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भाजपा की वर्चुअल रैली फ्लाप शो : मोहन मरकाम

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शिवराज सिंह को मध्यप्रदेश से छत्तीसगढ़ आयात करने का प्रयोग भी नाकाम
मोदी सरकार ने रचा है हर मोर्चे पर विफलता का कीर्तिमान
मजदूर, किसान, नौजवान, व्यापारी, मध्यम वर्ग सबमें भाजपा के प्रति नाराजगी
रायपुर।
भाजपा की वर्चुअल रैली को फ्लाप शो निरूपित करते हुए प्रदेश कांग्रेस अध्यक्ष मोहन मरकाम ने कहा है कि जब भाजपा ने छत्तीसगढ़ के सारे नेताओं रमन सिंह, बृजमोहन अग्रवाल, सरोज पांडेय, विष्णु देव साय को अपना कर देख लिया और इन सभी को जनता से और भाजपा कार्यकर्ताओं से कोई रिस्पांस नहीं मिला तो मजबूरन भाजपा ने शिवराज सिंह चौहान को वरचुअल रैली के लिये मध्यप्रदेश से आयात किया। भाजपा का शिवराज सिंह चौहान को छत्तीसगढ़ की वरचुअल रैली का नेतृत्व करने के लिये मध्यप्रदेश से लाने का भाजपा का प्रयोग भी विफल रहा है। भाजपा की आज की वर्चुअल रैली पूरी तरह फ्लाप शो ही साबित हुयी।
भाजपा की वर्चुअल रैली पर तंज कसते हुए प्रदेश कांग्रेस अध्यक्ष मोहन मरकाम ने कहा है कि मोदी सरकार हर मोर्चे पर विफल रही है। मोदी सरकार ने हर मोर्चे पर विफलता का कीर्तिमान रचा है। मजदूर, किसान, नौजवान, व्यापारी, मध्यम वर्ग सबमें भाजपा के प्रति नाराजगी है। अर्थव्यवस्था सम्हालने में विफल, कोरोना संक्रमण रोक पाने में विफल, किसानों की आय दुगुनी करने में विफल, 2 करोड़ रोजगार हर साल नौजवानों को देने में विफल, प्रवासी मजदूरों को उनके प्रदेश घर गांव तक पहुंचाने में विफल, सरहदों की रक्षा कर पाने में विफल रही है। नरेन्द्र मोदी के वायदे के मुताबिक दो करोड़ रोजगार हर साल के अनुसार 6 साल में 12 करोड़ रोजगार मिलने थे देश के युवाओं को लेकिन हुआ ठीक उल्टा बेरोजगारी 45 साल में सर्वाधिक 27 प्रतिशत तक पहुंच गयी। नोटबंदी और जीएसटी के बाद देश की अर्थव्यवस्था लॉकडाउन के भी कुप्रबंधन के चलते बेहद खराब दौर से गुजर रही है। 20 लाख करोड़ के पैकेज की घोषणा प्रधानमंत्री मोदी और वित्त मंत्री निर्मला सीतारमन ने की जिसमें पूरे देश में किसी भी गरीब, मध्यम वर्ग, किसान, मजदूर, ठेले वाले, दुकानदार, उद्योग काम धंधे वाले किसी को भी समझ में ही नहीं आ रहा है कि उनको मिला क्या है? क्या नहीं मिल पाया है, यह सबको पता है। इसीलिये भाजपा की वरचुअल रैली को जनसमर्थन तो दूर की बात भाजपा कार्यकर्ताओं का भी समर्थन नहीं मिल सका। भाजपा ने दस लाख लोगों की भागीदारी का दावा किया था लेकिन दस-दस लोग जुटा पाने में भी विफल रही।