नईदिल्ली। चीन के साथ सीमा पर जारी तनातनी के बीच सरकार चीनी आयात पर निर्भरता कम करने के लिए हरसंभव प्रयास कर रही है। इसी कड़ी में सरकार अब केमिकल्स के मामले में चीन से आयात को कम करने के लिए व्यापक योजना बना रही है। सूत्रों के मुताबिक कुछ अहम केमिकल्स के उत्पादन को बढ़ावा देने के लिए प्रोडक्शन लिंक्ड इनसेंटिव (पीएलआई) स्कीम शुरू की जा सकती है। इन केमिकल्स का इस्तेमाल फार्मा सेक्टर, कीटनाशनक और दूसरे अहम उद्योगों में होता है।
हाल में इस संबंध में एक के बाद एक कई बैठकें हुईं। डिपार्टमेंट ऑफ केमिकल्स ने करीब 75 अहम केमिकल्स की पहचान की है और अभी इस सूची में रसायन जुड़ सकते हैं। इनसेंटिव स्कीम के तहत प्रोडक्शन वैल्यू का 10 फीसदी इनसेंटिव के रूप में दिया जाएगा। इस प्रस्ताव के मुताबिक इस योजना के तहत अगले 5 साल में 25,000 करोड़ रुपये से अधिक खर्च किए जाएंगे।
एक अधिकारी ने कहा कि भारत 1.5 लाख करोड़ रुपये के केमिकल्स का आयात करता है जिसमें से 85 से 90 फीसदी चीन से आता है। इन केमिकल्स का इस्तेमाल फार्मा उद्योग के लिए कच्चा माल बनाने, कीटनाशक बनाने और दूसरी इंडस्ट्रियल प्रोसेसेज में किया जाता है।
एक सीनियर अधिकारी ने कहा कि केमिकल्स का इस्तेमाल दवा के साथ-साथ कई उद्योगों में होता है। हमने फार्मा एपीआई बनाने के लिए पहले ही एक पीएलआई स्कीम शुरू कर दी है। फिर हमें लगा कि एपीआई बनाने के लिए कुछ प्रमुख केमिकल्स का अब भी चीन से आयात हो रहा है। इसलिए इस योजना की जरूरत महसूस की गई। डिपार्टमेंट ऑफ केमिकल्स ने इस बारे में एक समिति का भी गठन किया है और जल्दी ही डिपार्टमेंट ऑफ एक्सपेंडीचर को इस बारे में फाइनल प्रपोजल भेजा जाएगा। उसके बाद इसे मंजूरी के लिए मंत्रिमंडल के समक्ष रखा जाएगा।