Home राजनीति कुछ किए बिना बोलना आत्मनिरीक्षण नहीं : अधीर रंजन चौधरी

कुछ किए बिना बोलना आत्मनिरीक्षण नहीं : अधीर रंजन चौधरी

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कांग्रेस में घमासान, अब अधीर ने लिया सिब्बल को आड़े हाथ
नई दिल्ली।
बिहार चुनाव और देश के अन्य हिस्सों में हुए उपचुनावों में कांग्रेस की पराजय को लेकर पार्टी में घमासान जारी है। इस बीच पूर्व केंद्रीय मंत्री कपिल सिब्बल की टिप्पणी पर लोस में पार्टी के नेता अधीर रंजन चौधरी ने उन्हें आड़े हाथों लिया है। अधीर रंजन ने कहा, बिना कुछ किए बोलना आत्मनिरीक्षण नहीं होता है।
वरिष्ठ कांग्रेस नेता चौधरी ने कहा, कपिल सिब्बल ने इस बारे में पहले भी बात की थी। वह कांग्रेस और आत्मनिरीक्षण के लिए बहुत चिंतित हैं, लेकिन हमने उन्हें बिहार, मध्यप्रदेश, उत्तर प्रदेश या गुजरात के चुनावों के दौरान नहीं देखा।
दरअसल, कांग्रेस नेता कपिल सिब्बल ने एक साक्षात्कार में बिहार व मध्यप्रदेश उपचुनावों के परिणामों को लेकर पार्टी के भीतर आत्मनिरीक्षण की आवश्यकता की वकालत की। इसके बाद पार्टी के कई नेताओं ने कपिल सिब्बल के बयान की आलोचना की है।
चौधरी ने कहा, अगर कपिल सिब्बल बिहार और मध्यप्रदेश में चुनाव प्रचार के लिए जाते, तो वे साबित कर सकते थे कि वे जो कह रहे हैं वह सही है और इससे उन्होंने कांग्रेस की स्थिति मजबूत की। चौधरी ने कहा कि ऐसी बातों से कुछ हासिल नहीं होगा। बिना कुछ किए बोलने का मतलब आत्मनिरीक्षण नहीं है।
गहलोत ने भी साधा था निशाना
इससे पहले, राजस्थान के मुख्यमंत्री अशोक गहलोत ने भी सिब्बल पर निशाना साधते हुए कहा था कि पूर्व केंद्रीय मंत्री को पार्टी के आंतरिक मुद्दे का उल्लेख मीडिया में नहीं करना चाहिए था। इससे देशभर में पार्टी कार्यकर्ताओं की भावनाओं को ठेस पहुंची है।
अपने साक्षात्कार में सिब्बल ने कहा था कि उन्हें मजबूरी में अपनी बातों को सार्वजनिक रूप से कहना पड़ रहा है, क्योंकि पार्टी के नेतृत्व द्वारा बातचीत का कोई प्रयास नहीं किया गया। सिब्बल ने कहा था कि बिहार और जहां उपचुनाव हुए हैं, वहां लोग कांग्रेस को एक प्रभावी विकल्प नहीं मानते हैं।