डिस्टेंसिंग का पालन नहीं कर रहे, इसीलिए अब यह काम नगर निगम , स्थानीय निकाय व पुलिस करेगी, जिस पर विधायक शैलेश पांडेय ने पुलिस के खिलाफ जहर उगलते हुए फिर बयान दिया था कि पुलिस से लोग डरते है और लोग पुलिस से खाना नहीं लेंगे। इस तरह के बयानों से ऐसा लगता हैं मानो विधायक शैलेश पांडेय पुलिस के खिलाफ एक मुहिम चलाने का कार्य कर रहे हैं। कांग्रेसियों ने खुद कहा कि विधायक शैलेश पांडेय एक जिम्मेदार पद में हैं उन्हें लोगों के स्वास्थ्य एवं जान की चिंता होनी चाहिए, उसके बाद भी अगर वे कार्यक्रमों में बिना मॉस्क के जा रहे हैं तो कहीं न कहीं ये उनकी सबसे बड़ी लापरवाही हैं और यह कहा जा सकता हैं कि वे खुद के अलावा लोगों के स्वास्थ्य को खतरे में भी डाल रहे हैं। अब देखना हैं कि विधायक के बिना मॉस्क के सार्वजनिक स्थानों पर जाने पर पुलिस क्या कार्यवाही करती हैं। ?